योग कमेंटरी | अशरीरी स्थिति का अभ्यास | Practising the Bodyless stage

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योग कमेंटरी | अशरीरी स्थिति का अभ्यास | Practising the Bodyless stage

मैं अशरीरी हूँ… ये देह अलग, मैं आत्मा अलग हूँ… मैं एक दिव्य प्रकाश हूँ

(ऊपर से देखते हुए) देह विश्राम कर रहा है… मैं उसको जरा भी use नहीं कर रही हूँ… आँखे भी स्थिर है

मैं देह से बिल्कुल न्यारी हूँ… एक गहरी शान्ति अनुभव हो रही है… मेरे मन-बुद्धि स्थिर हो रहे हैं

अभी शिवबाबा को लंबा समय देख सकती हूँ… उनके गुणों और शक्तियों की किरणें मुझ पर निरन्तर बरस रही है… मैं भरपूर हो रही हूँ… मेरी प्यास बुझ गई है, मैं तृप्त हो चुकी हूँ…

इसी अभ्यास को बीच बीच में करते रहना है… ये देह अलग, मैं आत्मा अलग हूँ… जिससे सहज आत्म-अभीमानी बन, शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर रहेंगे… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

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Becoming Pure like Brahma Baba | ब्रह्मा बाप समान पावन बनने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 20-01-2018

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Becoming Pure like Brahma Baba | ब्रह्मा बाप समान पावन बनने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 20-01-2018

पवित्रता का महत्व

1. हम होली हंसों को अपने पवित्रता की पर्सेंटेज चेक करनी है, मन्सा वाचा कर्मणा सम्बन्‍ध सम्पर्क में… जहां सच्ची शक्तिशाली पवित्रता है, वहां औरों के संकल्प वृत्ति दृष्टि स्मृति भी परिवर्तन हो जाती… नहीं तो हम भी प्रभावित हो जाते, जिससे सिद्ध होता कि हम अपने स्वभाव-संस्कार बाबा से हमारा सम्बन्ध कमझोर है!

2. पवित्रता ही foundation है, 21 जन्मों के प्राप्तियों की… पवित्रता ही महानता है, जिससे सर्व प्राप्तियां वा सफलता मिल जाती, सभी श्रेष्ठ स्थितियों का अनुभव कर सकते… तो इस पर पूरा-पूरा खबरदार रहना है

3. काम विकार के कई बाल-बच्चे हैं… किसी के प्रति व्यर्थ विकारी दृष्टि जाना भी अपवित्रता है, महापाप है… जिससे कुल कलंकित बनते, दुखी होकर मरते, धर्मराज द्वारा सौगुणा दण्ड मिलता, और राज्य-भाग्य भी गंवाते

ब्रह्माचारी अर्थात कौन?

1. ब्रह्माचारी अर्थात ब्रह्मा बाप के आचरण पर चलने वाले… अर्थात हर संकल्प, बोल, कर्म में ब्रह्मा बाप के कदम पर कदम रखना है, पहले चेक करना यह ब्रह्मा बाप समान है?… तो हमारे:

  • हर कर्म (उठना बैठना आदि) बाबा जैसे कर्मयोगी बन जाएँगे!… गंभीरता वा हर्षितमुखता का बैलेंस रहेगा
  • स्थिति महान रहेगी
  • चेहरे और चलन में अन्तर्मुखता और अतिन्द्रीय सुख समाया रहेगा… श्रेष्ठ जीवन का प्रभाव और बाबा का अनुभव होगा
  • हर बोल अलौकिक महावाक्य होगा, पवित्रता के vibration से सम्पन्न
  • Personality purity की बन जाएगी
  • संस्कार-स्वभाव में बाप समान हम निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बन जाएँगे… मुरली से बहुत प्यार रखना है!

2. कितनी भी सेवा वा जिम्मेवारीयां हो, लेकिन हम सिर्फ बाबा की निमित्त katputli है… इसी स्मृति से सदा हल्का रहना है!

3. ब्रह्मा बाबा समान पाठ पक्का रखना है, मेरा तो एक शिव बाबा दूसरा ना कोई… माया कितना भी हिलाए, सदा खुश रहना है, परिस्थिति के ऊपर से उड़ जाना है!

4. ब्रह्मा बाप को पसन्द है कम खर्च बाला-नशीन… इसलिए कम संकल्प, बोल से सफलता ज्यादा प्राप्त करनी है! … सब कुछ सफल करना है!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपनी आंतरिक पवित्रता पर पूरा-पूरा ध्यान रखे, और उसे श्रेष्ठ बनाने सदा ब्रह्मा बाबा के footsteps पर चलते रहे… तो हमारी स्थिति सदा श्रेष्ठ, खुश और हल्की रहेगी, कम शक्ति से सफलता ज्यादा मिलेगी, सबका कल्याण करतेे रहेंगे… और हम बहुत जल्द सतयुग लाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | हमारा अविनाशी प्यार | Our love with Baba! | Avyakt Murli Churnings 18-01-2019

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योग कमेंटरी | हमारा अविनाशी प्यार | Our love with Baba! | Avyakt Murli Churnings 18-01-2019

बाबा स्नेह के सागर है… मैं उनका स्नेही, लवली, लवलीन बच्चा हूँ

बाबा कहते मेरे बच्चे, लाडले बच्चे, मेरे सिरताज बच्चे… हम भी कहते मेरा बाबा, मीठा बाबा, प्यारा बाबा

बाबा की याद से… मैं सर्व ईश्वरीय प्राप्तियों से सम्पन्न हूँ… सर्व खजानों का मालिक हूँ

मैं परमात्म पालना में पालने वाली… पद्मपद्म भाग्यशाली आत्मा हूँ

मैं मेहनत से मुक्त… समाधान स्वरूप हूँ

मैं मन्सा वाचा कर्मणा तीनों सेवाएं साथ-साथ करने वाली आत्मा हूँ… सर्व को अच्छा बनने की प्रेरणा देती… सतयुग बनाती जा रही हूँ… ओम् शान्ति!

गीत: ओ स्नेह सागर…


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हमारा अविनाशी प्यार | Our imperishable love with the Supreme! | Avyakt Murli Churnings 18-01-2019

हमारा अविनाशी प्यार | Our imperishable love with the Supreme! | Avyakt Murli Churnings 18-01-2019

हमारा अविनाशी प्यार!

आज स्नेह के सागर अपने स्नेही, लवलीन, लवली बच्चों से मिलने आए… बाबा भी कहते मेरे बच्चे, लाडले बच्चे, मेरे सिरताज बच्चे, स्नेह के बाहों की माला पहना रहे… बच्चे भी कहते मेरे बाबा, और स्नेह के मोती की माला बाबा को पहनाते!

स्मृति दिवस की स्मृतियाँ!

बाबा ने ऎसी श्रेष्ठ स्मृतियाँ दिलाई है, जिससे second में समर्थी का नशा चढ़ जाता:

  • हम वही कल्प पहले वाले भाग्यशाली बच्चे है
  • मेरा बाबा है गोल्डेन शब्द… जिससे याद सहज और स्वतः रहने से, सर्व प्राप्ति सम्पन्न सर्व खज़ानों के मालिक बन जाते
  • हम परमात्म पालना में पल रहे हैं… जो एक ही बार एक जन्म में ही मिलती!

और पॉइन्ट्‍स

1. यह वर्ष है न्यारा और सबका प्यारा बनने का, मेहनत और समस्याओं से मुक्त होने का वर्ष, तब ही मास्टर मुक्तिदाता बन औरों को मुक्त कर सकेंगे!

2. अब प्रतिज्ञा की लिस्ट को लंबी करने के बजाए फ़ाइनल करनी है… चाहे सहन करना सुनना झुकना पड़े, लेकिन हमें बदलना है जरूर… इसलिए ऎसा वैसा कि बहानेबाज़ी और औरों को देखने से परे हो, स्वयं कारण को निवारण, समस्या को समाधान में परिवर्तन करना है… यही बाबा की हमसे आश वा उम्मीदें हैं!

3. बाबा की पालना का रिटर्न है स्वयं को टर्न (अर्थात परिवर्तन) करना!

4. मन्सा वाचा कर्मणा तीनों सेवाएं साथ-साथ करनी है, स्नेेह और सहयोग देना है… तो सभी सिर्फ अच्छा-अच्छा कहने के बजाए अच्छा बनने की प्रेरणा भी लेंगे… और हम साथ में नई वर्ल्ड create करेंगे!

5. महाराष्ट्र है महान आत्माओं का राष्ट्र, महान कार्य करने वालेेे महारथीयों का… विदेशी है मधुबन के श्रृंगार

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के प्यार में लवलीन रह, श्रेष्ठ स्मृतियों का सिमरण करते रहे... जिससे सहज ही मेहनत-मुक्त समाधान स्वरूप बन जाएँगे, और मास्टर मुक्तिदाता बन सबको मुक्ति दिलाने के निमित्त भी बनेंगे … ओम् शान्ति!

Becoming Perfect, in God’s love! | बाप समान सम्पन्न और सम्पूर्ण बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 18-01-2019

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Becoming Perfect, in God’s love! | बाप समान सम्पन्न और सम्पूर्ण बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 18-01-2019

1. हम अविनाशी आत्माओं की प्रीत एक बाप से लगी है (अर्थात हम शमा बाप पर कुर्बान गए हैं)… तो बाबा भी हम पर 21 जन्मों का वर्सा दे कुर्बान जाते हैं!… तो योग-अग्नि द्वारा बाप समान जरूर बनना है!

2. Check करना है, क्या हमने बाबा से सब कुछ ले लिया है? (अर्थात लक्ष्मी-नारायण समान perfect बन गए हैं?)… अगर नहीं, तो खामियां निकालने (अर्थात भूतों को भगाने) का पूरा-पूरा पुरूषार्थ करना है… बाबा को सबकुछ बताकर, उनकी राय पर चल (और current ले) विजयी बनना हैआत्मिक दृष्टि और बाबा की याद का अभ्यास बहुत पक्का करना है

3. ज्ञान की मस्ती में रहना है, हम तो आत्मा है… शरीर में जरा भी ममत्व न रहे, हम तो सिर्फ सर्विस के लिए इसमे आए हैं… तो ऎसी ऊँची अवस्था हो जाएगी, बाकी सभी ख्यालात समाप्त हो, सर्विस खूब अच्छी करते रहेंगे… हमें तो सब का जीवन बनाना है!

4. सुबह उठकर और सोने से पहले, बाबा को याद जरूर करना है… तो बाबा के प्यार की कशिश होगी… अंत मे पछताने से बच जाएंगे!

अव्यक्त महावाक्य

वर्तमान समय Silence की शक्ति द्वारा अपनी अवस्था को refine करना है (अर्थात कम शक्ति वा समय खर्च कार्य सौगुणा करना है)… नहीं तो छोटी बातों का फाइन भी बढ़ता जाता है… दोनों नज़ारे अति में जाए, साथ साथ दिखाई दे रहे हैं

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा पर पूरा-पूरा कुर्बान हो लक्ष्मी-नारायण समान Perfect बन जाएँ… ऎसी ऊँची अवस्था हो, कि बाकी सब ख्यालात समाप्त हो, बहुतों का जीवन श्रेष्ठ बनाते रहे… तो हम बहुत ही जल्दी सतयुगी श्रेष्ठ सृष्टि लाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं अमूल्य हीरा हूँ | I am a diamond

योग कमेंटरी | मैं अमूल्य हीरा हूँ | I am a diamond

मैं अमूल्य हीरा हूँ… चमकता हुआ बेदाग हीरा… मस्तक मणि हूँ

मैं बाबा का विशेष अनन्य रत्न हूँ… कल्प-कल्प का विजयी रत्न… सन्तुष्टमणि हूँ

सभी defect के effect को दूर कर… मुझे perfect बनना है… बिल्कुल flawless!… परचिंतन की धूल से भी मुक्त

बाबा रत्नागर है… मुझ हीरे को रोझ चमकाता है… मेरा जीवन हीरे-तुल्य बनाता… सबका भी बनाना है!

मैं हीरो एक्टर हूँ… मुझसे सबको प्रेरणा मिलती… मैं सबसे अमूल्य कोहिनूर हीरा हूँ… ओम् शान्ति!


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Sakar Murli Churnings 17-01-2019

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Sakar Murli Churnings 17-01-2019

1. हमारा कितना wonderful बाबा है, जिसे कोई भी तमन्ना नहीं है… सिर्फ हमारी पालना, पढ़ाई, पुचकार कर गुल-गुल बनाते हैं… सिर्फ यही आश है बच्चे लायक, गुणवान बनें!

2. हम नई दुनिया के लिए पढ़ रहे हैं, यह याद रहे तो भी मनमनाभव है… अपने कल्याण पर पूरा ध्यान देना है, दुनियावी बातों लड़ाई झगड़े में टाईम वेस्ट नहीं करना है… माया से बचकर बाबा की श्रीमत पर उसकी यादों में रहना है

3. ऊंच पद पाने लिए दिन-रात सेवा का ओना रहे, गला भल घुट जाए, सेवा के बिना सुख न लगे… स्थूल सेवा भी जरूर करनी है… अंत मे result निकलेगी, हमारा कल्प-कल्प का क्या पद होगा!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… यही स्मृति रखे की हम नई दुनिया के लिए पढ़ते, और पढ़ाई याद और सेवा में पूरा जोर लगा दे… तो हमारा और सबका सदा के लिए कल्याण हो, विश्व स्वर्ग बन जाएंगा… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं सर्वगुण सम्पन्न देवता हूँ | I’m full of all virtues

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योग कमेंटरी | मैं सर्वगुण सम्पन्न देवता हूँ | I’m full of all virtues

मैं सर्वगुण सम्पन्न देवता हूँ… सदा सन्तुष्ट… हर्षितमुख… प्रसन्नचित हूँ

मेरी आखें शीतल… बोल मधुर… व्यवहार बहुत मीठा है

मेरी चलन बड़ी रॉयल है… उदारचित हूँ… मैं दिव्यता से सम्पन्न… सतयुगी देव आत्मा हूँ

मैं सतोप्रधान… सम्पूर्ण पवित्र आत्मा हूँ… मर्यादा पुरुषोत्तम हूँ

मैं उमंग उत्साह से भरपूर हूँ… हर पल उत्सव है… हर दिन त्योहार… खुशियां ही खुशियां है… ओम् शान्ति!

गीत: जीवन गुणों से पुर्ण होगा…


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Creating Peace in the World | विश्व में शान्ति स्थापन करने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 15-01-2019

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Creating Peace in the World | विश्व में शान्ति स्थापन करने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 15-01-2019

1. भ्रूकुटी में आत्मा भाई को देखना है, उससे ही बातें करनी है… तो गलत ख्यालत समाप्त हो, कर्मेंद्रीयां control में रहेंगे, और दिव्यगुण automatically धारण होते जाएंगे!… बाबा की याद रहेगी!

2. भगवान आकर पढ़ाते हैं, हमें तमोप्रधान से सतोप्रधान बनाने… तो अब हमारा एम ऑब्जेक्ट है सतोप्रधान देवता बनना और बनाना!

3. शिवबाबा ने विश्व में शान्ति स्थापन की थी, तब लक्ष्मी-नारायण का राज्य था… और पवित्रता ही सुख शान्ति की जननी है, इसलिए बाबा पवित्रता के बल से स्थापना करते हैं… तो पावन जरूर बनना है!… खुशी में रोमांच खड़े हो जाने चाहिए, हम ऎसे डबल सिरताज बनने वाले हैं!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… आत्मा भाई-भाई की दृष्टि पक्की कर सदा आत्म-अभिमानी रह, बाबा से शक्ति लेते रहें… ऎसे पावन सतोप्रधान बनने से हम बहुत शीतल शान्त बन जाते… हर जगह शान्ति फैलाते रहते, औरों को भी ऎसे शान्त बनने की प्रेरणा मिलती, और विश्व में शान्ति का राज्य सतयुग स्थापन हो जाता… ओम् शान्ति!

Becoming Sweetest | स्वीटेस्ट बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 15-01-2019

Becoming Sweetest| स्वीटेस्ट बनने की सहज विधि| Sakar Murli Churnings 15-01-2019

1. अभी हमारा पार्ट है most sweetest (स्वीट के पहाड़) बाबा के संग sweet children बनकर… स्वीटेस्ट स्वर्ग के मालिक लक्ष्मी-नारायण बनना!

2. इसलिए शान्त अन्तर्मुखी रहकार पवित्र देही-अभीमानी बनना है… अपना सुखधाम का पुरुषोत्तम चेहरा और चोला बार-बार देखते रहना है!

3. बाबा को बहुत लव से याद करना है, खुशी में रोमांच खड़े हो जाने चाहिए, प्रेम में आंसू भी भले आए… अपना चार्ट रोझ देखना है, हम बाबा को कितना याद करते हैं… खामियां निकाल flawless diamond बनने का पुरूषार्थ करना है, तो बाबा भी current देकर सहयोग देंगे!

4. अपने को अशरीरी आत्मा समझ बाप को याद करना है, तो ever-healthy-wealthy बन जाएँगे… मुख से ज्ञान रत्न ही निकालने से बाप का नाम बाला होगा और सब फॉलो करेंगे

सार

तो चलिए आज मकर संक्रांति के पावन अवसर पर… गुड समान sweetest बनने के लिए, अपने को तिल रूप-समान आत्मा समझेे, और अपनेे जीवन की डोर बाबा के हाथों मे दे… तो हम भी पतंग समान हल्के बन परमधाम की ऊंची स्थिति की ऊंची उड़ान भरते रहेंगे… और खुशियों की दुनिया सतयुग बनाते चलेंगे… ओम् शान्ति!