Being God’s right hand! | Avyakt Murli Churnings 29-03-2020

Being God’s right hand! | Avyakt Murli Churnings 29-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

हम बाबा की भुजाएं है… भुजाओं का कार्य है:

  • कर्म करना… जो जीवन-चेहरे-दृष्टि में प्रत्यक्ष अनुभव होता (और बाबा को प्रत्यक्ष करता)… राइट हैन्ड अर्थात्‌ शुभ-श्रेष्ठ कर्म करने वाले
  • सहयोग देना… तो हर समय तन-मन धन से बाबा के सहयोगी (देह-सम्बंधी की प्रवृत्ति के विस्तार से परे)
  • शक्ति का प्रतीक… तो सदा शक्तिशाली दृष्टि-वृत्ति संकल्प:
    • संकल्प… श्रेष्ठ सृष्टि रचे
    • वृत्तिवायुमण्डल बनाएं
    • दृष्टि… अशरीरी-आत्मा का अनुभव कराएं
  • स्नेह की निशानी… बाबा-समान:
    • संकल्प… व्यर्थ से परे समर्थ
    • बोल… सुखदाई-मधुर-महावाक्य, अव्यक्त-आत्मिक भाव
    • संस्कार… उदार-चित्त, कल्याणकारी, नि:स्वार्थ

पार्टियों से

  • बाबा रोज़ हमें स्वदर्शन चक्रधारी-शक्तिशाली कहते, जिससे माया पर विजयी रहते
  • सदा पावन बनना-बनाना, यही असम्भव को सम्भव करना है
  • बहादुर ही मायाजीत है, कमजोरी माया का आह्वान करती… हम तो विश्व कल्याणकारी-बेहद-सच्चे सेवााधारी है… बाप समन समर्थ-सम्पंन (फूल होने से हलचल नहीं होती)
  • सम्पूर्णता अर्थात निंदा-स्तुति में भी समानताbalance, जिससे bliss होती (दुःख में भी सुख, निंदा में भी दृष्टि-वृत्ति न हिले)
  • देही-अभिमानी अर्थात्‌ इशारे को समाकर उन्नति करना

Recent Avyakt Murli Churnings

Thanks for reading this article on ‘Being God’s right hand! | Avyakt Murli Churnings 29-03-2020’

Being the Master of our Creations! | Avyakt Murli Churnings 22-03-2020

Being the Master of our Creations! | Avyakt Murli Churnings 22-03-2020

1. हम मास्टर-रचता को:

  • अपनी पहली रचना, देह के मालिक बनना है (आकर्षित-वशीभूत नहीं), तब ही विश्व के मालिक बनेंगे… देह के सम्बंध में न्यारा-प्यारा, और संस्कार में निर्मान-निर्माण
  • सबके स्नेह-सम्पर्क में आशीर्वाद-शुभ भावना कमाना… सबको अपनापन-दाता मेहसूस हो (शान्ति-प्रेम सुख-आनंद उमंग-उत्साह हिम्मत-सहयोग के)

2. (मधुबन-निवासीयों से)… जबकि हम कमाने-खाने की मेहनत (वा सामना-समाना-बगुलों) से परे है, आराम है (बाबा से ही पढ़ना, और यज्ञ-सेवा)… तो बाप-समान स्टेज बनाना, सदा सन्तुष्ट रहना-करना (औरों को भी मेहसूस हो), न disturb होना-करना (औरों को न देख स्वयं को देखना)

पार्टियों / प्रश्न-उत्तर

  • संगठन की शक्ति किला है (जिसके लिए सदा regard देना-लेना)
  • सुनने-करने की समानता से सम्पंन-सम्पूर्ण बनने के example देने में पहले हम
  • गुणमुर्त बन, ज्ञान-गुण-शक्तियों के महादानी बन, हर सम्पर्क में देना (उनको नहीं देखना)
  • अमानत – – > अनासक्त – – > रूहानियत
  • हम भय-चिंता से मुक्त बेफिक्र-शुभ चिन्तक-सुख में है
  • अकाले-मृत्यु की सीजन में अकाल-मूर्त बन सबको शुभ-चिन्तक बन सुख-शान्ति देना

Recent Avyakt Murli Churnings

Thanks for reading this article on ‘Being the Master of our Creations! | Avyakt Murli Churnings 22-03-2020’

Combating the Corona virus through the power of silence! | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2020 | Rev. 18-02-2008

Combating the Corona virus through the power of silence! | शान्ति की शक्ति द्वारा हलचल पर विजयी | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2020 | Rev. 18-02-2008

1. बाबा अपने आशाओं के दीपक-विश्व परिवर्तक बच्चों को देख रहे (हम-बाबा का एक-दो से अति-पदमगुणा प्यार है, जो पूरा संगमयुग रहेंगा), सबके दिल में कुछ करने का उमंग है … आज धर्म-राज्य-साइंस सभी सत्ताएं हलचल में है (प्रकृति कंट्रोल में नहीं), अब परिवर्तन हम परमात्म-पालना की अधिकारी सहयोगी-साथी-शान्ति-देव आत्माएं ही कर सकेंगी… इसलिए साइलेन्स की शक्ति से सम्पन्न बनना है, शक्तिशाली-साइलेन्स के प्रयोग द्वारा शान्ति के वाइब्रेशन फैलाने… (बाबा-मम्मा-बड़ी दादी ने कैसे गुप्त पुरुषार्थ किया, सेवा-जिम्मेदारी होते भी… तब ही सेवा-वाणी में भी सफलता होती, सारे कल्प की प्रालब्ध भी बनती… ऐसे फॉलो करना)

2. इस शान्ति की शक्ति से ही आने वाले नाजुक समय में बाबा की टचिंग कैच कर सकेंगे (ऐसा बहुतकाल का अभ्यास चाहिए, मन-बुद्धि की लाइन क्लीन-क्लीयर, निगेटिव से परे)… इसलिए सेवाओं में बीच-बीच में भी शान्ति की शक्ति को चेक कर सम्पन्न करना है… थक जाओ तो बाबा के पास परमधाम-टॉप पर (वा संगम-टॉप पर), फिर सेवा फिर ऊपर… तब ही शान्ति सबको दे सकेंगे (सब अपने इष्ट-गुरू को याद कर रहे, साइंस कब-क्यों में है… गोल्डन-मॉर्निंग का इंतजार कर रहे, जिसको लाने के हम निमित्त है)

3. जैसे बाबा (नाजुक समय पर) हमारे बुलावे पर आए, हमे भी सबकी बातें-स्वभाव-वृत्ति को जान हाँ-जी द्वारा संगठन शक्तिशाली करना है… तो यह शान्ति की ज्वाला सबको मदद करेंगी

4. (यादप्यार) हम बाबा के दिल-तख्तनशीन सो विश्व राज्य तख्त-नशीन, शान्ति की शक्ति को बढ़ाते, लक्की-लवली बच्चें है… सदा खुश रह, खुशी की गिफ्ट सबको देने वाले

सार (चिन्तन)

(कोरोना-वायरस कारण) इस हलचल के समय पर शान्ति की शक्ति से सम्पन्न बनने… सेवाओं में बीच-बीच में भी शान्ति की शक्ति को चेक कर, वतन में बाबा के दिल-तख्तनशीन लक्की-लवली बन शान्ति की शक्ति से सम्पन्न हो (संगठन में भी समझ-हाँ जी द्वारा शान्ति की शक्ति को बढ़ाते)… सबको शान्ति देते, विश्व-परिवर्तन का कार्य वा बाबा की आशाओं को सम्पन्न कर, गोल्डन-मॉर्निंग सतयुग स्थापन कर ले… ओम् शान्ति!


Recent Baba Milan Murli Churnings

Thanks for reading this article on ‘Combating the Corona virus through the power of silence! | शान्ति की शक्ति द्वारा हलचल पर विजयी | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2020 | Rev. 18-02-2008’

Applying our specialities in service! | Avyakt Murli Churnings 15-03-2020

Applying our specialities in service! | Avyakt Murli Churnings 15-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. बाबा हमारी 3 विशेषताएं देख रहे… सेवाधारी सेवा में लगाकर वृद्धि करनी है (हर संकल्प-बोल-कर्म में स्वंय-सर्व को अनुभव हो):

  • स्नेही… हम स्नेह की किरणों-सम्पंन मास्टर-स्नेह-सागर लगे, स्नेह की खुशबु का वातावरण बनें… सभी सच्ची स्नेह के भूखे हैं
  • सहयोगी-सहज योगी… सब को लगे, हमें कुछ ज्ञान-स्नेह-बल-शक्ति-सहयोग मिला
  • शक्ति-रूप (लाइट-हाउस माइट-हाउस)... अपनी शक्तियों (सहन-शक्ति) की लाइट-माइट औरों को प्राप्ति कराए

बाबा का दिया हुआ देते, बाबा से जुड़ाते

2. हमारी सेना है विजय पाने वाली… बाबा के है-बाबा के लिए, ऐसे सेवा से लगकर खुशी-शक्ति-भाग्य अनुभव करते… सदा पूज्य की स्मृति में रह हर कर्म करना… सदा संगम के मौजों में रहना


Recent Avyakt Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Applying our specialities in service! | Avyakt Murli Churnings 15-03-2020’

Being full of spiritual power! | Avyakt Murli Churnings 01-03-2020

Being full of spiritual power! | Avyakt Murli Churnings 01-03-2020

1. जबकि हम रूहानी-शक्ति के अधिकारी बन गये हैं (यादप्यार में भी बाबा रोज़ स्मृति दिलाते), तो परिवर्तन-जीवनमुक्त तो होना ही है (तब ही भविष्य-जीवनमुक्त प्रालब्ध बनेंगी)… इसके लिए मन्सा-वाचा-कर्मणा तीनों शक्तिशाली करना है (तब ही युक्तियुक्त-जीवनमुक्त रह, स्वयं की सम्पन्नता-बाबा को प्रत्यक्ष कर सकेंगे)

2. बन्धन कारण परवश रह, सदा एकरस-अतीन्द्रिय सुख का अनुभव नहीं कर पाते (भल थोड़ी देर सेवा-संगठन-संग-साधन कारण खुश रहें)… मुख्य है मन्सा का बन्धन, जिस कारण हवाई महल बांधने में बिजी-दिलशिकश्त रहते (फिर अभिमान वश दोष देते, मेहसूसता समाप्त), यह सूक्ष्म रीति बाँध उल्टा नशा भी चढ़ाते.. इस लिए इन्हें चेक कर मुक्त होना, व्यर्थ-ईर्षा-आलस्य से भी (स्वयं मुक्त होने के बाद ही भिन्न-भिन्न आत्माओं को मुक्ति दिला सकेंगे)

पार्टियों से

1. सुनने के साथ स्वरूप बनने से शक्तिशाली होते (रोज़ स्वयं औरों प्रति नये उमंग-उत्साह के संकल्प का स्वरूप बन सेवा में लगाना)… अमृतवेला सेट करना, और फिर रात को चेक (ऐसा मनोरंजन प्रोग्राम)

2. शक्तिशाली याद से ही अनुभव-एकरस होते, सभी शक्तियों (तन-मन-धन) को सेवा में लगाने से सफलता होती… अनेक जन्मों के पद्म जमा करने से यह 1 जन्म तो मेहनत-मुक्त रहेंगे ही, इस राज़ को जान खुशी-खुशी सेवा में आगे बढ़ना है

3. सेवाधारी अर्थात लगन में मगन रह, औरों को भी करना (खुशी में रह, खुशी दिलाना).. यह अलौकिक-स्टड़ी ही अविनाशी-प्राप्ति कराती, यह जान आगे बढ़ औरों को आगे बढ़ाते रहना, सदा याद और सेवा (उन्नति प्राप्त करते रहना)

4. (नौकरी वाली कुमारियां)… निर्बन्धन होते भी दो नांव में पैर रखने से परेशान रहेंगे, सिर्फ हिम्मत चाहिए (बाबा भी साथ है)… संगम का हमारा विशेष पार्ट है सेवाधारी बनना (यही गोल्डन चांस-वरदान है), उसमें लगन होने से लौकिक-पढ़ाई विघ्न नहीं बनती (सदा भाग्य बनाते, नशे में रहतेे)

सार (चिन्तन)

सदा हर पॉइंट को स्वरूप में लाते शक्तिशाली-याद द्वारा रूहानी शक्ति से मन्सा-वाचा-कर्मणा सम्पन्न-शक्तिशाली रह… सदा जीवनमुक्त-एकरस-अतीन्द्रिय सुख-सर्व प्राप्ति सम्पन्न रह… हिम्मत रख सेवाधारी बन खुशी-खुशी सेवा में आगे बढ़ते, स्वयं-सर्व का सर्वश्रेष्ठ भाग्य बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Avyakt Murli Churnings

Thanks for reading this article on ‘Being full of spiritual power! | Avyakt Murli Churnings 01-03-2020’

Being full of spiritual intoxication! | ईश्वरीय नशा | Avyakt Murli Churnings 23-02-2020

Being full of spiritual intoxication! | ईश्वरीय नशा | Avyakt Murli Churnings 23-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

हमारे निश्चय का प्रत्यक्ष-प्रमाण है, हर कदम-कर्म-ज्ञानी योगी जीवन (अर्थात् संकल्प-बोल-कर्म-चेहरे) में रूहानी नशा-खुशी प्रत्यक्ष अनुभव हो… चार प्रकार के नशे:

  1. अशरीरी-आत्मिक स्वरूप का
  2. अलौकिक जीवन का
  3. फरिश्ते-पन का
  4. भविष्य का

इनमें से एक भी साकार रूप में लाने से (सिर्फ संकल्प तक नहीं) पुराने संस्कार-संसार (सम्बंध-पदार्थ) से परे रहेंगे, सहज परिवर्तन अनुभव करेंगे (कर्म-सम्पर्क) में…हमारे मस्तक-वृत्ति-दृष्टि-मुस्कान-बोल द्वारा सबको आकर्षित-छत्रछाया बनेंगे, ऐसे ब्लिसफुल-सक्सेसफुलबेफिक्र बादशाही में माया की कोई चाल नहीं चलेंगी

पार्टियों से

1. (टीचर्स)… अपनी शक्तियों द्वारा औरों को शक्तिशाली-बलवान बनाने वाले (यही सच्ची सेवा-हीरो पार्ट है)… सदा सेवा में आगे बढ़ते, कई बातों से किनारा रहेंगे… सभी साधन (सेवा-स्थान, आदि) को विधी-पूर्वक शक्ति भरकर कार्य में लगाकर क्वालिटी बनाने वाले

2. (कुमारों)… धमाल बदले कमाल करने लिए, शक्तिशाली बनने, चाहिए मास्टर सर्वशक्तिमान की स्मृति (तो माया की कोई युक्ति नहीं चलेंगी)… स्व पर अटेन्शन से ही सेवा में शक्ति भरती (इसलिए सदा शक्तिशाली अभ्यास-स्व उन्नति के प्रोग्राम करते रहना)… हम भाग्यवान-निर्बन्धन-उड़ती कला वाले बाबा के प्यारे है (सदा याद-सेवा के बैलैंस द्वारा उड़ती कला, परिस्थिति नीचे-ऊपर न करें)

3. (अधर-कुमारों 1)… हम अपने जीवन के परिवर्तन द्वारा सेवा करने वाले है, इसलिए हर कर्म में परिवर्तन का लक्ष्य (तो स्वयं भी खुश-सन्तुष्ट रहेंगे, सेवा भी होंगी)… अपनी शक्तिशाली-दृष्टि द्वारा सबकी दृष्टि बदलने वाले

4. (अधर-कुमारों 2)… क्या थे और क्या बन गए (तो पुराने संस्कार से परे रहेंगे), और क्या बनने वाले है (तो खुशी से आगे बढ़ते रहेंगे)… ऐसे वर्तमान-भविष्य श्रेष्ठ… सदा अपने बेहद-भाग्यवान-निःस्वार्थ ईश्वरीय परिवार को देख खुुश होते

5. (कुमारियां)… मैं विश्व कल्याणकारी हूँ, इस स्मृति से समर्थ रहेंगे-करेंगे (व्यर्थ से मुक्त)… भाग्यवान है, बाबा के साथ द्वारा स्वयं-सर्व का श्रेष्ठ जीवन बनाने बाली, सदा एक बाबा दूसरा ना कोई

6. न्यारे-प्यारे रहने से बनेंगे सबके प्रिय-प्यारे

सार (चिन्तन)

सदा शक्तिशाली-अभ्यासों द्वारा अपने श्रेष्ठ स्वरूपों के निश्चय-नशे-खुशी-उड़ती कला में रह, सहज परिवर्तन का अनुभव कर शक्तिशाली रह… सबको शक्तिशाली बनाते, अपने जीवन के परिवर्तन द्वारा सबका कल्याण करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Avyakt Murli Churnings

Thanks for reading this article on ”

Being a victorious jewel of conviction! | निश्चयबुद्धि विजयी रत्न | Avyakt Murli Churnings 16-02-2020

Being a victorious jewel of conviction! | निश्चयबुद्धि विजयी रत्न | Avyakt Murli Churnings 16-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम निश्चयबुद्धि-विजयी रत्न है (तब ही ब्रह्माकुमार, एक बाप के बने हैं)… अब श्रेष्ठ-नंबर लेने लिए सदा हर परिस्थिति में स्व-स्थिति की शक्ति से विजय अनुभव करना (बाबा के गले का हार, माया से हार नहीं सकते)… भल नम्र-निर्माण-हाँ जी कारण बाहर से हार भी लगे, लेकिन है विजय, ऐसे स्वयं पर निश्चय रखने से और भी वाह-वाह के पुष्प चढ़ायेंगे… निश्चयबुद्धि-विजयी की निशानीयां:

  • कभी संकल्प-कर्म में दुविधा नहीं… संकल्प-शक्ति की स्वच्छता कारण सहज-सत्य-स्पष्ट निर्णय से सदा मौज में रहेंगे (मूँज नहीं)
  • अग्नि-परिक्षा में भी विजय की खुशी
  • कभी अकेला नहीं अनुभव करेंगा (चाहे अक्षोणी-सेना दूसरी ओर हो), बाबा-सहारा दाता सदा साथ है
  • सदा खुशी में नाचता (कभी उदासी, वा व्यक्ति-समस्या से किनारा नहीं), सदा बेहद का वैराग्य (हार में भी जीत)
  • उल्हान-वर्णन के बदले, औरों को भी हिम्मत-सहारा देते
  • संकल्प-बोल-कर्म व्यर्थ से सदा मुक्त

2. मधुबन-घर के बालक सो मालिक अपने घर में आए है (बाकी वह तो सेवा-स्थान है)… घर से कोई निकाल नहीं सकते, यहां मेरापन-आराम है… दाता का दर है (जहां भगवान् हम भाग्यवान-चैतन्य ठाकुरों की सेवा करते)

पार्टियों से

1. एक कि लगन में मगन श्रेष्ठ-आत्माओं के कर्म भी स्वतः श्रेष्ठ रहते (जन्म-जीवन नया तो नाम-रूप-देश-कर्म सब बदले, ऐसे सदा उमंग में रहने से राज्य भी सदा का मिलेंगा)… निमित्त बनने से जो प्रत्यक्षफल मिलता, उससे सदा शक्तिशाली रहते (ऐसी श्रेष्ठ स्मृतियों से समर्थ, व्यर्थ समाप्त)

2. हम रोज़ अमरकथा सुनने बाली, अमर-भव की वरदानी, अमर बाप की अमर बच्चें है (शरीर छूट जाए तो भी भाग्य से भरपुर होकर जाते, इसलिए सिर्फ चोला बदलना कहेंगे)… सदा खुशी में रहना, हम अनेक जन्मों के मालामाल बन गये

3. यह रूहानी याद की महान यात्रा सुखदाई है (सब यात्राएं इसमे समाई है)… यात्री समझने से सदा न्यारे-उपराम-निर्मोही रहेंगे

4. सहयोगी-बच्चों को बाबा दिल-तख्तनशीन समझते… निश्चयबुद्धि-विजयी है गले का हार

सार (चिन्तन)

सदा स्वयं को निश्चयबुद्धि-विजयी समझ, संकल्पों की स्वच्छता वा बाबा के साथ-याद द्वारा हर परिस्थिति में विजयी-खुशी-व्यर्थ मुक्त रह… औरों को भी हिम्मत सहारा देते, निमित्त बन अनेक जन्म शक्तिशाली मालामाल रहकरते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Avyakt Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Being a victorious jewel of conviction! | निश्चयबुद्धि विजयी रत्न | Avyakt Murli Churnings 16-02-2020’

Our wonderful world! | Avyakt Murli Churnings 09-02-2020

Our wonderful world! | Avyakt Murli Churnings 09-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

इस छोटे-अलौकिक-सुन्दर न्यारे-प्यारे ब्राह्मण संसार में:

  • हर आत्मा श्रेष्ठ-विशेष-स्वराज्य अधिकारी, स्मृति के तिलकधारी, बाबा के दिल-तख्तनशीन है
  • एक बाप-परिवार-भाषा-ज्ञान… लक्ष्य-वृत्ति-दृष्टि-धर्म-कर्म
  • दिनचर्या-नियम-रिति भी न्यारी है

तो सदा इसे देख हर्षित रहना (कभी पुराने संसार में आकर्षित हो गिरना नहीं, उसमें तन-मन-धन-सम्बन्ध सब गंवाया ही है), सदा नये संकल्प-भाषा-कर्म… यह स्वर्ग से भी ऊंचा-श्रेष्ठ संसार है (क्योंकि हम नॉलेजफुल है), स्वयं परियाँ बन ज्ञान-योग के पंख द्वारा तीनों लोकों में उड़ते… सदा ज्ञान-शान्ति-खुशी-अतीन्द्रिय सुख के झूलों में झूलते, परमात्म-गोदी के लवलीन-समाकर जन्मों के दु:ख से परे… श्रेष्ठ संसार-विशेषताओंं के स्मृति-स्वरूप नष्टोमोहा (पुराना-पन स्वीकार कर दु:खी नहीं होना)

पार्टियों से

  • टीचर्स अर्थात् त्याग-तपस्या द्वारा आगे बढ़ती (भल फल मिले)… विशेष बन विशेष-सेवा का लक्ष्य रखना… निर्विघ्न बन स्टूडेंट्स को भी निर्विघ्न बनाना (शक्तिशाली-वायुमण्डल द्वारा)
  • सन्तुष्टता-पूर्वक सेवा करने से दुआओं साथ सफलता पाना… हर सम्पर्क में दुआएं कमाना (कोई भी सेवा हो), फिर चित्रों द्वारा भी आधाकल्प दुआएं मिलेंगी… इसके लिए हाँ-जी का पाठ पक्का (wrong हो तो भी पहले रिगार्ड-हिम्मत-दिलासा देना, ऐसे उदारता-सहयोगी-साथ चल महान सेवा करना)
  • कर्मयोगी बन सेवा करने से अथक-खुश रहेंगे, वर्तमान-भविष्य सदा श्रेष्ठ-भरपूर… संगमयुग अर्थात् सदा शक्ति-सम्पन्न बैटरी-चार्ज (बाकी मिलना-सुनना-आदि सब स्वहेज है)
  • कोई भी सेवा है, हिम्मत-उमंग से सफलता पाना… फिर हमारी रूहानी-खुशी के चेहरे-झलक से भी सेवा होंगी… बस-पदयात्रा की डबल सेवा के साथ, रूहानियत की झलक वाले डबल-यात्री लगे (ऐसी नवीनता)
  • (नेताओं से)… देशवासी की प्रगति करने की शुभ भावना-कामना अच्छी है, सिर्फ प्रेम-सेवा भाव हो (स्वार्थ-ईर्ष्या नहीं)… इसके लिए चाहिए स्प्रीचुअल-पावर (स्पिरिट समझ स्प्रीचुअल-बाप से शक्ति सम्पन्न बनना), तो औरों के भी भाव बदल जाएंगे… ऐसे साथ चलने सफलता पाना (सेल्फ-रूल के बाद राजनेता के रूल-अधिकारी)

चिन्तन

सदा अपने श्रेष्ठ-विशेष स्वमानों की स्मृति में रह, परमात्म-गोदी में समाकर अतीन्द्रिय-सुख में झूलते, परियों समान उड़ते रह… सम्पर्क में हाँ-जी के साथ द्वारा दुआएं कमाते, कर्मयोगी बन अथक-खुश-निर्विघ्न battery चार्ज रहते-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Avyakt Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Our wonderful world! | Avyakt Murli Churnings 09-02-2020’

Exercising the mind to regain full control! | Baba Milan Murli Churnings 02-02-2020

Exercising the mind to regain full control! | Baba Milan Murli Churnings 02-02-2020

1. बाबा हमारे ओरीज्नल-प्यारे घर से हमें मिलने आए है (जिसकी हमें-बाबा को खुशी है)… बाबा हमारे 5 प्यारे रूप देख रहे:

  • चमकता-प्यारा ज्योति-बिन्दु स्वरूप
  • न्यारा-प्यारा देवता रूप
  • पूज्यनीय रूप
  • महान संगमवासी-ब्राह्मण
  • फरिश्ता

इन्हें सामने लाकर-अनुभव करने की, मन की रूहानी एक्सरसाइज-ड्रिल सारा दिन करते रहना (1 घंटे में 5 सेकण्ड, वा 5 मिनट)… तो मन खिंचकर व्यर्थ-अयथार्थ जाकर अलबेला नहीं होंगा, सदा एकरस-शक्तिशाली… यह सहज होना चाहिए, जबकि बार-बार अभ्यास किया है (हर कल्प), 5 मिनट सब निकाल सकते… कार्य-सेवा तो करना ही है, उसमें और नशा भरेंगा, मन्मनाभव सहज

2. इस मन्मनाभव के मंत्र से, मन को मायाजीत का यंत्र बनाना… मन को कहां भी लगा सके (कर्मेन्द्रियों का उदाहरण), आगे चल मन (वा बुद्धि-संस्कार) को सेकण्ड में स्टॉप करने की प्रैक्टिस करनी पड़ेगी… इसमें पास होने से बाबा भी वाह-वाह करेंगे

3. बाबा कहते मेरे बच्चे, हम भी दिल से कहते मेरा बाबा (जिससे बाबा का हज़ार बार शक्तिशाली-सहयोग मिलता, माया के वार से परे रहते)… जबकि बाबा ही हमारा संसार है, तो संस्कार विघ्न-रूप न बने (दृढ़ संकल्प-पुरूषार्थ से समाप्त, करना ही है!)… बाबा लक्ष्य देते, हमे उसे पूरा करना है (डेट-फिक्स कर), संस्कार सम्पर्क में वेरीफाय हो ही जाता

पार्टियों से

  • (पहली बार).. मधुबन आने की मुबारक (तू-लेट से पहले)… परिवार की शुभ-आश है, हम लास्ट सो फास्ट सो फर्स्ट(क्लास) में आएं… सिर्फ निश्चय-हिम्मत चाहिए
  • (दिल्ली)… पुरुषार्थ में नंबर-वन लेना (सेंटर को निर्विघ्न बनाकर, इनाम लेना)… सर्विस में नई-इन्वेन्शन निकालनी (जैसे आदि से करते आए है)… सदा सन्तुष्ट (नियम-सेवा से)
  • (आगरा)… जैसे मशहूर है, वैसे नवीन कार्य-सेवा से आलमाइटी गवर्मेन्ट में मशहूर होना… अमृतवेले खास बैठने से टचिंग होंगी
  • (विदेशी)… देश से दूर, दिल के समीप है (कल्चर में ढल गए, आदि से भारत के हैं)… आसपास की सेवा अच्छी कर रहे
  • (याद-प्यार)… सभी दुलारे बच्चों का संकल्प-उमंग है बाबा को प्रत्यक्ष करना (हमारा बाबा आ गया)… कोई वंचित न रहे (कम से कम मुक्ति का वर्सा पाए)

सार (चिन्तन)

सदा बाबा की दिल के समीप रह, 5 स्वरूप की सहज-रूहानी एक्सरसाइज सारा दिन करके मन को एकरस-शक्तिशाली-आर्डर में चलाकर… दृढ़ता-दिल से मेरा बाबा की स्मृति द्वारा सदा माया-संस्कार से परे, बाबा को अपना संसार अनुभव करने वाले निर्विघ्न बन… नवीनता से सेवा कर, बाबा को प्रत्यक्ष करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Baba Milan Murli Churnings

Thanks for reading this article on ‘Exercising the mind to regain full control! | Baba Milan Murli Churnings 02-02-2020’

A clear fortune! | Avyakt Murli Churnings 02-02-2020

A clear fortune! | Avyakt Murli Churnings 02-02-2020

1. बाबा हमारे मस्तक पर भाग्य-रेखा की स्पष्टता देख रहे.. दाता-विधाता-भाग्यविधाता के बच्चे होने कारण भाग्य वर्से के रूप में सहज-अविनाशी तो है, लेकिन जितना भाग्य धारण कर सेवा में लगाते उतना और बढ़ता… वह सदा स्वयं को भाग्यवान अनुभव करते, चेहरे-चलन झलक-फलक द्वारा सब भी उन्हें भाग्यवान समझते… भाग्यवान-आत्माएंं:

  • सदा मिट्टी-फर्श से ऊपर फरिश्ते रहते
  • सदा सम्पन्न, इच्छा-मात्रम-अविद्या
  • सदा महादानी-वरदानी बन देते रहते
  • सदा ताज-तख्त-ततिलकधारीनिराकारी-निर्विकारी-निरहंकारी… सदा मास्टर-सर्वशक्तिमान

2. वरदान-भूमि के हर कर्म-चरित्र-कदम (चाहे अनाज-सब्ज़ी की सेवा) में वरदानों की झोली भर सकते… हर सेकण्ड-संकल्प व्यर्थ-मुक्त (परिवार-पढ़ाई भी है), फिर यह अभ्यास वहां भी सहयोग देता

  • महाराष्ट अर्थात् महान बनना-बनाना
  • कर्नाटक, सदा हर्षित रहना-करना
  • U. P, शीतल-नदि बन शीतला-देवी बनना-बनाना

बड़ों से

आदि से अविनाशी, ब्रह्मा-बाप-समान हर कदम अनुभव की अथॉरिटी द्वारा राज्य-अधिकार की भी अथॉरिटी प्राप्त है (सदा साथ रहेंगे, फॅमिली-भक्ति में भी)… सिर्फ अभी बुद्धि से साथ रहना… सब हममें बाबा को देखते (कर्म-वाक्य-दृष्टि-पालना), ऐसी न्यारी-प्यारी आत्माएं (तो स्वयं में नहीं फंसाना, सदा अथक-सेवाधारी)

(दादीजी से) आदि से जिम्मेदारी का ताज निभाने वाले… अन्त में भी बाबा ने दृष्टि द्वारा ताज-तिलक दिया… अभी भी समान बन सदा साथ निभाते

पार्टीयो से

1. कुमार अर्थात्‌ निर्बन्धन (व्यर्थ-संकल्प के बन्धन से भी… संकल्प से ही कमाई-अशरीरी-याद की यात्रा करते)… जिस हल्केपन से स्वतः तीव्र-गति वाले तीव्र-पुरूषार्थी बन मंजिल पर पहुँचते… पुराने व्यर्थ का खाता समाप्त, अब नया खाता (व्यवहार का उदाहरण), अब हर कदम नया-समर्थ-बाप समान

2. बेहद-माताएं बेहद-आत्माओं प्रति रहमदिल बन सेवा-कल्याण बिना रह नहीं सकते.. हमारे परिवर्तन से औरों को भी उत्साह आता.. त्याग-तपस्या से सेवा में सफलता

3. सदा निर्विघ्न विघ्न-विनाशक बन सबको बाबा से जुड़ाना.. इस सेवा के उमंग के साथ स्व-उन्नति के बैलेन्स से ब्लैसिंग मिलती

सार

सदा बुद्धि से बाबा के साथ हल्के रह, अपने सर्वश्रेष्ठ भाग्य को जीवन में धारण कर… सदा सम्पन्न फरिश्ता बन तीव्र-गति से आगे बढ़ते… वरदानी बन सर्व का कल्याण करते विघ्न-विनाशक बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Avyakt Murli Churnings

Thanks for reading this article on ‘A clear fortune! | Avyakt Murli Churnings 02-02-2020’