Revealing the golden future! | Avyakt Murli Churnings 17-11-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. सभी स्नेह के रीटर्न में सम्पन्न-सम्पूर्ण (वा बाबा के नूर-रत्न, दिल-तख्तनशीन) बनने के श्रेष्ठ संकल्प-पुरूषार्थ में उमंग-हिम्मत से आगे बढ़ रहे… बाबा भी देखते एक बाबा-श्रीमत-लक्ष्य-घर-राज्य की लगन में उड़ रहे हैं… याद-सेवा ही हमारा जीयदान है, जो मायाजीत रखता
2. इस गोल्डन जुबली में सबको गोल्डन एज के सुनहरे युग-समय का सुनहरा सन्देश देना है… जिससे सब अंधकार से रोशनी, ना-उम्मीद से उम्मीद के सितारे-सूर्य, दिलशिकस्त-भय-मूंज से सतयुग-स्थापना की खुशखबरी में आएं (जैसे हम सुखधाम की तैयारी में दुःखधाम से परे रहते)…
3. शान्ति-स्नेह रूप के साथ अब सत्य-परमात्म-शक्तिशाली ज्ञान भी प्रत्यक्ष होंगा (सब वर्से के अधिकारी बनेंगे)… उमंग से वातावरण बनता, जो सब को आकर्षित करता… सब “अच्छा है” से अब “यही है” पर आएंगे
पार्टियों से
1. बाबा हमें चला रहे, यह बहुत न्यारा-प्यारा अनुभव है… हिसाब चुक्तू में साक्षी हो, बाबा के साथी-पन की मौज में रहना है (तो कुछ नहीं लगेगा)… हम स्वयं की श्रेष्ठ-स्टेज के साथ सेवा-स्टेज पर सदा है… कर्मभोग नहीं कर्मयोग की शक्ति है, भोगना नहीं सेवा की योजना है… सदा “वाह रे मैं”
2. हम बाबा के चरित्रों का दर्शन कराने वाले दर्पण है, बाबा के सिरताज की मणियां
3. बाबा से जो ज्ञान की दिव्य-दृष्टि का शक्तिशाली-वरदान मिला, उसे यूज करते हैं… सभी साधन (लिटरेचर-चित्र-भाषण-सम्मेलन) एक-साथ संस्था को प्रत्यक्ष कर, सबको समीप लाते (साकार को भी लिटरेचर में बहुत रूचि थी)… सफलता तो हुई पड़ी है, फिर भी जितना प्लानिंग करते, उतना बल मिलता
4. डबल-लाइट रहने में ही मौज है, तब ही संगम का समय सफल होता (कमाई में)… इसलिए सदा ज्ञान-योग-सेवा में मस्त रहना है, राजयुक्त-योगयुक्त… बड़ों की विशेषताएं-धारनाएं कैच कर, फॉलो कर, समीप माला में आना है
सार
सदा अपनी सम्पन्न-सम्पूर्ण स्थिति का अनुभव कर, बाबा के साथी दिल-तख्तनशीन, राजयुक्त-योगयुक्त बन… सदा एक श्रीमत के लगन में, याद-सेवा में मस्त, डबल-लाइट मायाजीत रह… सब को सुनहरे युग का सुनहरा सन्देश दे प्रत्यक्षता लाते, वारिस बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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