कविता – पवित्रता मेरा स्वधर्म, पवित्रता मेरी पहचान

कविता – पवित्रता मेरा स्वधर्म, पवित्रता मेरी पहचान

पवित्रता मेरा स्वधर्म, पवित्रता मेरी पहचान

मेरा आदि-अनादि गुण है पवित्रता, जिसमें समाई सुख-शान्ति-एकता
पवित्रता मेरा श्रृंगार, जीवन का है आधार; पवित्रता मेरी पर्सनालिटी, पवित्रता है रॉयल्टी
पवित्रता है मन की स्वच्छता
(पवित्रता मेरा स्वधर्म, पवित्रता मेरी पहचान)

पवित्रता भगवान् को अति-मनभावन, मन्सा-वाचा-कर्मणा बनना हमें पावन
ज्ञान-योग को करके जीवन में धारण, खत्म करेंगे माया रावण
पवित्रता मेरी शक्ति, है सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा
(पवित्रता मेरा स्वधर्म, पवित्रता मेरी पहचान)

पवित्रता है ज्ञान का सार, पवित्रता है योग का आधार
पवित्रता सर्वश्रेष्ठ है धारणा, कराती नम्बर-वन सेवा
पवित्रता देती खुशियों की बौछार
(पवित्रता मेरा स्वधर्म, पवित्रता मेरी पहचान
)


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कविता | रूहानी माशूक और रूहानी आशिकों की निराली यह महफ़िल | Avyakt Murli Churnings 13-12-2020

कविता | रूहानी माशूक और रूहानी आशिकों की निराली यह महफ़िल | Avyakt Murli Churnings 13-12-2020

रूहानी माशूक और रूहानी आशिकों की निराली यह महफ़िल
इसी मिलन-आकर्षण में खोके, पाया सर्व-प्राप्तियों का यथार्थ ठिकाना

गॉडली-गार्डन के खिले-खुशबूदार हम फूल, ज्ञान-सागर की स्नेह-शक्ति लहरों से होते रिफ्रेश
स्वच्छ-रमणीक-सुन्दर यह स्थान, मोहब्बत की लकीर में बने मेहनत-मुक्त सहजयोगी

पायी समय पर दिल से सर्व सम्बन्धों की अनुभूति, वर्से-वरदान की प्राप्ति से हुए सम्पन्न-शक्ति स्वरूप
किया हमे रॉयल, तृप्त और सन्तुष्ट

मोहब्बत की स्नेह-प्रीत के रूहानी-पवित्र है नाज़-नखरे
है मन की लगन और बुद्धि का साथ, यही स्थिति दिलाती हर सेवा में सहयोग का हाथ
एक में समाकर होंगे समान, जबकि सर्व-सम्पन्न सर्वशक्तिमान है हमारा माशुक

संकल्पों से है नई-श्रेष्ठ सेवा, संकल्पों से ही दिलानी सहजयोग की सुक्ष्म-शक्ति
बहानेबाजी को करके मर्ज, बेहद वैराग्य-वृत्ति को करे इमर्ज


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कविता – बनाया हमे भी रूहानी सर्जन!

कविता – बनाया हमे भी रूहानी सर्जन!

ओ मेरे परम-वैद्य शिवबाबा, बनाया हमे भी रूहानी सर्जन
सारे विश्व को करेंगे निरोगी

नब्ज देख करते सबको सरसब्ज, ज्ञान की शक्ति से दिलाते दुःखों से मुक्ति
राजयोग की सबसे मीठी है दवाई, मुरली की अति मनभावन है गोली
सबको बनाते पावन और योगी
(सारे विश्व को करेंगे निरोगी… ओ मेरे परम-वैद्य शिवबाबा, बनाया हमे भी रूहानी सर्जन)

व्यर्थ की परहेज सर्वश्रेष्ठ है सुहेज, अशरीरी की exercise दिलाती सच्ची शान्ति
निराली यह ईश्वरीय यूनिवर्सिटी-कम-हॉस्पिटल, सर्व गुण-शक्तियों से सबको बनाती सम्पंन
विश्व को बनाती सतयुगी
(सारे विश्व को करेंगे निरोगी… ओ मेरे परम-वैद्य शिवबाबा, बनाया हमे भी रूहानी सर्जन)

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कविता – राजयोग से ऐसी मिली शक्ति

कविता – राजयोग से एसी मिली शक्ति

राजयोग से ऐसी मिली शक्ति, जीवन में रहते पाई दुःखों से मुक्ति
दिव्यगुण-सम्पन्न बनके लक्ष्मी-नारायण, लाना फिर से दैवी सुखी संसार

सिखाकर फिर से भारत का प्राचीन योग, बनाया तन-मन को निरोग
कराके मीठी याद की यात्रा, पाई जीवन में सच्ची खुशियों की मौज
सफल हुई हमारी जन्म-जन्म की भक्ति
(राजयोग से ऐसी मिली शक्ति, जीवन में रहते पाई दुःखों से मुक्ति)

योगबल ने दिलाया मन पर स्वराज्य, गुणों से करते सबके दिल पर राज्य
देकर मन्मनाभव का पावन वशीकरण मंत्र, मन पंछी अब हुआ स्वतंत्र
दिल सदा गाता तेरे गुणों की पंक्ति
(राजयोग से ऐसी मिली शक्ति, जीवन में रहते पाई दुःखों से मुक्ति)

प्यार से सिखाकर मीठी तपस्या, समाप्त कर दी सब समस्या
पाई अलौकिक दैवी स्मृति, बनी हमारी अचल-अड़ोल स्थिति
विघ्नों पर रहे सदा विजयी, ऐसा बनाया हमें शिव शक्ति
(राजयोग से ऐसी मिली शक्ति, जीवन में रहते पाई दुःखों से मुक्ति)


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कविता – बनाया हमे हाइएस्ट होलीएस्ट और हैप्पीएस्ट

(ओ मेरे मीठे बाबा, किन शब्दों में करे तेरा धन्यवाद)
बनाया हमे हाइएस्ट होलीएस्ट और हैप्पीएस्ट
तुझको पाकर बनेे हम सारे विश्व से रिचेस्ट
ओ मेरे मीठे बाबा..

हथेली पर लाकर स्वर्ग की सौगात, बनाया हमे पद्मापद्म भाग्यवान
शान्ति प्यार खुशी का पाकर दिव्य ख़ज़ाना, बने सतोगुणी सर्वशक्तिमान
इतनी सौगातें हम पर है बरसाई, जीवन में आई अब खुशहाली
जीवन बनी डी बेस्ट
(बनाया हमे हाइएस्ट होलीएस्ट और हैप्पीएस्ट)

मिली ईश्वरीय नॉलेज की की ?, कराई सर्व ख़ज़ानों की प्राप्ति
बाबा शब्द ऐसी है जादूई चाबी ?️, सर्व शक्तियां इसमे है समाई
बनकर तेरी मीठी सजनिया, मिली ऐसी निराली चाबियां
समाप्त हुआ सब वेेस्ट, मन को मिला सच्चा रेस्ट
(बनाया हमे हाइएस्ट होलीएस्ट और हैप्पीएस्ट)


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कविता | बनाया अपने दिलतख्त-नशीन

बनाया अपने दिलतख्त-नशीन, रखा हमे अपने बिल्कुल समीप
मिली हमे सर्वोत्तम प्राप्ति

दिल की बातें करके दिलाराम से, दिल को मिला बेहद आराम
प्यार-सागर की प्रीत ने बनाया भरपूर, बांटते सबको ईश्वरीय प्यार
बन गए लवली और प्रभु-प्रेम में लवलीन
(मिली हमे सर्वोत्तम प्राप्ति … बनाया अपने दिल तख्त-नशीन)

खुद आकर हमें ज्ञान रत्नों से श्रृंगारा, दिव्यगुणौं से है सजाया
बरसाकर अनंत शक्तियां और वरदान, बनाया पद्मापद्म भाग्यवान
पायी हमने सच्ची-अविनाशी खुशी
(मिली हमे सर्वोत्तम प्राप्ति … बनाया अपने दिल तख्त-नशीन)

शिक्षाओं की उंगली पकड़, अपनी गोद के गलीचे में जीना सिखाया
अपनी निर्मल ममता से है निखारा, शीतल छाया में सवारा
प्रभु पालना में पलते हर घड़ी
(मिली हमे सर्वोत्तम प्राप्ति … बनाया अपने दिल तख्त-नशीन)