कितना मीठा, कितना प्यारा, शिव भोला भगवान्.. | Sakar Murli Churnings 26-02-2020

कितना मीठा, कितना प्यारा, शिव भोला भगवान्.. | Sakar Murli Churnings 26-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. जबकि बुद्धिवानों की बुद्धि बाबा ने हमे सम्पूर्ण ड्रामा-झाड़ का ज्ञान देकर, उसका सहज बीज़-सार दे दिया है, कि…

2. अपने को अकाल-तख्तनशीन आत्मा समझ एक निराकार पतित-पावन मीठे-प्यारे भोलेनाथ-माशूक को याद कर… विकर्म-विनाश पावन-शान्त-खुशी से भरपूर-अचल बन, ताऊसी-तख्तनशीन (विश्व के मलिक) देवता लक्ष्मी-नारायण बन जाए…

3. सेवा भी करते रहना (गीतों से रिफ्रेश हो अर्थ भी निकाल सकते), इम्तिहान के दिन अब नजदीक आ रहे

चिन्तन

बाबा के wonderful गीतों को सुनने के साथ-साथ, वाह बाबा-ड्रामा-भाग्य-मैं वाह के दिल से खुशी के गीत गाने लिए… सदा अपने को ज्ञान-योग के सहज-शक्तिशाली अभ्यासों द्वारा सर्व-प्राप्ति-सम्पन, शान्ति-प्रेम आनंद से भरपूर कर… समस्याओं से अधिक शक्तिशाली स्थिति में स्थित रह, सबके जीवन को भी श्रेष्ठ-सुखी बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Pouring jewels of spiritual wisdom! | Sakar Murli Churnings 24-02-2020

Pouring jewels of spiritual wisdom! | Sakar Murli Churnings 24-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि रत्नागर-बाबा ने हमे अविनाशी ज्ञान-रत्नों के जवाहारातो से सम्पन्न कर दिया है, हम जानते हैं अभी अमरलोक-बगीचे में जाना है श्रेष्ठाचारी-पावन-देवता रूप में (सम्पूर्ण solvent-अमर-सुखी)… तो sensible बन एक रूहानी-पावन-सत्य बाबा की याद में रह, पावन हीरे-तुल्य खुश फूल बन (संग की सम्भाल रखते)… सबको ज्ञान के जवाहारातो से साहूकार बनाते-बरसते, ऊँच पद पाएं

चिन्तन

जबकि ज्ञान-गुण-शक्तियों के सागर बाबा हमें सबकुछ देने लिए तैयार है… तो सदा उनके सर्वश्रेष्ठ संग में रह, भरपूर-सम्पन्न रूहानी-बादल बन… अपने दिव्य-वाइब्रेशन, खुशी-श्रेष्ठता सम्पन्न जीवन-सम्पर्क द्वारा सबको आप-समान सर्वश्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Entering Krishnapuri! | Sakar Murli Churnings 22-02-2020

Entering Krishnapuri! | Sakar Murli Churnings 22-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

क्योंकि बाबा निराकार जन्म-मरण रहित सूक्ष्म-बिन्दु है, उनका ही सतसंग-प्रीत से याद द्वारा विजयी बनते (कृष्णपुरी-नई दुनिया-स्वर्ग के मलिक, पावन सर्वगुण-सम्पन्न कृष्ण समान)… इसलिए अच्छे से पढ़ना है (साक्षात्कार की आश नहीं… हम ही ड्रामा के हीरो ऐक्टर्स है), पावन-धारणा मूर्त ईश्वरीय-नशे में रह सबकी सेवा करनी है, 21 जन्म ऊँच-पद जरूर प्राप्त करना है

चिन्तन

जबकि भगवान् हमारे लिए स्वर्ग की सौगात लाये है… तो सदा अपनी ऐम-ओबजेक्ट को सामने रख, ज्ञान-चिन्तन वा योग के प्रयोग द्वारा सदा पावन शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न स्थिति का अनुभव कर… सबकी विशेषताएं देखते, सम्मान देते, मीठे बोल द्वारा सर्वश्रेष्ठ सेवा करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Realizing the self! | Sakar Murli Churnings 20-02-2020

Realizing the self! | Sakar Murli Churnings 20-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि स्वयं भगवान् ने हमें पढ़ाकर आत्मा-परमात्मा-देवता-समय-चक्र-ड्रामा की सम्पूर्ण-सत्य समझ दे दी है (सेल्फ realization कराकर देवता बना रहे, वैकुण्ठ-विष्णुपुरी के मालिक)… तो दौड़ी लगाकर, हमारे पतित-पावन सद्गति-दाता सुप्रिम बाप-टीचर-सतगुरू को याद कर (तमोप्रधान देह-दुनिया से जरा भी लगाव नहीं).. बहुत खुशी में रह, बाबा के मददगार-सच्ची salvation आर्मी बन सबको शान्ति का रास्ता-salvation देते रहे

चिन्तन

जबकि आत्मा में ही सम्पूर्ण-देवताई संस्कार समाए हुए है, तो सेल्फ realization करने… बार-बार एकान्त में जाकर अपने से बातें कर (वा बाबा से कनेक्शन जोड़), अपनी आन्तरिक दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद का अनुभव कर, श्रेष्ठ दिव्यगुण-सम्पन्न स्थिति-चेहरे-चलन द्वारा सबका भी कल्याण करते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


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Our wonderful remembrance! | Sakar Murli Churnings 19-02-2020

Our wonderful remembrance! | Sakar Murli Churnings 19-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि स्वयं डोक्टर ओफ spiritual knowledge बाबा हमें नई-सतयुगी-दुनिया के वर्से के 21 जन्म अधिकारी बनने की सर्वश्रेष्ठ युक्ति बताते, कि… सिर्फ अपने को अविनाशी-रूहानी आत्मा समझ बिन्दी-स्टार ज्ञान-सुख-शान्ति सागर almighty पतित-पावन बाबा को चलते-फिरते कार्य-व्यवहार करते आशिक-माशुक समान याद करते पावन बन जाए (नेष्ठा-साक्षातकार की आवश्यकता नहीं)… अच्छे से पढ़ते, सबकी सेवा करते, कर्मातीत-पास विद् आनर बनने की ओर आगे बढ़ते रहे

चिन्तन

जबकि हमारी याद इतनी सहज है (लेकिन खिसक भी जाती)… तो बाबा की इस याद की श्रीमत को पूरा regard देने, अपनी दिनचर्या को ही श्रीमत-अनुसार सेट कर, बार-बार बीच-बीच में अपने में ज्ञान-योग का घृत डालते, सहज शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


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Being a fragrant flower! | Sakar Murli Churnings 18-02-2020

Being a fragrant flower! | Sakar Murli Churnings 18-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि अमरनाथ-बागवान-बाबा आए है ब्रह्मा-तन में, हमारी तकदीर जगाकर खुशबूदार फूल-देवता-राजा बनाने… तो सदा पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे (कोई बहाना नहीं) पारस-बुद्धि बन, आत्मा समझ बाबा की याद द्वारा दिव्यगुण-सम्पन्न बन, सबको कांटों से फूल बनाने वाले माली अवश्य बनें… शरीर छूटने से पहले अपने दिव्य संस्कार-भाग्य जरूर बनाना है

चिन्तन

जबकि दिव्यगुणों की धारणा = ज्ञान + योग… तो दिव्यगुण-सम्पन्न बनने, अपने ज्ञान-योग की दिनचर्या को पक्का-श्रीमत अनुसार बनाते रहे… तो सदा हमारी श्रेष्ठ-खुश स्थिति रहेंगी, दिव्यगुणों की धारणा शक्तिशाली बनते… हम सबका कल्याण करते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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Becoming angelic by remembering the beautiful traveller! (हसीन मुसाफिर) | Sakar Murli Churnings 17-02-2020

Becoming angelic by remembering the beautiful traveller! (हसीन मुसाफिर) | Sakar Murli Churnings 17-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि निराकार परमपिता-परमात्मा भगवान् हमें सतयुगी-राज्य में सम्पूर्ण धनवान-सुन्दर-पावन-देवता बनाने जगा रहे… तो सदा देही-अभिमानी अशरीरी-detach हो, आशिक-माशूक समान, हसीन पतित-पावन मुसाफिर बाबा को याद करते, दिव्यगुण-सम्पन्न बन, फरिश्ता सो देवता बन जाएं


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The difference between Gyan & Yog! | Sakar Murli Churnings 15-02-2020

The difference between Gyan & Yog! | Sakar Murli Churnings 15-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि दुरदेश ब्रह्म-महतत्व घर से आकर, स्वयं ज्ञान-सागर बाबा ने हमें आत्मा-परमात्मा-समय का सत्य ज्ञान देकर ईश्वरीय-स्वच्छ बुद्धि बनाकर ज्योत जगाई है… तो सदा बिन्दी-आत्मा-बच्चे बन ऐसे निराकार-बिन्दी-परलौकिक रूहानी पतित-पावन परमात्मा-बाप की याद में रहना है (भल माया के तूफान आए, हमें पावन-कर्मेन्द्रियजीत बनना ही है, चार्ट रखकर अव्यभिचारी याद द्वारा देही-अभिमानी अशरीरी बन घर जाना)… scholarship ले माला में आकर लक्ष्मी-नारायण समान बनना (नई दुनिया-स्वर्ग-सचखण्ड में जीवनमुक्त)

चिन्तन

जबकि बाबा ने आत्मा-परमात्मा-समय की सत्य-यथार्थ समझ हमारी बुद्धि में बिठा दी है… तो अब सदा खुुश-श्रेष्ठ मन की स्थिति अनुभव करने लिए, सिर्फ इस ज्ञान का अभ्यास करना है… अर्थात्‌ समय निकाल बैठकर, श्रेष्ठ योग के संकल्प दोहराकर उसका स्वरूप बन, सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न स्थिति के अनुभव द्वारा दिव्यगुण-सम्पन्न चलन बनाकर… आसपास सबको भी श्रेष्ठ-दिव्य जीवन बनानी के प्रेरणा देते दुआएं कमाते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


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Coming first! | Sakar Murli Churnings 14-02-2020

Coming first! | Sakar Murli Churnings 14-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सतयुगी अथाह सुखों का 21 जन्म वर्सा हमारे सामने खड़ा है… तो पहलेे-पहले आने अपनी श्रेष्ठ तकदीर बनाने लिए, सेवा के साथ देही-अभिमानी अशरीरी हो शान्त-स्वरूप बन निराकार-सत्य पतित-पावन जगती-ज्योत शिव-साजन की याद द्वारा पावन कर्मेन्द्रिय-जीत हीरे-समान खुश जरूर बनना… उमंग से बाबा के मददगार रहना (हम ही शिव की अहिंसक शक्ति-सेना है, जो निर्विकारी-देवता बन रहे)

चिन्तन

जबकि हम ही सतयुग में पहले आने वाली श्रेष्ठ आत्माएं है… तो पुरुषार्थ में भी नम्बर-वन बन, शिव-साजन की प्यार-भरी यादों द्वारा सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न रह… सदा अपनी फुल-चार्ज बैटरी द्वारा दिव्य-वाइब्रेशन हर्षित-चेहरे मधुर-बोल सुखदाई-व्यवहार से आत्माओं को सुख-शान्ति-प्रेम के शीतल छींटे देते… विश्व-कल्याणकारी बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Experiencing peace through bodyless stage! | Sakar Murli Churnings 13-02-2020

Experiencing peace through bodyless stage! | Sakar Murli Churnings 13-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सद्गति देने वाला भगवान्-शिवबाबा हमें अपने बच्चा बनाकर नई-सतयुगी-दुनिया के वर्से लिए पढ़ाते… तो सच्ची शान्ति अनुभव करने, सदा अपने को देह से न्यारी आत्मा समझ, फिर उस एक-निराकार-ऊपरवाले पतित-पावन बाबा को याद कर विकर्माजीत पारस-बुद्धि श्रेष्ठाचारी दिव्यगुण-सम्पन्न बन जाए (श्रीमत पर, तब कहेंगे मातेले-वारिस)… साथ में सबकी सेवा करते रहे

चिन्तन

जबकि शक्तिशाली अशरीरी-स्थिति ही स्थाई-शान्ति अनुभव करने का आधार है… तो पहले तो कम-से-कम 15-20 मिनट समय निकाल, बैठकर देह से न्यारा (शरीर को न हिलाते) आत्म चिन्तन-realization द्वारा शान्ति में स्थित हो, फिर बाबा को बहुत प्यार-एकाग्रता से याद कर… उनकी शक्तियों से सम्पन्न कमजोरियों से परे जा, सर्व प्राप्ति सम्पन्न स्थिति अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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