The difference between Gyan & Yog! | Sakar Murli Churnings 15-02-2020

The difference between Gyan & Yog! | Sakar Murli Churnings 15-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि दुरदेश ब्रह्म-महतत्व घर से आकर, स्वयं ज्ञान-सागर बाबा ने हमें आत्मा-परमात्मा-समय का सत्य ज्ञान देकर ईश्वरीय-स्वच्छ बुद्धि बनाकर ज्योत जगाई है… तो सदा बिन्दी-आत्मा-बच्चे बन ऐसे निराकार-बिन्दी-परलौकिक रूहानी पतित-पावन परमात्मा-बाप की याद में रहना है (भल माया के तूफान आए, हमें पावन-कर्मेन्द्रियजीत बनना ही है, चार्ट रखकर अव्यभिचारी याद द्वारा देही-अभिमानी अशरीरी बन घर जाना)… scholarship ले माला में आकर लक्ष्मी-नारायण समान बनना (नई दुनिया-स्वर्ग-सचखण्ड में जीवनमुक्त)

चिन्तन

जबकि बाबा ने आत्मा-परमात्मा-समय की सत्य-यथार्थ समझ हमारी बुद्धि में बिठा दी है… तो अब सदा खुुश-श्रेष्ठ मन की स्थिति अनुभव करने लिए, सिर्फ इस ज्ञान का अभ्यास करना है… अर्थात्‌ समय निकाल बैठकर, श्रेष्ठ योग के संकल्प दोहराकर उसका स्वरूप बन, सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न स्थिति के अनुभव द्वारा दिव्यगुण-सम्पन्न चलन बनाकर… आसपास सबको भी श्रेष्ठ-दिव्य जीवन बनानी के प्रेरणा देते दुआएं कमाते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


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Coming first! | Sakar Murli Churnings 14-02-2020

Coming first! | Sakar Murli Churnings 14-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सतयुगी अथाह सुखों का 21 जन्म वर्सा हमारे सामने खड़ा है… तो पहलेे-पहले आने अपनी श्रेष्ठ तकदीर बनाने लिए, सेवा के साथ देही-अभिमानी अशरीरी हो शान्त-स्वरूप बन निराकार-सत्य पतित-पावन जगती-ज्योत शिव-साजन की याद द्वारा पावन कर्मेन्द्रिय-जीत हीरे-समान खुश जरूर बनना… उमंग से बाबा के मददगार रहना (हम ही शिव की अहिंसक शक्ति-सेना है, जो निर्विकारी-देवता बन रहे)

चिन्तन

जबकि हम ही सतयुग में पहले आने वाली श्रेष्ठ आत्माएं है… तो पुरुषार्थ में भी नम्बर-वन बन, शिव-साजन की प्यार-भरी यादों द्वारा सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न रह… सदा अपनी फुल-चार्ज बैटरी द्वारा दिव्य-वाइब्रेशन हर्षित-चेहरे मधुर-बोल सुखदाई-व्यवहार से आत्माओं को सुख-शान्ति-प्रेम के शीतल छींटे देते… विश्व-कल्याणकारी बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Experiencing peace through bodyless stage! | Sakar Murli Churnings 13-02-2020

Experiencing peace through bodyless stage! | Sakar Murli Churnings 13-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सद्गति देने वाला भगवान्-शिवबाबा हमें अपने बच्चा बनाकर नई-सतयुगी-दुनिया के वर्से लिए पढ़ाते… तो सच्ची शान्ति अनुभव करने, सदा अपने को देह से न्यारी आत्मा समझ, फिर उस एक-निराकार-ऊपरवाले पतित-पावन बाबा को याद कर विकर्माजीत पारस-बुद्धि श्रेष्ठाचारी दिव्यगुण-सम्पन्न बन जाए (श्रीमत पर, तब कहेंगे मातेले-वारिस)… साथ में सबकी सेवा करते रहे

चिन्तन

जबकि शक्तिशाली अशरीरी-स्थिति ही स्थाई-शान्ति अनुभव करने का आधार है… तो पहले तो कम-से-कम 15-20 मिनट समय निकाल, बैठकर देह से न्यारा (शरीर को न हिलाते) आत्म चिन्तन-realization द्वारा शान्ति में स्थित हो, फिर बाबा को बहुत प्यार-एकाग्रता से याद कर… उनकी शक्तियों से सम्पन्न कमजोरियों से परे जा, सर्व प्राप्ति सम्पन्न स्थिति अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Remaining in God’s divine company with a true heart! | Sakar Murli Churnings 12-02-2020

Remaining in God’s divine company with a true heart! | Sakar Murli Churnings 12-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि हमें इस संगम पर सच्चा-सच्चा सत-ऑलमाइटी का संग मिला है (जिससे पावन-सतोप्रधान गोल्डन-ऐजेड बलवान-देवता बनते, स्वर्ग के)… तो सदा सच्चे-दिल से उठते-बैठते-चलते-फिरते अपने को ऑल-राउंडर आत्मा-स्टूडेंट समझ बाबा की यादों-स्मृतियों-संग से रह खुशी-चढ़ती कला का अनुभव कर… बाबा के मददगार बन सबको रास्ता दिखाते, ऊँच पद पाएं

चिन्तन

जबकि सच्चे-दिल पर साहेब राज़ी रहते… तो सदा बाबा के संग, कमजोरियों से परे रह, सूक्ष्म गलतियों को भी बाबा को बताकर हल्के रह… सदा ज्ञान-योग-सेवा सम्पन ईश्वरीय-दिनचर्या में बिजी रह, हर पल उन्नति का अनुभव करते,.. पुराने-पन में पर सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The spiritual nature cure! | Sakar Murli Churnings 11-02-2020

The spiritual nature cure! | Sakar Murli Churnings 11-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि भगवान् आए हैं हमे पावन-पूज्य-गुणवान देवता बनाकर सतयुगी-वर्सा देने… तो सदा स्वयं को निराकार-अविनाशी आत्मा समझ देही-अभिमानी बन, अपने समर्थ पतित-पावन बाबा की आशिक-माशुक समान कर्म में भी याद करते पावन-खुश-कर्मातीत बन ऊँच पद पाए (जो कल्प-कल्प की श्रेष्ठ नूँध बन जाएंगी)… बाबा के मददगार बन सबको रास्ता दिखाते रहे (सेंटर खोल सके तो बहुत अच्छा)

चिन्तन

जबकि बाबा हमारी आधाकल्प की बीमारी को बहुत सहज नैचुरल-अलौकिक रीति ठीक कर रहे (राजयोग द्वारा)… तो सदा अपने संकल्प-स्वभाव को भी सिम्पल रख, सदा ज्ञान-चिन्तन वा योग के विभिन्न-अभ्यासों द्वारा दिव्यता-शान्ति प्रेम-आनंद से सम्पन्न बनते-बनाते… श्रेष्ठ उदाहरण द्वारा सबको आप-समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The biggest good news! | Sakar Murli Churnings 10-02-2020

The biggest good news! | Sakar Murli Churnings 10-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि हेविनली-गॉड-फादर आए है स्वर्ग-सुखधाम का वर्सा देने, तो सबको खुशी-प्रेम से यह खुशखबरी सुनानी है (प्रदर्शनी-बैज द्वारा, शौक से, निर्बन्धन हो)… इसके लिए पहले खुद धारणा-मूर्त लायक-गुणवान-सदा खुश बनना… जिसका आधार है याद द्वारा पावन बनना (जिसका भी आधार है ज्ञान-रत्नों की पढ़ाई, श्रीमत)

चिन्तन

जबकि यही समय है सबसे बड़ी खुशखबरी (भगवान् के सिखाए राजयोग) की अनुभूति करना… तो सदा इसका पूरा लाभ उठाते (ज्ञान-चिन्तन के आधार पर), सदा परमात्म-प्यार में डूबे पुरानी स्मृतियों से परे रह… अपनी दिव्यगुण-सम्पन्न चलन द्वारा सबको की आप-समान श्रेष्ठ बनाए, स्वर्णिम सतयुगी-दुनिया की खुशखबरी लाते चले… ओम् शान्ति!


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Creating an illustrious fortune! | Sakar Murli Churnings 08-02-2020

Creating an illustrious fortune! | Sakar Murli Churnings 08-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि हमें आत्मा-परमात्मा का सत्य-परिचय मिल गया है (जिसके ही अभ्यास से सतोप्रधान हीरे-तुल्य सतयुगी-राजा बनते).. तो अब सिर्फ हमें (कार्य करती भी) निराकार-रूहानी पतित-पावन बाबा की याद में रहना है (चार्ट रखकर, अपने को सूक्ष्म-अविनाशी-सितारा आत्मा समझकर देही-अभिमानी बन)… ऐसी पक्के-महावीर बन, सबका श्रेष्ठ कल्याण करते, स्वयं-सर्व की सर्वश्रेष्ठ-तकदीर बना ले

चिन्तन

जबकि कल्प-कल्प की श्रेष्ठ-तकदीर बनाने का यही समय है… तो सदा बुद्धि से स्वयं को तन-मन-धन से बाबा पर समर्पित समझ, हर कदम श्रीमत-फोलो फादर द्वारा श्रेष्ठ-दिव्य-उपराम स्थिति का अनुभव करते-कराते, सबको आप-समान सर्वश्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The beautiful traveller! | हसीन मुसाफिर | Sakar Murli Churnings 07-02-2020

The beautiful traveller! | हसीन मुसाफिर | Sakar Murli Churnings 07-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि गोल्डन-ऐजड राज्य लिए स्वयं परमात्मा-truth हमें राजयोग सिखाते (थोड़े समय लिए)… तो पुरानी दुनिया की बातों को न देख, सदा अपने को अविनाशी-पार्टधारी आत्मा समझ देही-अभिमानी बन, हमारे सुप्रीम बाप-टीचर-सतगुरू रूप-बसंत बाबा की स्मृति में रह… सतोप्रधान-गुणवान-सुखदाई बन, सभी आत्मा-भाइयों की सेवा करते रहे

चिन्तन

जबकि दुनिया की सबसे सुन्दर (सत्यम-शिवम-सुन्दरम) आत्मा से हमारा रोज़ मिलन होता.. तो सदा उसके प्यार में जहां को कुर्बान कर, सदा उसकी अति-सुन्दर छबी को निहारते, सर्व ज्ञान-गुण-शक्तियों से सम्पन्न बन… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर हो, अपने श्रेष्ठ चेहरे-चलन-धारणा द्वारा सबकी सर्वश्रेष्ठ सेवा करते, सतयुग बनाते चले.. ओम् शान्ति! 


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Soul-realization, to become full of divine manners! | Sakar Murli Churnings 06-02-2020

Soul-realization, to become full of divine manners! | Sakar Murli Churnings 06-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि स्वयं वृक्षपति पतित-पावन सुख-कर्ता बाबा, हमे सम्पूर्ण पवित्र-सतोप्रधान-सुख का सतयुगी-वर्सा देने आए है… तो soul-realization (कैसे भृकुटी-बीच मैं छोटी सी बिन्दी-सितारा आत्मा हूँ) वा चलते-फिरते अव्यभिचारी-याद द्वारा पावन-खुश बन, सर्वगण-सम्पन्न दैवी-मैनर्स का अनुभव करते… सबको समझाकर-रास्ता दिखाते-कल्याण करने वाले ज्ञानी तू आत्मा बने

चिन्तन

जबकि बाबा ने हमें सारे आध्यात्मिकता का सार सुना दिया है, कि आत्म-अभिमानी स्थिति ही सर्व-दिव्यगुण धारण करने का सहज आधार है… तो सदा योग-बीच बीच में बहुत अच्छे से स्वयं को आत्मा realize कर, कार्य करते भी अपनी हल्कि शान्ति-प्रेम-आनंद सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते… सबके लिए श्रेष्ठ-उदाहरण बनते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The increasing earnings! | Sakar Murli Churnings 05-02-2020

The increasing earnings! | Sakar Murli Churnings 05-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सम्पूर्ण सुख-सम्पत्ति का वर्सा-विष्णुपूरी हमारे सामने है (ऊँच ते ऊँच भगवान्-रचता इसी लिए हमें पढ़ाने आए है)… तो sensible बन इसी पावन-सतोप्रधान बनने की अविनाशी-कमाई में लग जाए, ऐसा एक बाबा को याद कर देही-अभिमानी अशरीरी-कर्मातीत बन जाए (देह-भूत में बुद्धि न भटके)… सेवा-आप समान बनाने का शौक हो (प्रदर्शनी, आदि में) … तब ही ऊँच पद बनेगा

चिन्तन

जबकि संस्कार-कर्म ही आत्मा के साथ जाते (और इन्हें दिव्य-श्रेष्ठ बनाना बाबा ने हमें सिखा दिया है)… तो सदा इस सर्वोत्तम ज्ञान-योग सम्पन्न ईश्वरीय-दिनचर्या में अपने को set कर, अपनी सूक्ष्म-चेकिंग द्वारा छोटे-व्यर्थ विघ्नों से परे रह… अपनी श्रेष्ठ दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद सम्पन्न स्थिति-चेहरे-चलन द्वारा सबका कल्याण कर आप-समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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