Using Baba’s songs! | Sakar Murli Churnings 03-12-2019

Using Baba’s songs! | Sakar Murli Churnings 03-12-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हमारे दिल में एक रूहानी बाप-टीचर-सतगुरू-guide शिवबाबा की याद है (वह हमारे साथ-संग खेलते-रहते, हम उनसे बातें करते)… इस याद से ही श्रेष्ठ अवस्था-धारणा होती, बाबा की मदद मिलती… तो ऐसे बाबा की श्रीमत पर जरूर चलना है:

  • अमृतवेला-सुबह उठ बाबा से मीठी-मीठी बातें करनी है… रात को सोने से पहले, आधा-घण्टा याद का नियम रखना है
  • बाबा को अपनी वारिस समझना है, ताकि मोह निकल जाए… हम बन्दर से मन्दिर-लायक बन रहे
  • याद-सेवा में रहने से सारा दिन नशा चढ़ा रहेगा, योग में लाइन clear होती जाएंगी… व्यर्थ बातों से परे रह, सेवा का सबूत देना है
  • स्वदर्शन-चक्र फिराते रहना है (हम लक्ष्मी-नारायण समान थे, फिर चक्र लगाया, आदि)

चिन्तन

जबकि बाबा के गीत मुरझाइस मिटाने की संजीवनी बूटी है, जिससे हम नाच उठते… तो बाबा के गीतों की मदद लेने के साथ, अपनी योग-साधना पर भी पूरा अटेन्शन देते… सदा शुद्ध-संकल्पों के बल द्वारा, अपनी बुद्धि को लम्बा-समय अपने-बाबा के स्वरुप पर एकाग्र करने का अभ्यास करे… तो स्वतः हम लम्बा-समय शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न रहते-करते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!

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Seeing Baba in front! | Sakar Murli Churnings 02-12-2019

Seeing Baba in front! | Sakar Murli Churnings 02-12-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम-स्कूल में स्वयं शिवबाबा-अल्लाह-गॉड (रूहानी बाप-टीचर-सतगुरू) सम्मुख हम आत्माओं को प्यार से पढ़ाते… तो हमें भी आत्मा समझ सर्वशक्तिमान-टीचर की प्यार-भरी याद-योग द्वारा पावन-बैटरी चार्ज होना है… फिर नई दुनिया-सद्गति शिवालय-सुखधाम में पहुँच जाएंगे (जीवनमुक्त-देवता के रूप में), वाया शान्तिधाम (हम सारे चक्र-झाड़-ड्रामा को जानते)

2. धारणा कर, सब को बाबा का परिचय देना है (अन्त में सब याद करेंगे)… तो अब किसी और से दिल नहीं लगानी, बाबा को निरन्तर याद करने का पुरूषार्थ करते रहना है… अटेन्शन से पढ़ना है (जबकि हमारी पद्मों की कमाई हो रही)

चिन्तन

जबकि बाबा हमारे सम्मुख आ गए हैं, तो सदा उसे अपने सामने-साथ अनुभव करते रहें:

  • अमृतवेला-नुमाशाम में… शिवबाबा को सामने एक-टिक देखते, उनके प्यार-शक्तियों में समा जाए
  • मुरली में… बापदादा को सुनाते हुए देखे (तो नीत-नये अनुभव होंगे)
  • सारा दिन… बीच-बीच में 2-3 मिनट भी, बाबा का आह्वान कर उसको बुद्धि द्वारा सामने स्थित करे… तो सारा दिन सहज उसके साथ का अनुभव होंगा

ऐसे बहुत सुन्दर-योगयुक्त शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न स्थिति अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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Remaining soul-conscious! | Sakar Murli Churnings 30-11-2019

Remaining soul-conscious! | Sakar Murli Churnings 30-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

  • हम अविनाशी-चैतन्य-बिन्दी आत्माएं है (शरीर-पुतले द्वारा बोलती-चलती-पार्ट बजाती)
  • हमारा बाप निराकार-परमात्मा शिवबाबा है (जो अभी ब्रह्मा-तन में आया है, सर्वव्यापी-न्यारा नहीं)
  • हम अब पूज्य-पावन 16 कला सम्पूर्ण देवता बन रहे, नई-दुनिया स्वर्ग के

यह सब बीजरूप-बाबा ने हमें संगम पर बताकर ज्ञानी बनाया है (पतित है तब ही बाबा आते पावन बनाने, बाकी साक्षात्कार तो अल्पकाल है)… बहुतों को भी समझाना है

चिन्तन

जबकि आत्मा-सशक्तिकरण ही सर्व समस्याओं का समाधान है… तो सदा हर कर्म करते आत्म-चिन्तन द्वारा हल्की-न्यारी-यथार्थ स्थिति का अनुभव कर, बार-बार बुद्धि को बाबा से जोड़, उनकी सर्व गुण-शक्ति-प्राप्तियों से स्वयं को सम्पन्न रख… अपने श्रेष्ठ चेहरे-चलन द्वारा सब के लिए प्रत्यक्ष-प्रमाण बन आप-समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming Mayajeet by remembering Baba in a variety of ways! | Sakar Murli Churnings 29-11-2019

Becoming Mayajeet by remembering Baba in a variety of ways! | Sakar Murli Churnings 29-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. जबकि स्वयं बाप-टीचर-सतगुरु ईश्वर हमें यह राजयोग की नई पढ़ाई पढ़ाते, तो सबकुछ भूल आत्मा समझ टीचर से योग रखना तो सहज होना चाहिए, जिससे नई दुनिया-पैराडाइज में पावन-देवता बनते, पद्मापद्म भाग्यशाली

2. सिर्फ माया की खिंच होती, इसलिए पुरूषार्थ करना पड़ता (भिन्न-भिन्न रीति से याद करना, मीठी बातें करना, पिछला बताकर हल्का होना, आदि)… तब ही हमारी सेवा में आत्म-अभिमानी का जौहर भरता, तीर लगता

चिन्तन

जबकि बाबा को याद करना इतना सहज-स्वाभाविक-आनंदमय है, तो माया से बचे रहने लिए… सदा बाबा को भिन्न-भिन्न अभ्यासों द्वारा याद करते रह, अपनी दिनचर्या को ही श्रीमत अनुसार यथार्थ ज्ञान-योग सम्पन्न बनाते, सदा दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रहते-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming a complete Brahmin! | Sakar Murli Churnings 28-11-2019

Becoming a complete Brahmin! | Sakar Murli Churnings 28-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम पर स्वयं बाप-टीचर-सतगुरु-लिबरेटर-guide शिवबाबा हमें पढ़ाने-सद्गति करने की सेवा करते… हमारे बुद्धि में रचता-रचना का सारा ज्ञान है (विराट रूप, ब्रह्मा सो विष्णु, आदि)… हम सम्पूर्ण ब्राह्मण-कर्मातीत बन रहे, फिर नई-सतोप्रधान दुनिया में पहुँच जाएंगे

2. सारा दिन बुद्धि में ज्ञान घूमता रहे (ज्ञान-भक्ति का अन्तर, आदि)… हम छोटे-सितारे आत्माएं, अकाल-तख्त पर विराजमान हो अनादि पार्ट बजा रहे… अब याद द्वारा सतोप्रधान-श्रेष्ठ-देवता बन रहे (श्री श्री की श्रीमत से श्रेष्ठ), अभी ब्राह्मण है… सब को बाबा का परिचय देना है (अन्त में सब स्वीकार करेंगे)

चिन्तन

जबकि स्वयं भगवान् नें हमे adopt कर अपना श्रेष्ठ-पवित्र ब्राह्मण बच्चा बनाया है… तो सदा इस सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण कल्चर को दिल से अपनाते, श्रीमत अनुसार श्रेष्ठ-ईश्वरीय दिनचर्या को अपनाकर… सदा ज्ञान-चिन्तन वा बाबा-साथ द्वारा दिव्य-अलौकिक शान्ति-प्रेम-खुशी सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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A golden vessel! | Sakar Murli Churnings 27-11-2019

A golden vessel! | Sakar Murli Churnings 27-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम पर हम दूरांदेशी-बच्चें सब जानते:

  • यह 5000 वर्श का चक्र… पहले नई-दुनिया सुख में थोड़ी आत्माएं (हद) होती, फिर सब बेहद हो जाता, फिर हद-बेहद से पार घर जाते
  • भगवान्… ऊँच ते ऊँच परमात्मा बाप-नॉलेजफुल-सतगुरू, जो ब्रह्मा-मुख (आकाश) द्वारा वाणी चलाते, हमें विश्व का मालिक सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बनाते
  • (माला का उदाहरण) बाप-फुल के बाद युगल-मेरु (महाराजा-महारानी), फिर सारी माला
  • यह सब उल्टे झाड़ के रूप में समझना सहज है

2. यह सब धारण करने लिए चाहिए पवित्र-सोने का बर्तन… जिसके लिए एक बाप से बुद्धियोग चाहिए (उल्टे-सिलते विचारों से परे)… तब ही मास्टर नॉलेजफुल बन अविनाशी ज्ञान रत्नों का दान कर सकेंगे… बहुत मीठा कमल-फुल-समान बनना है, माया तो आएगी, हम याद द्वारा विजयी बनना है

चिन्तन

जबकि बाबा रोज़ हम पर अमूल्य-ज्ञान-रत्नों की वर्षा करते, तो इन सबको अपनी बुद्धि में समाने लिए… सदा नॉलेजफुल बन सच्ची-अविनाशी खुशी को चुनते, सदा ज्ञान-चिन्तन वा याद में बुद्धि को बिजी़ रख शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न रहते-करते… अपने हर कार्य-व्यवहार को यादगार-कल्याणकारी बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The wonder of Shrimat! | Sakar Murli Churnings 26-11-2019

The wonder of Shrimat! | Sakar Murli Churnings 26-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. आसुरी मत नीचे गिराती (जो सबसे मिलती), और सुप्रीम-नॉलेजफुल बाप-गुरू की ईश्वरीय-श्रीमत (याद द्वारा) दिव्यगुण-सम्पन्न बनाती, ऊंचा चढ़ाती (श्रेष्ठ-पुण्य आत्मा देवता बनाती, नई-सतोप्रधान दुनिया स्वर्ग-सुखधाम-सद्गति में, 21 जन्म पद्मापद्म-भाग्यशाली)

2. सहज-याद के बीच माया आएंगी, उसमें भी योग के पुरूषार्थ-बल से ही विजय है (हमें आत्मा-परमात्मा का सम्पूर्ण-सत्य ज्ञान है, और ब्रह्मा-बाबा से तो कम ज़िम्मेवारी है)… साथ में कमल-फुल समान रहना है (धन्धे में सम्भाल), हमारी विजय निश्चित है (हम सारे ड्रामा को जानते)

3. हमारे संगठित शुभ-भावनाओं के सहयोग-बल से ही सेवाओं में सफलता है, ऐसे हर कदम में पदम जमा करते जाना है

चिन्तन

जबकि सिर्फ एक श्रीमत से क्या से क्या, बन कहाँ से कहा पहुंच जाते… तो सदा हर संकल्प-कर्म में बाबा वा उसकी श्रीमत को सिरमाथे रख, सदा ज्ञान-चिन्तन वा बाबा की प्यारी-मीठी यादों में डूबे रह, शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The power of checking! | Sakar Murli Churnings 25-11-2019

The power of checking! | Sakar Murli Churnings 25-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हमें मंत्र तो मिला गया है… घर-गृहस्थ में भी जितना देह-अभिमानी बन (आत्मा ही सबकुछ करती, इसलिए पुराने-स्थूल का लगाव न हो)… और बाबा को याद करते (मीठी बाते, चिन्तन, आदि)… उतना वर्सा मिलता (खुशी रहती, पावन बनते)

2. तो स्वयं की जांच करनी है (कितना सम्पन्न बने है, क्या कमी-खामी-भूत-अवगुण है)… क्योंकि हमारा लक्ष्य बहुत ऊंचा है (परफेक्ट बन, लक्ष्मी को वरना, सुखधाम में)

3. खूब सेवा करनी है (मन्दिरों-गांवों में, चित्र-सहित)… सेवा तो बहुत है, सिर्फ शौक चाहिए… योग में रहने से ही तीर लगता, बाकी सबका अपना पार्ट है, माया भी अजगर-डुबन है

चिन्तन

जबकि सर्व प्राप्तियों के सागर बाबा (और उनसे शक्ति लेने की सर्वश्रेष्ठ विधि) हमारे सामने है… तो सदा चेकिंग द्वारा सभी व्यर्थ-leakage को बन्द कर, अपनी आत्मा-रूपी गागर को भरपूर-सम्पन्न करते रहे… तो सदा हमारी स्थिति शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर-सम्पन्न रह… हमारे वाइब्रेशन-चेहरे-चलन से स्वतः सेवा होंगी, हम सब की जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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Achieving the highest position! | Sakar Murli Churnings 23-11-2019

Achieving the highest position! | Sakar Murli Churnings 23-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम लकी सितारे जितना आत्मा समझ सर्वशक्तिमान बाबा को याद करते (बाकी सब भूल)… उतना पवित्र बन, मुक्ति-जीवनमुक्ति में पहुँच जाते (नई-सतोप्रधन दुनिया स्वर्ग-शिवालय के मालिक, 21 पीढ़ी सुख-धन सम्पन्न)…

2.

  • जितना पुरूषार्थ, उतना पद… (हमें तो पास विद् आनर लक्ष्मी-नारायण बनना है)
  • इसलिए चार्ट रखना है… (हमारा बाप-टीचर-सतगुरु बैठा है, हमें पावन बनने का रास्ता दे, फिर साथ ले जाने)
  • फॉलो फादर करना है

3. हम सारे चक्र को जानते (तो अच्छे से खूब सेवा करनी है… इसके लिए होशियार बनना है, चित्र तो हमारे पास है, गाँव-गाँव में सेवा करनी है)

चिन्तन

जबकि हमें विश्व का सर्वश्रेष्ठ पद लक्ष्मी-नारायण बनने का चान्स मिला है… तो सदा श्रेष्ठ संकल्पों में रमण करते, दिन में बार-बार बुद्धि की तार बाबा से जोड़ते… सदा अपने अन्दर शान्ति-प्रम-आनंद की ऊर्जा बढ़ाते, सहज परिवर्तन अनुभव करते, सदा खुश रहते-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The single wonder of the world! | Sakar Murli Churnings 22-11-2019

The single wonder of the world! | Sakar Murli Churnings 22-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम पर, हम श्रीमत पर अपने को आत्मा समझ निराकार पतित-पावन शिवबाबा की सहज याद-योग में ज्ञान-सहित बैठते… अर्थात्‌ हम जानते इससे पाप-कट पावन-सतोप्रधान (श्रृंगारे हुए कंचन-सच्चा सोना) बन… नई-पावन दुनिया स्वर्ग के मालिक बनते, लम्बी आयु-नेेचुरल ब्यूटी वाले-धनवान पद्मापद्म भाग्यशाली श्रेष्ठाचारी देवता-रूप में … हम सारे चक्रड्रामा को जानते

2. तो बाबा का हाथ पक्का-एकरस पकड़ कर रखना है… याद में रहने से ही माया से बच सकते… सबकी सेवा करते रहना है

3. माया मेहनत कराती, बाबा की छत्रछाया मौज में रखती (विजयी होने का सम्पूर्ण निश्चय)… ऐसे मौज में रहना-करना ही सच्ची सेवा है

चिन्तन

जबकि हम सच्चे-सच्चे वन्दर ऑफ वर्ल्ड सतयुग में जा रहे (जहां सम्पूर्ण सुख है)… तो सदा अपने को दिव्य आत्मा समझ, ज्ञान-योग-ईश्वरीय मर्यादा-सम्पन्न दिनचर्या बनाकर… सदा दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर स्थिति बनाकर हर कार्य करते, सब के लिए प्रत्यक्ष प्रमाण बन आप-समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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