The sweetest medicine! | Sakar Murli Churnings 08-11-2019

The sweetest medicine! | Sakar Murli Churnings 08-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम शान्त-स्वरुप होते भी शान्ति मांगते थे, क्यूँकी पाँच-विकार अन्दर भरे थे… अब संगम पर स्वयं अविनाशी-वैद्य ज्ञान-सागर बाप-टीचर-सतगुरू शिवबाबा हमें मन्मनाभव की मीठी-दवाई देते (अपने को निराकार-आत्मा समझ, बाबा को याद करना)… जिससे ही पावन-सतोप्रधान-सुखी बनते (चेहरा खुशी से खिला रहता), जो संस्कार फिर 21 जन्म चलते नई-डीटी दुनिया (सद्गति) में

2. भल माया आए, हम तो श्रीमत पर सारे विश्व को चेंज करने वाले है (तो सदा श्रीमत पर चलते रहना है)… अपने आत्मा-भाइयों की सेवा कर, उनका कल्याण अवश्य करना है

चिन्तन

जबकि हमें मन्मनाभव की मीठी दवाई मिली है… तो सदा इसी याद की यात्रा के अनुरूप हमारी ईश्वरीय-दिनचर्या बनाते, सदा ज्ञान-चिन्तन करते, बाबा की मीठी यादों में डूबे रह… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The spiritual talent! | Sakar Murli Churnings 07-11-2019

The spiritual talent! | Sakar Murli Churnings 07-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. जैसे साइंस वाले चांद तक जाते… हमारा भी योग का रूहानी हुनर हैै:

  1. वे चांद तक जाते… हम उससे भी परे (मुलवतन-स्वीट हॉम शान्ति-मुक्तिधाम) जाते
  2. उन्हें बहुत खर्चा होता… हम कोई खर्चा नहीं
  3. उन्हें जीवन का डर रहता… हमारा तो शरीर यहीं रहता
  4. उन्हें बहुत सौगातें मिलती… हमें तो 21 जन्म स्वर्ग के बादशाही की prize स्वयं बाप देते
  5. वह रॉकेट में जाते… हम तो खुद ही आत्मा-रूपी रॉकेट है
  6. वह आवाज़ करते… हम शान्त रहते
  7. वह है जिस्मानी science का हुनर… यह है रूहानी silence का हुनर
  8. वह खोज करने जाते, प्लॉट बनाने का सोचते… हमें तो सम्पूर्ण ज्ञान है (यह सिर्फ बेहद-माण्डवे की बत्तियां है)

2. इस संगम पर स्वयं सुप्रीम-बाप हमें यह highest ज्ञान-पढ़ाई-शिक्षा देते… जिससे हम सद्गति-जीवनमुक्ति पाते, स्वर्ग में, दिव्यगुण-सम्पन्न देवता लक्ष्मी-नारायण रूप में

3. मुख्य है योगबल से पावन बनना (भल माया आए)… हमारी तो बाबा से लव marriage है (वह हमें 21 जन्म की बादशाही देते)… बाकी थोड़ा समय है, सब की बहुत अच्छे से सेवा करनी है

चिन्तन

जबकि हम राजयोग का सर्वश्रेष्ठ हुनर जानते… तो सदा अपने जीवन को सर्वश्रेष्ठ धारणा-मूर्त बनाएं, विधिपूर्वक योग का अभ्यास कर, उनकी सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न, सदा दिव्यता-शान्ति प्रेम-आनंद से भरपूर रहते-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Checking our quality of Yog! | Sakar Murli Churnings 06-11-2019

Checking our quality of Yog! | Sakar Murli Churnings 06-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

हम सम्पूर्ण-ज्ञानी ब्रह्माकुमार है… तो जबकि श्रीमत पर अपने को आत्मा समझ पतित-पावन बाबा को याद करने से ही पावन-देवता बनते, ऊँच पद वाले (सचखण्ड-गार्डन ओफ अल्लाह-डीटी वर्ल्ड में)… तो जबकि समय निकाल हम योग में बैठते, चेक-नोट करना है कितना समय बाबा से बुद्धि लगी रही (उतनी ही देर पावन बनते), और कितनी-कहाँ बुद्धि भटकी, तब ही अन्त में सम्पूर्ण-कर्मातीत (दुःखों से परे, विश्व-मालिक बनने लायक) बनेंगे… भारीपन बाबा को सुनाकर हल्का हो जाना है

चिन्तन

जब भी योग में बैठे… सदा आत्म-अभिमानी बनने के श्रेष्ठ संकल्प-दृश्यों द्वारा शक्तिशाली आत्म-अभिमानी स्थिति बनाए… बाबा को बहुत प्यार से देखते-बातें करते, उससे बुद्धि का लिंक जुड़े रख, उनकी शक्तियां मेहसूस कर, सारा पुराना-पन स्वाहा कर दे… भिन्न-भिन्न योग-अभ्यासों द्वारा नवीनता बनाए रख, बहुत शक्तिशाली बनते-बनाते (रोज़ चार्ट चेक कर उन्नती अनुभव करते), सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The proof of purity! | Sakar Murli Churnings 05-11-2019

The proof of purity! | Sakar Murli Churnings 05-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. सिर्फ ओम् शान्ति से भी स्वधर्म-घर-वर्सा-बाप (अर्थात्‌ सारा ज्ञान) याद आ जाता.. स्वयं पतित-पावन भगवान् हमें नॉलेजफुल-पवित्र-दिव्य-शान्त स्वरुप बनाते (श्रेष्ठ कैरेक्टर, इस संगम की ऊँच ते ऊँच पढ़ाई से)… जिससे ही नई-पावन दुनिया स्वर्ग-राम राज्य (सद्गति-दिन) में मालिक बनते… बहुत मीठे-सुन्दर-ऊँच लक्ष्मी-नारायण के रूप में

2. तो बहुत-बहुत खुशी में रहना है (कहीं ममत्व न रहे, इस डर्टी-दुनिया को तो आग लगनी है), सच्चा पारस-बुद्धि हंस बनना है… पवित्रता का सबूत अवश्य देना है (जो हमारे लिए बहुत सहज है योगबल से, और 21 जन्म की जबरदस्त लॉटरी से)

चिन्तन

जबकि हम आन्तरिक पवित्रता से सम्पन्न आत्माएं है… तो सदा अपने:

  • श्रेष्ठ संकल्प
  • दिव्य वाइब्रेशन
  • हर्षित चेहरे
  • मीठे बोल
  • सुखदाई स्वभाव
  • रॉयल व्यवहार
  • श्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद की स्थिति
  • शुभ-भावना सम्पन्न वृत्ति
  • विशेषताएं देखती दृष्टि
  • अलौकिक स्मृतियां
  • शक्तिशाली धारणाओं

द्बारा हर कदम अपनी पवित्रता (वा पढ़ाने वाले बाप) का स्वतः सबूत दिखाते… सबको आप-समान श्रेष्ठ बनने की प्रेरणा दिलाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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A godly Intellect! | Sakar Murli Churnings 04-11-2019

A godly Intellect! | Sakar Murli Churnings 04-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम पर स्वयं सत्य-चैतन्य-अमर-बीजरूप शिवबाबा हमें टीचर बनकर पढ़ाते-श्रीमत देते, तो हमें भी सब को समझाना है, कि… एक बाप के बच्चें, हम सब आत्माएं भाई-भाई है, शरीर द्वारा पार्ट बजाते… अभी बाबा आए है, हम आत्माओं को फिर से पतित से पावन बनाने, जिससे हम नई-सतोप्रधान दुनिया स्वर्ग-हेवन-वैकुण्ठ के मालिक बनेंगे, श्रेष्ठ-निर्विकारी-देवता रूप में

2. जबकि बाबा ने हमें ईश्वरीय-बुद्धि दी है, तो सदा स्मृति में रहें, हम पढ़ रहें भगवान् से… देह-सहित सबकुछ भूल, अपने को आत्मा समझ एक बाबा को याद करना है (भल माया आए), तब ही पाप-कट हो पावन-सतोप्रधान बनेंगे… बाबा को फोलो कर, खूब सेवा करनी है

चिन्तन

जबकि बाबा न हमें सही-गलत की सत्य समझ, ईश्वरीय-बुद्धि दे दी है… तो सदा उठते ही अपने को श्रेष्ठ संकल्पों से एसा चार्ज कर ले, की सारा दिन ही बहुत सहज व्यर्थ-मुक्त रहे… बीच-बीच में भी मुरली के कुछ वाक्य पढ़ते-चिन्तन करते, उसका स्वरूप बन… श्रेष्ठ शान्ति-प्रम-आनंद से सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The decoration of purity! | Sakar Murli Churnings 02-11-2019

The decoration of purity! | Sakar Murli Churnings 02-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम पर हम आत्माएं निराकार-सुप्रीम बाप-टीचर-सतगुरू को याद करते (जो हमें पवित्रता से श्रृंगारते)… जिस याद की यात्रा-राजयोग द्वारा नई दुनिया-स्वर्ग-सुखधाम अमर-कृष्णपुरी के मालिक बनते (वाया मुलवतन-निराकारी दुनिया मुक्ति-शान्तिधाम).. फिर चक्र फिरेंगा, हम सारी हिस्ट्री-जॉग्राफी जानते, हम सब भाई-भाई है

2. सारा दिन यह ज्ञान बुद्धि में चलता रहे, निश्चयबुद्धि-खुशी में रहना है, दिव्यगुण-सम्पन्न चलन बनानी है… बाबा का सच्चा मददगार बन, सबका कल्याण करना है

चिन्तन

जबकि बाबा हमारा सर्वश्रेष्ठ पवित्रता का श्रृंगार करते… तो सदा आत्मिक स्मृति के तिलक-धारी बन, पवित्रता का ताज (ओरा) धारण कर, अपने प्रियतम की याद द्वारा चेहरे को हर्षित रखते… हर चलन में दिव्यता का अनुभव करते, दिव्य दर्शनीय मूर्त बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Keeping attention! | Sakar Murli Churnings 01-11-2019

Keeping attention! | Sakar Murli Churnings 01-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम संगम पर पद्मापद्म-भाग्यशाली है… सिर्फ चलते-फिरते अपने बाप-टीचर-सतगुरु शिवबाबा की याद (बुद्धियोग की लिंक) द्वारा पावन-सतोप्रधान बन… पवित्र-सुखधाम शिवालय-स्वर्ग-विश्व के मालिक बनते (वाया शान्तिधाम-स्वीट होम)… हम स्वदर्शन चक्रधारी है, आत्मा अकाल-तख्तनशीन है

2. माया से बचने… अपने पर पूरी खबरदारी रखनी है, बाबा की आज्ञाओं पर, मन्सा-वाचा-कर्मणा पवित्र रहना है, जैसा कर्म हम करेंगे सब करेंगे… अपने योग-सेवा के चार्ट चेक करते, ज्ञान मुरली सुनना-चिन्तन सदा कायम रखना है

चिन्तन

जबकि बाबा हमें रोज़ ज्ञान-गुण-शक्तियों से श्रृंगारते (और पुराने संस्कार भी हमारे अन्दर है)… तो सदा अटेन्शन के चौकीदार को जागृत रख, माया के चोरों से बचे, सदा आंतरिक शान्ति-प्रेम-सुख-आनंद-शक्तियों के खजा़ने से सम्पन्न रहे… औरों को भी आप-समान पक्के बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming pure gold! | Sakar Murli Churnings 31-10-2019

Becoming pure gold! | Sakar Murli Churnings 31-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. स्वयं ऊँच ते ऊँच सुप्रीम-भगवान्-ईश्वर शिवबाबा बना है… हमारा बाप (मीठे बच्चे कहते), टीचर (सारे सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का नॉलेजफुल-बीजरूप), सतगुरु (पार ले जाने वाला)… हमें अपने मुलवतन-स्वीट हॉम शान्ति-परम-मुक्तिधाम ले जाते, फिर नई दुनिया-क्षीरसागर-स्वर्ग-सुखधाम में जाएंगे, दिव्य-वस्त्र धारण कर

2. तो अच्छे से पढ़कर अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करना है, जिस राजयोग-योगअग्नि-योगबल से पावन-सच्चा सोना बन जाएंगे… हमें सेन्टर पर अच्छा एकान्त मिलता

चिन्तन

जबकि हमें सच्चा-अमूल्य सोना बनने का सुनहरा अवसर मिला है, तो सदा अपने दिव्य-भविष्य लक्ष्मी-नारायण के स्वरूप को सामने रख… सदा अपने को पवित्र आत्मा समझ पतित-पावन सोनार बाबा की याद द्बारा… सुनहरी शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते, सब को आप-समान सच्चा-सोना बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Being a Raj-Rishi! | Sakar Murli Churnings 30-10-2019

Being a Raj-Rishi! | Sakar Murli Churnings 30-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम राजयोग अर्थात्‌ अपने को आत्मा समझ (आत्मा में ही संस्कार है, शरीर को चलाती) पतित-पावन बाबा की अव्यभिचारी याद में रहने से सतोप्रधान-सोना बन… मुलवतन-स्वीट हॉम-शान्तिधाम में पहुंचते… फिर नई-निर्विकारी दुनिया सुखधाम-स्वर्ग-कृष्णपुरी के मालिक बनते, सूर्यवंशी-देवता लक्ष्मी-नारायण के रूप में…

2. स्वयं ज्ञान-सागर नॉलेजफुल-बीजरूप सुप्रीम बाप-टीचर-सतगुरु ने हमें इस 5000 वर्ष के सारे ड्रामा का ज्ञान दिया है, हम सब का पार्ट नुन्धा है… जिसमें साक्षी रहना है…

3. माया का काम ही है अवस्था गिराना, हमें योगबल से विजयी बन, विश्व का मालिक बनना है… हम राजऋषि है

चिन्तन

जबकि हम बाबा के राजा बच्चें है… तो सदा याद द्वारा उनकी शक्तियों से भरपूर बन, माया को डोंट केयर कर… बहुत श्रेष्ठ-सुन्दर शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर, सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The highest happiness! | Sakar Murli Churnings 29-10-2019

The highest happiness! | Sakar Murli Churnings 29-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम चलते-फिरते-खाते-पीते-कार्य करते, सहज-रूहानी याद की यात्रा पर है (अपने को आत्मा समझ बाबा को याद कर सम्पूर्ण पावन-ताकतवर बनना)… जिसको और सहज करता है ज्ञान का खजा़ना (जो नॉलेजफुल-ब्लिसफुल गॉड-फादर हमें देते)… जिससे नई-शान्ति की दुनिया हेवन-paradise वैकुण्ठ-कृष्णपूरी के मालिक बनते, देवता-रूप में 21 जन्म सुख-धन-तन्दुरूस्ती से सम्पन्न

2. तो बहुत-बहुत खुशी में रहना है (सच तो बैठो नच), संग की बहुत सम्भाल करनी है (सबकुछ पतित-दुःखदायी है)… बाकी समय थोड़ा है… बड़े गोले के चित्र-बैज द्बारा सब को समझाना है (ट्रेन में, आदि), जिससे सब की आशीर्वाद मिलें, कोई भी सेवा निष्फल नहीं जाती

चिन्तन

जबकि हमें भगवान् (अपनी सारी ज्ञान-गुण-शक्तियों सहित) मिला है… और हमें अपने भी सत्य-दिव्य शान्ति-प्रम-आनंद से सम्पन्न अस्तित्व की पहचान मिली है… तो रही बात पुरानी संस्कार-हिसाब की, तो सदा बाबा की श्रीमत सिरमाथे रखे उनके ज्ञान-खजा़ने से भरपूर बन, हर दिन हमारी याद की यात्रा में तेज़-सहज उन्नती का अनुभव करते, सर्व प्राप्ति-दिव्यगुण सम्पन्न मायाजीत बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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