Becoming a Genie! | Sakar Murli Churnings 04-10-2019

Becoming a Genie! | Sakar Murli Churnings 04-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. बाबा मोस्ट-ओबीडियन्ट-सर्वेन्ट बन इस संगम-स्कुल में हमें राजयोग पढ़ाने आते, यह सबसे बड़ी आशीर्वाद है… हमें श्रीमत मिली हैं, सिर्फ चलते-फिरते सबकुछ करते (और बुद्धि से भूल), अपने को आत्मा समझ मोस्ट-बिलवेड पतित-पावन बाबा को याद करने से ही पाप-कट सतोप्रधान बनते, कमाई होती, श्वास सफल होते, अन्त मती सो गति (भल माया आए, हमें जिन्न-समान एक बाप को याद करना है, याद की रेस करनी है)… हमें सारे चक्र-ड्रामा का ज्ञान है, हम सम्पूर्ण निश्चय-बुद्धि है

2. मम्मा-बाबा समान धारणा-मूर्त बनना है… जो कर्म हम करेंगे, हमे देख सब करेंगे… सब की सेवा करनी है, टाइम वेस्ट नहीं करना, अपना कल्याण करना ही बाबा के लिए सबसे बड़ी मदद है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जिन्न का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण ले, सदा अमृतवेला-नुमाशाम के अलावा भी, बीच-बीच में ज्ञान-योग के लिए समय चुराते… सदा श्रेष्ठ योगयुक्त शान्ति-प्रेम-आनंद, सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Being light! | Sakar Murli Churnings 03-10-2019

Being light! | Sakar Murli Churnings 03-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हमें ऊँच-ते-ऊँच विदेही मात-पिता रूद्र-शिवबाबा पढ़ाकर 21 जन्म सुख का वर्सा देते, सतोप्रधान-ब्यूटीफुल-देवता रूप में (तन-मन-प्रकृति सहित)… मुख्य है पवित्र चलन, यही सुख-शान्ति (हल्के-पान) की जननी है, जिसके लिए चाहिए योगबल… हमें सारे चक्र का ज्ञान है

2. हम औरों को भी आप-समान बनाते, पद्मापद्म भाग्यशाली है… सिर्फ माया से बचें रहना है

चिन्तन

जबकि बाबा हमें सर्व दुःखों से हल्का करने आए हैं… तो सदा मन को व्यर्थ-मुक्त ज्ञान-चिन्तन में लगाकर, सदा बाबा से combined रह (बातेँ करते), अतीन्द्रिय सुख-आनंद में जुलतेशक्तिशाली बन, परिस्थितियों से परे रहते-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The single opinion! | एकमत | Sakar Murli Churnings 02-10-2019

The Importance of One | एक का महत्व | 25-11-2018 Avyakt Murli Churnings image

The single opinion! | एकमत | Sakar Murli Churnings 02-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

इस संगम पर हम सब ब्रह्मा-तन में आए हुए ज्ञान-सागर स्प्रीचुअल बाप-टीचर-सतगुरू रूद्र-शिवबाबा की एक मत पर चलते… की अपने को आत्मा-रॉकेट समझ पतित-पावन बाबा को याद करने से सब माया-पाप-भूत भाग जाते, हम गुणवान पुण्य-आत्मा बनते, नई-सतोप्रधान दुनिया अमरलोक-शिवालय में (वाया मुक्ति-निर्वाण-स्वीट silence)… हमें सारे चक्र का सम्पूर्ण ज्ञान है

चिन्तन 

जबकि हमको एक सर्वश्रेष्ठ ईश्वरीय मत मिली है, तो उसे सम्पूर्ण रीति धारण कर… अर्थात सब कार्य करते, सदा ज्ञान-चिन्तन वा बाबा से प्यार भरे योग-अभ्यास से सम्पन्न ईश्वरीय दिनचर्या को धारण कर… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming a Maharathi! | Sakar Murli Churnings 01-10-2019

Becoming a Maharathi! | Sakar Murli Churnings 01-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम पर भाग्यशाली-रथ (लोंग-बुत) द्बारा स्वयं बेहद-सुप्रीम-स्प्रीचुअल पतित-पावन बाप-टीचर-सतगुरु हमें अलौकिक-राजयोग की पढ़ाई पढ़ाते, हम उन्हें याद करते (अपने को आत्मा समझ… आत्मा ही पढ़ती, संस्कार बनाती) … जिससे 21 जन्मों के लिए सुख-जीवनमुक्ति का वर्सा मिल जाता (वाया स्वीट-silence होम), हमें सम्पूर्ण निश्चय है… बीज़-रूप ज्ञान-सागर बाबा नें हमें सबकुछ समझा दिया है

2. जो बाबा के ज्ञान को सम्पूर्ण रीति धारण करते, उन्हें ही महारथी कहते… फिर अनेकों को अच्छे से सुनाकर, विश्व-कल्याणकारी भी बनना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… सच्चा महारथी बनने, ज्ञान को चिन्तन द्बारा सम्पूर्ण रीति धारण कर श्रेष्ठ योगयुक्त जीवन बनाए… धारणा-मूर्त, ईश्वरी दिनचर्या का प्रूफ दे… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The joy of Shrimat! | Sakar Murli Churnings 30-09-2019

The joy of Shrimat! | Sakar Murli Churnings 30-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

याद से पाप-कट हो पावन-सतोप्रधान बनते, श्रीमत पर चलने वालो को यह राय बहुत अच्छी लगेंगी (जो आज्ञाकारी-फरमानवरदार है, बाबा को फॉलो करते)… उनका दीप जागृत हो (21 जन्मों के लिए ज्ञान-घृत भर जाता, सुधर जाते, क्रोध भूत से परे), और ऊँच पद पाते सुखधाम में, यह कल्प-कल्पान्तर की बाजी़ है … बाबा पर कुर्बान हो, सब की सेवा करते रहते

चिन्तन

जबकि हमें सर्वश्रेष्ठ बाबा की श्रीमत मिल गई है, तो सदा माया-व्यर्थ को डोंट केयर कर… सदा बाबा की दी हुई श्रेष्ठ दिनचर्या और मनचर्या (ज्ञान-योग युक्त जीवन) को फॉलो कर, समस्याओं को बाबा पर अर्पण कर, सहज शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर, सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति! 


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The most divine decoration! | Sakar Murli Churnings 28-09-2019

The most divine decoration! | Sakar Murli Churnings 28-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस बेहद की रात-माया से हमें छुड़ाकर… संगम पर ब्रह्मा-तन द्बारा स्वयं जादूगर-साजन-माशूक बाबा ने हमें बहुत सहज याद की यात्रा (मन्मनाभव, जो विचारों से होता, इसलिए चलते-फिरते काम-काज करते भी कर सकते) सिखाया है… जिससे हम साफ-सुन्दर बन लक्ष्मी-नारायण समान श्रृंगारे जाते (दिव्यगुण-स्वभाव भी आ जाते, paradise-अमरपुरी के मालिक बनते)

2. हम परचिन्तन, और बातों में श्रृंगार बुहारते, टाइम वेस्ट नहीं करते)… साथ में ज्ञान का चिन्तन भी करते रहना है… कैसे हम आत्माएं पार्टधारी भाई-भाई है, अब वापिस जाना है, फिर नई दुनिया में आएंगे… अभी हमारी कितनी कमाई हो रही, हम पद्मापद्म भाग्यशाली है 

चिन्तन

जबकि हमारा जन्म-जन्मांतर का सर्वश्रेष्ठ श्रृंगार हो रहा… तो सदा पास्ट-व्यर्थ से परे रह, बाबा के दिव्य ज्ञान-राजयोग का अभ्यास कर… सर्वश्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर स्थिति का अनुभव कर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The wonderful salvation army! | Sakar Murli Churnings 27-09-2019

The wonderful salvation army! | Sakar Murli Churnings 27-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम के ईश्वरीय संसार में बाबा हम रूहानी मिलिट्री को कहते… अटेन्शन प्लीज, अर्थात एक प्राणेश्वर-मोस्ट Beloved-सतगुरु-शिवबाबा की याद में हो?… क्योंकि तब ही पावन-सतोप्रधान-विकर्माजीत-बन्धनमुक्त बनेंगे

2. हम तो सबको विकारों-पाप-दुःखधाम से लिबरेट करने का रास्ता दिखाने वाले लाइट-हाउस है, एक आँख में मुक्ति दूसरी में जीवनमुक्ति… इसके लिए पहले खुद अच्छे से पढ़कर, कांटे से फूल बनना है, तब ही गार्डन ऑफ अल्लाह-paradise के मालिक बन-बना सकेंगे

चिन्तन

जबकि बाबा ने हमें इतने महान विश्व परिवर्तन-उद्धार के कार्य के निमित्त बनाया है… तो सदा स्वयं को छोटी व्यर्थ बातों से परे रख, ज्ञान-योग द्बारा सदा अपनी ऊँची-बेहद की विश्व-कल्याणकारी स्थिति में स्थित रह, सबको शुभ भावना से सशक्त-श्रेष्ठ बनाते-बचाते, सतयुग की स्थापना करते रहें… ओम् शान्ति!


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Experiencing divine characters! | Sakar Murli Churnings 26-09-2019

Experiencing divine characters! | Sakar Murli Churnings 26-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हमारे बुलावे पर, स्वयं बेहद का बाप परमधाम-घर से आकर ब्रह्मा-तन द्बारा (भारत-आबू में)… हमें सहज राजयोग सिखाते (अर्थात घर-गृहस्थ में रहते, चलते-फिरते भी अपने को आत्मा समझ पतित-पावन सर्वशक्तिमान बाबा को याद करना), जिससे पाप-कट हो पावन-सतोप्रधान बन वापिस घर जाते… साथ में दिव्यगुण-सम्पन्न मीठे-उत्तम-पवित्र कैरेक्टर्स भी बनते, जबकि हम नई-पावन-जीवनमुक्त दुनिया स्वर्ग का मालिक बन रहे

2. माया आए तो भी हमारी बाप से प्रीत-बुद्धि है, हम कल्प-कल्प के विजयी रत्न है… जबकि इस स्कूल में हमारी पद्मों की कमाई हो रही, हम देवता बन रहे, तो सुस्ती-उबासी आँख-बंद आदि से बचना है

चिन्तन

जबकि यही समय है दिव्य कैरेक्टर्स बनाने का… तो सदा अपने दिव्य एम-object को सामने रख, व्यर्थ बातों से अन्तर्मुखी बन, सदा ज्ञान-योग के भिन्न-भिन्न श्रेष्ठ स्मृति-अभ्यास द्बारा ऊँची सदा-खुश स्थिति का अनुभव करते रहे… तो स्वतः हमारी हर चलन दिव्यगुण-सम्पन्न श्रेष्ठ बन… हम सबको श्रेष्ठ उदाहरण द्बारा आप-समान बनाते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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Benefits of remembering Baba! | Sakar Murli Churnings 25-09-2019

Benefits of remembering Baba! | Sakar Murli Churnings 25-09-2019

गीत: तुम्हारी याद बाबा एक…

1. नई-दुनिया स्थापन करने वाला विदेही बाप, संगम पर ब्रह्मा तन द्बारा हमें पढ़ाकर, राजयोग सीखाते (याद की यात्रा, मन्मनाभव)… जिसमें ही safety-खुशी है, कर्मेन्द्रियां शीतल होती, मायाजीत बनते, पावन-सतोप्रधान मीठे-सुखदाई characters बनते, कोई नाराज नहीं होता, याद का जौहर-बल भरता… Battery चार्ज हो, ऊंच पद बनता

2. साथ में बाबा से निश्चयबुद्धि-सच्चा रहना है, सबकी सेवा करते रहना है… विस्मृत होना माना पुरानी दुनिया-कलियुग में चले जाना, अब तो माया के pomp का अन्त है… बाकी बहुत थोड़ा समय है, फिर हम दैवी दुनिया स्वर्ग-हेवन-paradise-अमरलोक-शिवालय के मालिक होंगे, देवता-रूप में

चिन्तन

जबकि याद में ही सर्व-प्राप्तियां समाई हुई है… तो सदा ज्ञान-मनन की शक्ति से समर्थ बन, सहज एकाग्रता का अनुभव करते, गहराई से आत्मिक स्थिति वा बाबा की याद में पवित्रता-शान्ति-प्रेम-सुख-आनंद के शक्तिशाली अनुभवों से सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

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Creating beautiful sanskars! | Sakar Murli Churnings 24-09-2019

Creating beautiful sanskars! | Sakar Murli Churnings 24-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस पुरुषोत्तम संगमयुग पर ब्रह्मा-तन द्बारा… हमारा सच्चा सतगुरु शिवबाबा, हम धरती के लक्की सितारों को जन्मसिद्ध-अधिकार के रूप में, सच्चा बनाकर सचखण्ड का मालिक बनाते (जीवनमुक्ति-सद्गति, स्वर्ग-हेवन, भक्ति का फल)… पहले जाएंगे घर (निराकारी-दुनिया, शान्तिधाम… लिब्रेशन, मुक्ति)

2. मुख्य बात, हमें ज्ञान-गुण-पवित्रता के संस्कार ले जाने है, इसलिए योगबल से पुराने संस्कारों को परिवर्तन करना है… यह मिलन-मेला है, जिसमें बाबा से पक्का हथियाला बाँधना है

चिन्तन

जबकि हमें संकल्प-संस्कारों का सम्पूर्ण ज्ञान मिल गया है… तो सदा ज्ञान-योग के पक्के फाउंडेशन द्बारा हर दिन कोई-न-कोई श्रेष्ठ संस्कार बनाते रहे, तो पुराने संस्कार स्वतः समाप्त हो जाएंगे… मुख्य बात, अपनी दिनचर्या के संस्कार को श्रीमत प्रमाण बनाते, श्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर जीवन का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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