Becoming ever-happy! | Sakar Murli Churnings 19-09-2019

Becoming ever-happy! | Sakar Murli Churnings 19-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम की स्कूल में भाग्यशाली-रथ द्बारा… स्वयं हमारे परमपिता-शिक्षक-सतगुरु ज्ञान-सुख सागर शिवबाबा ने… हम आत्मा-भाइयों को सारा राजयोग-ड्रामा का ज्ञान दिया है

2. कैसे हम आत्मा है… नई दुनिया-गोल्डन ऐज-स्वर्ग-paradise में सम्पूर्ण पवित्र-निर्विकारी देवता हेल्थ-वेल्थ-happiness सम्पन्न थे… फिर अभी देह भान-भूतों के वश दुःखी-अशान्त बनें है

3. अब फिर बाबा के संग रह ऊंच-श्रेष्ठ बनते, माया का pomp हमें आकर्षित नहीं करता… जितना पवित्र बनते, औरों को पढ़ाते, ऊंच पद बनता

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा आए है हमें एवर-हैप्पी बनाने (और पवित्रता ही सुख-शान्ति की जननी है), तो सदा अपनी पवित्रता को ज्ञान-योग-आत्मिक दृष्टि के अभ्यास से बढ़ाते… एक बहुत ही natural-दिव्य-आंतरिक खुशी-सर्व प्राप्ति से सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Becoming ever-happy! | Sakar Murli Churnings 19-09-2019’

The spiritual passenger! | Sakar Murli Churnings 18-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

The spiritual passenger! | Sakar Murli Churnings 18-09-2019

1. हम रूहें ऊपर से आई है… अब नाटक पूरा हुआ, हमारे बुलावे पर सद्गति-दाता लिबरेटर-गाइड बाबा दिव्य-अलौकिक रीति आए हैं, हमे पढ़ाकर वापिस घर-मूलवतन-मुक्तिधाम ले चलने… हम रूहानी passengers है

2. तो मुख्य बात है, अपने को आत्मा समझ (जिसमें ही मन-बुद्धि है, जो शरीर से अलग चीज़ है) पतित-पावन बाबा को याद कर, पवित्र बन नर से नारायण (विकारों से मुक्त) ऊंच-पद विजय-माला में आना, नई दुनिया-स्वर्ग-सुखधाम में…

3. खुशी-खुशी जाना हैं… यह शरीर भी most valuable है, जिसमें बैठ हम बाबा को याद कर lottery लेते, पद्मापद्म भाग्यशाली बनते

4. टीचर बन, अनेकों को आप-समान कांटों से फूल बनाने की सेवा करनी है… जिनकी तकदीर में होगा, वह आ जाएंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपने को रूहानी passenger वा मेहमान समझ, सदा ज्ञान-योग संपन्न श्रेष्ठ स्थिति का अनुभव करते, सदा महान-श्रेष्ठ-दिव्य कर्म करते, सब को बाबा से जुड़ाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘The spiritual passenger! | Sakar Murli Churnings 18-09-2019’

The best opinion! | Sakar Murli Churnings 17-09-2019

The best opinion! | Sakar Murli Churnings 17-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम शिवबाबा के पास जाते, जो ब्रह्मा तन से हमें पढ़ाकर विश्व का मालिक बनाते… वही सुप्रीम बाप-टीचर-सतगुरु सर्व का सद्गति दाता, विश्व में शान्ति स्थापन करते, तो जरूर वह सर्वव्यापी नहीं… वही गीता का भगवान्, पतित-पावन है

2. मुख्य बात है, हमें चुपचाप गुप्त पुरुषार्थ करना है… सबकुछ भूलते, सृष्टि चक्र घुमाते, अपने को आत्मा समझ (छोटी आत्मा, जो एक शरीर छोड़ दूसरा लेती) बाबा को याद कर पवित्र बन, ऊंच पद पाना है… हम अपने ही तन-मन-धन से सेवा करते, कल्प पहले मुआफ़िक, सब आते रहेंगे

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… सदा अपनी श्रीमत-ज्ञान-योग के प्रति opinion को सर्वश्रेष्ठ बनाते… सदा ज्ञान-चिन्तन वा योगाभ्यास द्बारा श्रेष्ठ स्थिति का अनुभव करते, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते… सब के लिए श्रेष्ठ उदाहरण बनते, दिल की दुआ लेते, बाबा के प्रति श्रेष्ठ opinion बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘The best opinion! | Sakar Murli Churnings 17-09-2019’

Looking at the Self! | Sakar Murli Churnings 16-09-2019

Looking at the Self! | Sakar Murli Churnings 16-09-2019

1. जिस शिव-देवताओं की पूजा करते, वह जरूर हो कर गए हैं, देवता भी 84 जन्म उतर अब अपनी बैटरी चार्ज कर रहे

2. तो हमें भी अपने को आत्मा समझ निराकार पतित-पावन बाबा को याद कर बैटरी चार्ज कर सतोप्रधान बनना है, परचिन्तन-माया में अपना टाइम वेस्ट नहीं करना है, जबकि भगवान् हम पर इतनी मेहनत करते (हमें तीनों लोकों-कालों का ज्ञान दिया है, कैसे आत्मा परमधाम से नीचे आकर शरीर द्बारा 84 का पार्ट बजाती)

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि यह कल्याणकारी समय चल रहा, हमें बहुत ऊंच जाना हैं… तो सदा व्यर्थ-व्यक्ति-समस्या के चिन्तन से परे रह, ज्ञान-योग द्बारा अपनी ऊँची स्थिति बनाने में मगन रह, सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न सदा-खुश बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings

Thanks for reading this article on ‘Looking at the Self! | Sakar Murli Churnings 16-09-2019’

Making God our child! | Sakar Murli Churnings 14-09-2019

Making God our child! | Sakar Murli Churnings 14-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. निराकार:

  • बाप… (जो बेहद का वर्सा देते, सुख-धन-आयुश्य सम्पन्न)
  • टीचर… (बेहद की सृष्टि-चक्र की पढ़ाई पढ़ाते)
  • सतगुरु… (साथ ले जाते)

की एकान्त में मामेकम्-याद से पाप-कट हो पवित्र-सतोप्रधान बनते

2. य़ह राजयोग, बाबा अभी कल्याणकारी-संगमयुग पर ही सीखाते, नई दुनिया-स्वर्ग-सुखधाम के लिए… हम सारे ड्रामा को जानते, तो अच्छे से समझकर औरों को भी समझाना है, बाबा को अपना वारिस बनाना है, पवित्र जरूर बनना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा को अपने बच्चे के रूप में अनुभव करते, हर पल बुद्धि से उसके ही बारे में सोचते-देखते, सम्पूर्ण बलिहार हो… उसके ज्ञान-गुण-शक्तियों से भरपूर-सम्पन्न बन, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Making God our child! | Sakar Murli Churnings 14-09-2019’

The hot halwa! | Sakar Murli Churnings 13-09-2019

The hot halwa! | Sakar Murli Churnings 13-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम आत्मा शान्त-स्वरूप परमधाम-निवासी हैं, यहां शरीर धारण कर पार्ट बजाते, 84 जन्मों का… अभी हम पवित्र बन पढाई पढ़, अपने को (चमकीली) आत्मा समझ (पतित-पावन सर्वशक्तिमान बाप-टीचर-सतगुरू) बाबा की याद द्बारा पुण्य-आत्मा देवता बन रहे, नई दुनिया स्वर्ग-हेवन-paradise सुखधाम में

2. आबू सबसे महान तीर्थ है, क्योंकि भगवान् यहा आकर सारे विश्व की सद्गति करते… हम सारे ड्रामा को जानते हैं

3. याद की मेहनत अवश्य करनी है, भल माया तूफान लाएं हमें विजयी बनना हैआत्मा भाई-भाई की दृष्टि पक्की करनी है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा हमें रोज़ गरम-गरम हलवा मुरली खिलाते… तो सदा इस ज्ञान-भोजन को रूहानी गाई बन उगारते (चिन्तन-योगाभ्यास द्बारा), उसकी शक्ति से श्रेष्ठ तन्दुरस्ती (शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर, सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न स्थिति) का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाए चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings

Thanks for reading this article on ‘The hot halwa! | Sakar Murli Churnings 13-09-2019’

The key of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 12-09-2019

The key of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 12-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. परमात्मा (जो जन्म-मरण रहित, परमधाम में रहते, कलियुग-अन्त में दिव्य-अलौकिक रीति ब्रह्मा-तन में प्रवेश कर, ज्ञान देकर, सद्गति-स्वर्ग का मालिक लक्ष्मी-नारायण बनाते… हमारे पास उनका पूरा परिचय है)… वह हमारा बाप है, इसलिए हम उन्हें बाबा-बाबा कहते… साथ में वह हमारा टीचर (आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान सुनाते), सतगुरू, खुदा दोस्त (हमारे साथ खेलते) भी है

2. नम्बर-वन honest फूल बनने लिए… अपने को आत्मा समझ मामेकम् याद द्बारा खामियां (ईर्षा, आदि) निकाल सदा खुश रहना है, देह-दुनिया को भूले

3. मेरे को तेरे में परिवर्तन कर बेफिक्र, खुशी के अटल-अखण्ड खजाने से भरपूर रहना है… ख़ज़ानों को सेवा में लगाकर, जमा के खाते को बढ़ाते जाना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें सर्वश्रेष्ठ ज्ञान की चाबी मिली है, तो सदा ज्ञान के स्मृति-चिन्तन में रह… सारे लॉक खोल, सदा-खुश सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बन… सब को भी सर्व खजा़नों से भरपूर करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘The key of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 12-09-2019’

Winning the scholarship! | Sakar Murli Churnings 11-09-2019

Winning the scholarship! | Sakar Murli Churnings 11-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. ओम् शान्ति अर्थात मैं (छोटी-अविनाशी) आत्मा हूँ, यह मेरा शरीर है (एक शरीर छोड़ दूसरा लेती हूँ)… स्वयं निराकार बाप (जिनका पूरा परिचय हमारे पास है, वह पतित-पावन सर्वशक्तिमान शान्ति-प्रेम-सुख के सागर है, संगम पर आते, अपने को servant कहलाते), हमें राजयोग सिखाते, पवित्र-पावन-सतोप्रधान-पूज्य-पारसबुद्धि-देवता डबल-सिरताज लक्ष्मी-नारायण बनाने, स्वर्ग-paradise-सुखधाम में

2. तो हमें यह lottery-scholarship लेने लिए, सिर्फ एक बाबा की याद द्बारा दिव्यगुण-सम्पन्न बनना है, सबकी सेवा करनी है… सदा खुश रहने लिए:

  • ज्ञान बुद्धि में रखना है (बाबा हमें विश्व का मालिक बनाते)
  • बाबा को यथार्थ रीति याद करना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें scholarship लेने का सर्वोत्तम चान्स मिला है, तो सदा श्रीमत को सिर-माथे रख, ज्ञान में फुल बन (ज्ञान-चिन्तन द्बारा) और गुण-शक्तियों में फुल बन (बाबा की याद द्बारा) सदा खुश दिव्यगुण-सम्पन्न बनतेे-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Winning the scholarship! | Sakar Murli Churnings 11-09-2019’

Benefit of keeping chart! | Sakar Murli Churnings 10-09-2019

Benefit of keeping chart! | Sakar Murli Churnings 10-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. संगम पर बाबा ने हमें अपना सत्य परिचय दिया है (उनका नाम-रूप है, वह हमारा बाप-टीचर है)… इसलिए अब हम बाप-वर्से की याद में बैठते हैं (जिससे ही विकर्म विनाश, कमाई होती, हम बाबा के समीप पहुँचते)… इसलिए चार्ट अवश्य रखना है (इसमें ही कल्याण है)

2. शिवबाबा की याद में ईश्वरीय सेवा जरूर करनी है, जिससे 21 जन्मों की कमाई जमा होती… हम सारे राज़ जानते हैं (ड्रामा 5000 वर्ष का है, कृष्ण, देवियाँ, आदि)

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि इस समय की पुरुषार्थ-स्थिति से ही सारे कल्प का भाग्य बनता, तो सदा चार्ट द्बारा अपनी याद की यात्रा को पक्का बनाते, सर्व प्राप्ति सम्पन्न दिव्यगुण-सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Benefit of keeping chart! | Sakar Murli Churnings 10-09-2019’

The rain of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 09-09-2019

The rain of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 22-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. स्वयं भगवान्-बेहद के बाप ने हमें तुच्छ बुद्धि-विकारी-दुःखी से ब्राह्मण-चोटी बनाया है… अब जितना ज्ञान वर्षा-पढ़ाई को धारण कर, अपने को आत्मा समझ बाबा को याद कर, मर्यादाओं पर चलेंगे, उतना श्रेष्ठ पद बनेगा (माला का मणका, लक्ष्मी-नारायण समान देवता-पारस बुद्धि बनेंगे), नई दुनिया-स्वर्ग-सचखण्ड-सुखधाम में… बाकी थोड़े रोज है, सब बातों में कल्याण है

2. स्वदर्शन चक्रधारी बनने से अनेक व्यर्थ चक्र (देह-भान व्यक्ति-समस्या) से छूट, मायाजीत बन, ज्ञान-योग के पंख द्बारा उड़ती कला में आते… विदेही स्थिति से समस्याओं से सहज पार रहते

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम पर रोज़ बाबा की ज्ञान-वर्षा हो रही, तो उन्हें सम्पूर्ण रीति अपने मे ग्रहण कर (चिन्तन वा उस पर योगाभ्यास द्बारा)… सदा रूहानी मोर ? बन अतिन्द्रीय सुख-आनंद में नाचते, सब को ज्ञान-दान कर आप-समान श्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings

Thanks for reading this article on ‘The rain of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 22-08-2019’