The key of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 12-09-2019

The key of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 12-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. परमात्मा (जो जन्म-मरण रहित, परमधाम में रहते, कलियुग-अन्त में दिव्य-अलौकिक रीति ब्रह्मा-तन में प्रवेश कर, ज्ञान देकर, सद्गति-स्वर्ग का मालिक लक्ष्मी-नारायण बनाते… हमारे पास उनका पूरा परिचय है)… वह हमारा बाप है, इसलिए हम उन्हें बाबा-बाबा कहते… साथ में वह हमारा टीचर (आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान सुनाते), सतगुरू, खुदा दोस्त (हमारे साथ खेलते) भी है

2. नम्बर-वन honest फूल बनने लिए… अपने को आत्मा समझ मामेकम् याद द्बारा खामियां (ईर्षा, आदि) निकाल सदा खुश रहना है, देह-दुनिया को भूले

3. मेरे को तेरे में परिवर्तन कर बेफिक्र, खुशी के अटल-अखण्ड खजाने से भरपूर रहना है… ख़ज़ानों को सेवा में लगाकर, जमा के खाते को बढ़ाते जाना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें सर्वश्रेष्ठ ज्ञान की चाबी मिली है, तो सदा ज्ञान के स्मृति-चिन्तन में रह… सारे लॉक खोल, सदा-खुश सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बन… सब को भी सर्व खजा़नों से भरपूर करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Winning the scholarship! | Sakar Murli Churnings 11-09-2019

Winning the scholarship! | Sakar Murli Churnings 11-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. ओम् शान्ति अर्थात मैं (छोटी-अविनाशी) आत्मा हूँ, यह मेरा शरीर है (एक शरीर छोड़ दूसरा लेती हूँ)… स्वयं निराकार बाप (जिनका पूरा परिचय हमारे पास है, वह पतित-पावन सर्वशक्तिमान शान्ति-प्रेम-सुख के सागर है, संगम पर आते, अपने को servant कहलाते), हमें राजयोग सिखाते, पवित्र-पावन-सतोप्रधान-पूज्य-पारसबुद्धि-देवता डबल-सिरताज लक्ष्मी-नारायण बनाने, स्वर्ग-paradise-सुखधाम में

2. तो हमें यह lottery-scholarship लेने लिए, सिर्फ एक बाबा की याद द्बारा दिव्यगुण-सम्पन्न बनना है, सबकी सेवा करनी है… सदा खुश रहने लिए:

  • ज्ञान बुद्धि में रखना है (बाबा हमें विश्व का मालिक बनाते)
  • बाबा को यथार्थ रीति याद करना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें scholarship लेने का सर्वोत्तम चान्स मिला है, तो सदा श्रीमत को सिर-माथे रख, ज्ञान में फुल बन (ज्ञान-चिन्तन द्बारा) और गुण-शक्तियों में फुल बन (बाबा की याद द्बारा) सदा खुश दिव्यगुण-सम्पन्न बनतेे-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Benefit of keeping chart! | Sakar Murli Churnings 10-09-2019

Benefit of keeping chart! | Sakar Murli Churnings 10-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. संगम पर बाबा ने हमें अपना सत्य परिचय दिया है (उनका नाम-रूप है, वह हमारा बाप-टीचर है)… इसलिए अब हम बाप-वर्से की याद में बैठते हैं (जिससे ही विकर्म विनाश, कमाई होती, हम बाबा के समीप पहुँचते)… इसलिए चार्ट अवश्य रखना है (इसमें ही कल्याण है)

2. शिवबाबा की याद में ईश्वरीय सेवा जरूर करनी है, जिससे 21 जन्मों की कमाई जमा होती… हम सारे राज़ जानते हैं (ड्रामा 5000 वर्ष का है, कृष्ण, देवियाँ, आदि)

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि इस समय की पुरुषार्थ-स्थिति से ही सारे कल्प का भाग्य बनता, तो सदा चार्ट द्बारा अपनी याद की यात्रा को पक्का बनाते, सर्व प्राप्ति सम्पन्न दिव्यगुण-सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The rain of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 09-09-2019

The rain of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 22-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. स्वयं भगवान्-बेहद के बाप ने हमें तुच्छ बुद्धि-विकारी-दुःखी से ब्राह्मण-चोटी बनाया है… अब जितना ज्ञान वर्षा-पढ़ाई को धारण कर, अपने को आत्मा समझ बाबा को याद कर, मर्यादाओं पर चलेंगे, उतना श्रेष्ठ पद बनेगा (माला का मणका, लक्ष्मी-नारायण समान देवता-पारस बुद्धि बनेंगे), नई दुनिया-स्वर्ग-सचखण्ड-सुखधाम में… बाकी थोड़े रोज है, सब बातों में कल्याण है

2. स्वदर्शन चक्रधारी बनने से अनेक व्यर्थ चक्र (देह-भान व्यक्ति-समस्या) से छूट, मायाजीत बन, ज्ञान-योग के पंख द्बारा उड़ती कला में आते… विदेही स्थिति से समस्याओं से सहज पार रहते

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम पर रोज़ बाबा की ज्ञान-वर्षा हो रही, तो उन्हें सम्पूर्ण रीति अपने मे ग्रहण कर (चिन्तन वा उस पर योगाभ्यास द्बारा)… सदा रूहानी मोर ? बन अतिन्द्रीय सुख-आनंद में नाचते, सब को ज्ञान-दान कर आप-समान श्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Giving Baba’s parichay! | Sakar Murli Churnings 07-09-2019

Giving Baba’s parichay | Sakar Murli Churnings 07-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. बेहद-बाप ब्रह्मा-तन में आकर हमें अपना परिचय दे, राजयोग सिखाया है, पावन बनाने … तो हमें भी अपने आत्मा-भाइयों को बाबा का परिचय जरूर देना है (कैसे वह निराकार बाप-टीचर-सतगुरु ज्ञान-सागर, कलियुग-अन्त में आकर सर्व की सद्गति करते, सतयुग स्थापन करले, देवता बनाते)… हम भी आत्मा अकाल-तख्तनशीन है (जिसमें 84 जन्मों का पार्ट नुन्धा है), अभी हम ब्राह्मण है, बाप से वर्सा ले रहे

2. बाबा धोबी बन हमें पावन बनाने आए है, फिर वहां शरीर भी पावन मिलेगा… जबकि बाबा हमें इतनी मिल्कियत देते, तो उन्हें सदा याद रखना है… कमल-फूल समान रहना है, फ़िर वहां कर्म अकर्म रहते

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा का परिचय देने लिए सदा याद रखे, बाबा का:

  • नाम है… शिव (जिसका अर्थ है बिन्दी, शान्ति, कल्याणकारी)
  • रूप… निराकर ज्योति-बिन्दु स्वरूप (यही रूप सभी धर्मों को स्वीकार है)
  • देश… ऊंच ते ऊंच परमधाम (इसलिए उसे उपर-वाला कहते)
  • गुण… ज्ञान, पवित्रता, शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद, शक्तियों का सागर
  • कर्तव्य… ब्रह्मा तन में आकर, राजयोग सिखाकर, मनुष्य से देवता बनाकर, कलियुग को सतयुग बनाते
  • समय आने का… संगमयुग (उसके आने से ही चढ़ती कला होती, सतयुग आता… तो जरूर वह कलियुग-अन्त और सतयुग-आदि के संगम पर आएँगे)

तो सदा बाबा के याद से जो प्राप्तियों होती है (सेकण्ड में शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर हो जाते, जिस शान्ति-खुशी के लिए सारी दुनिया भाग रही है, ऎसा सहजयोग तो सिर्फ भगवान् ही सीखा सकते)… इन्हीं प्राप्तियों का अनुभव सुनाते हुए सबको बाबा का परिचय देते रहें, तो सभी भी बाबा से सहज जुड़ते, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनतेे, सतयुग बनता रहेंगा… ओम् शान्ति!


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The wonderful Confluence Age! | Sakar Murli Churnings 06-09-2019

The wonderful Confluence Age! | Sakar Murli Churnings 06-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगमयुग (कलियुग-अन्त वा सतयुग-आदि के बीच का सुहावना-कल्याणकारी समय, जहा बाबा ईश्वरीय युनिवर्सिटी खोलते, हम उत्तम पुरुष बनते) पर… बाबा (ज्ञान-सुख सागर, पतित-पावन, सर्व का सद्गति दाता, बीजरूप) की राजयोग की शिक्षाओं के अनुसार, हम याद करते है:

  • बाप को (जिससे पावन-सतोप्रधान बनते)
  • घर को (जहां जाना है)
  • नई दुनिया-स्वर्ग को (जो माल-मिलकियत-सुख मिलना है)… फ़िर वहां चले जाएंगे

फिर चक्र फिरता, झाड़ बढ़ता रहेंगा, फिर बाबा पावन बनाएंगे संगम पर… य़ह आत्मा का wonderful कुदरती पार्ट है, जो रिपीट होता रेहता

2. मुख्य बात, अपने को पवित्र ब्राह्मण बनाना है (तब ही देवता बनेंगे)… सबकुछ भूल, अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करने से पाप भस्म होते

चिन्तन 

जबकि यह कल्याणकारी पुरुषोत्तम संगमयुग चल रहा… तो सदा बाबा के संग-combined रह शान्ति-प्रेम-आनंद की सर्वश्रेष्ठ शक्तियों से भरपूर बन… बहुत सहज अपने में परिवर्तन अनुभव करते, दिव्यगुण-सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The easiest way of becoming virtuous! | Sakar Murli Churnings 05-09-2019

The easiest way of becoming virtuous! | Sakar Murli Churnings 05-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. आत्मा समझ बाप-टीचर-सतगुरु की याद द्बारा ही पावन-सतोप्रधान बनते, मुक्तिधाम जाते, ऊंच पद बनता… ज्ञान समझाना तो सहज है (आत्मा ही सबकुछ करती, सतयुग में हम देवता थे, अब 84 का चक्र पूरा हुआ, स्वदर्शन चक्र)

2. मुख्य है श्रीमत पर याद करना, बाकी और बातों मे नहीं जाना है (जानवर, भाषा, आदि)… हम भगवान् की सन्तान है, तो हममें दिव्यगुण जरूर होने चाहिए, खूब पुरुषार्थ करना है, सबकुछ ट्रांसफ़र करने, बाकी थोड़े रोज़ है… बाबा की सभी विशेषताओं को अपने में समाकर, ऊंच-श्रेष्ठ पद बनाना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… सदा इसी स्मृति में रहे, हम सर्व गुण-शक्तियों के सागर शिवबाबा (भगवान्) के बच्चे है… तो स्वतः हममें ज्ञान-योग द्बारा सर्व खूबी-विशेषताएं-दिव्यगुण आते, हम सबको आप-समान श्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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Being a shining star! | Sakar Murli Churnings 04-09-2019

Being a shining star! | Sakar Murli Churnings 04-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम धरती के चमकते सितारे है, जो सारे विश्व को रोशनी देते, पूज्य-देवता बनते-बनाते… जबकि संगमयुग पर स्वयं बाप-टीचर-सतगुरु हमे भाग्यशाली रथ गो-मुख माता ब्रह्मा द्बारा पढ़ाते (वा ज्ञान दूध पिलाते)… जिससे कंचन काया बनती, हम विश्व का मालिक बनते, सुख-दिन-अमरलोक में पहुँच जाते… हम इस सारे ड्रामा के विशेष पार्टधारी है

2. हमारा मुख्य पुरुषार्थ है, श्रीमत पर अपने को आत्मा समझ (देह-भान से परे) बाबा को याद करना है, जिससे ही पवित्र-सतोप्रधान बनते, कैरक्टर सुधरते… सेवा की भिन्न-भिन्न युक्तियां सोचनी है, जिससे सब को समझा सके

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम धरती के विशेष सितारे है, तो सदा ज्ञान सूर्य-चन्द्रमा के समीप रह… ज्ञान-योग द्बारा अपनी-सर्व की जीवन को चमकाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति! 


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Abu, the most wonderful pilgrimage place! | Sakar Murli Churnings 03-09-2019

Abu, the most wonderful pilgrimage place! | Sakar Murli Churnings 03-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. संगम पर स्वयं भगवान् हमें बेहद का वर्सा देते, राजयोग सिखाते (अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करना), तो हमें भी तुरन्त निश्चयबुद्धि, देही-अभिमानी, बाबा के प्यार-शक्तियों से सम्पन्न बन, सबको sensible योग-युक्त हो समझाकर, विश्व में सुख-शान्ति स्थापन करनी चाहिए

2. जिसका यादगार यह लक्ष्मी-नारायण का चित्र और देलवाड़ा मंदिर (नीचे तपस्या, ऊपर स्वर्ग) है… आबू महान-तीर्थ की महिमा सबको सुनानी है (जहां स्वयं भगवान् आकर सारे विश्व की सद्गति करते)… जगदम्बा का भी यादगार यहा है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमने सबसे महान तीर्थ आबू का अनुभव किया है, तो सदा उस स्मृति द्बारा अपने ज्ञान-योग-धारणा को मजबूत कर… सदा खुश, सर्व प्राप्ति सम्पन्न, दिव्यगुण-सम्पन्न बन, सबको आप-समान श्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming a pure fairy! | Sakar Murli Churnings 02-09-2019

Becoming a pure fairy! | Sakar Murli Churnings 02-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. एक बाप के बच्चे हम भाई-भाई है, प्रजापिता ब्रह्मा की सन्तान भाई-बहन, पवित्र चोटी है (हमारे पास सारा ज्ञान है)… एवर-pure खूबसूरत ज्ञान-सागर में ज्ञान-स्नान कर, हम भी परि-परीजा़दा बनते… औरों को भी पढ़ाकर देवता-पुज्य बनाना है, नई दुनिया-स्वर्ग में (जहां अपार सुख-धन है)

2. माया के तूफान तो आएँगे, हमे महावीर बन पढाई पर पूरा ध्यान देना है… हमारे सामने बेहद सुख खड़े है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा हमें पवित्र परी बनाने आए है, तो सदा अपने को परि-परीजा़दा समझ, ज्ञान-योग-धारणा से स्वयं को खूब श्रृंगारते… सबको सर्व खजा़नों से भरपूर करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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