The elevated memories! | हमारी श्रेष्ठ स्मृतियां | Sakar Murli Churnings 31-08-2019

The elevated memories! | हमारी श्रेष्ठ स्मृतियां | Sakar Murli Churnings 31-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. अब अज्ञान समाप्त हुआ… संगम पर स्वयं भगवान् ने हमें आदि-मध्य-अन्त का सम्पूर्ण ज्ञान दे, श्रेष्ठ स्मृतियां दिलाई है… कैसे हम सतयुग-अमरलोक में पवित्र-सतोप्रधान-देवता विश्व के मालिक थे, अब फिर बनना है

2. ऎसी स्मृतियों में रहने से खुशी में रहते, औरों को भी स्मृति दिलाते, ऊंच पद बनता… मुख्य है याद की यात्रा (मन्मनाभव का महामंत्र, अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करना), जिससे पाप-कट सतोप्रधान बनते, खुशी-आयु बढ़ती, वातावरण श्रेष्ठ रहता

3. बाप-समान सम्पूर्ण कुर्बान जाना है, बाकी थोड़ा समय है, अपने आत्मा-भाईयों की भी सेवा करनी है, बुद्धि से सब छोड़ते जाना है

चिन्तन

जबकि बाबा ने हमें इतनी श्रेष्ठ स्मृतियां दुलाई है, तो सदा उन्हीं का रमण (चिन्तन) करते, गहराई में जाते, अपनी श्रेष्ठ योगयुक्त शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर स्थिति का अनुभव कर, सर्व खजा़नों से सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

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The wonderful Swastika! | Sakar Murli Churnings 30-08-2019

The wonderful Swastika! | Sakar Murli Churnings 30-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. अब भक्ति पूरी हुई, बाबा आए है हमें दुःखधाम के अपार दुःखों से निकालने… ज्ञान सागर बाबा का हमसे बहुत प्यार है, इसलिए हमें शिक्षाओं से श्रृंगारते, इस संगम पर ब्रह्मा तन (गऊ-मुख) द्बारा

2. मुख्य बात:

  • घर-गृहस्थ में रहते… सब कार्य करते भी
  • बुद्धि से और सबकुछ भूल
  • अपने को आत्मा समझ (देह तो विनाशी है, आत्मा एक शरीर छोड़ दूसरा लेती)
  • निराकार पतित-पावन सुख-कर्ता बाबा को याद करना है

जिससे पाप-कट हो सतोप्रधान बनने, सब दुःखों से परे रहते (डर, बाढ़, अकाले मृत्यु, आदि) 21 जन्मों के लिए सम्पूर्ण सुखी-धनवान (बाबा के वारिस) पुण्य-आत्मा बनते… फिर तो चक्र फिर शुरू हो जाएंगा, जिस चक्र का हमें सारा ज्ञान है (अमरकथा, स्वास्तिक, श्याम-सुन्दर, आदि)

3. बाबा को याद करने से सब सुख सामने आ जाते, तो ऎसे सुख देने वाले बाप को ऎसा याद करना है, कि अन्त में और कुछ भी याद न आएं… बाकी थोड़ा समय है श्रेष्ठ पुरुषार्थ करने लिए, तो ऊंच पद अवश्य प्राप्त करना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें सारे सृष्टि चक्र का सम्पूर्ण ज्ञान है, हम इस संगम का महत्व जानते… तो सदा ज्ञान-स्वरूप याद-स्वरूप धारणा-स्वरूप बन, स्वयं पर attention-चेकिंग द्बारा सहज सम्पन्नता-सम्पूर्णता का अनुभव करते-करातेे, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The light of purity! | Sakar Murli Churnings 29-08-2019

The light of purity! | Sakar Murli Churnings 29-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. पवित्र बन घर जाने (वा सद्गति पाने), मामेकम् पतित-पावन बाप को याद करना है… फ़िर पढ़ाई से दिव्यगुण-सम्पन्न (निर्विकारी, अहिंसक) श्रेष्ठ धर्म-कर्म वाले देवता लक्ष्मी-नारायण भी बनना है, नई दुनिया-सुखधाम-स्वर्ग में

2. इस संगम (गीता युग) में स्वयं भगवान् दिव्य-अलौकिक रीति ब्रह्मा-तन में प्रवेश कर इस गॉड-फादरली वर्ल्ड-यूनिवर्सिटी द्बारा हमें पारस-बुद्धि बनाते… तो श्रेष्ठ पुरुषार्थ कर, ऊंच पद जरूर प्राप्त करना है… बाकी सेन्टर-प्रदर्शनी-म्युजियम में समझाना, opinion लिखवाना, आदि सहज है (वह भी अच्छे से करना है)

चिन्तन 

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें पवित्रता की सर्वश्रेष्ठ लाइट मिलती, तो सदा अपने को पवित्र-लाइट (आत्मा) समझ परम-पवित्र लाइट (शिवबाबा) को याद कर… पवित्रता-दिव्यगुणों की लाइट से भरपूर-सम्पन्न बन, सबको लाइट देते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति! 


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The wonderful Satguru! | Sakar Murli Churnings 28-08-2019

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मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. बाबा है हमारा:

  • सुप्रीम बाप (बेहद का वर्सा, शान्ति का वर्सा देते, नई viceless दुनिया अमरलोक-शिवालय में, देवता लक्ष्मी-नारायण बनाकर)
  • सुप्रीम टीचर (सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान, spiritual knowledge देते, इस ईश्वरीय विद्यालय में)
  • सतगुरू (निराकार, पतित-पावन, ज्ञान-सागर, सर्व का सद्गति दाता है… जिनका दरबार ब्रह्मा बाबा की भ्रकुटी है)

2. सिर्फ इस संगम पर हम दोनों तरफ कलियुग-सतयुग देख सकते, हमें बाबा मिला है… तो ऊंच पद जरूर प्राप्त करना है, जिसके लिए:

  • अपने को अविनाशी आत्मा समझ बाबा को याद करना है (बाकी सब unrighteous को भूल, माया से बचे रह)
  • सेवा कर आप-समान बनाना है (भ्रमरी का मिसाल)
  • पुरुषोत्तम बन

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें इतना प्यारा सतगुरू मिला है, तो सदा उनके वरदानों की स्मृति में रख, उनकी श्रीमत को सिर-माथे रख… हर पल ज्ञान-योग में उन्नति अनुभव कर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन, सब को मास्टर सतगुरू बन दुःखों से मुक्ति-जीवनमुक्ति दिलाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Charging our battery! | Sakar Murli Churnings 27-08-2019

Charging our battery! | Sakar Murli Churnings 27-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. अब भक्ति की रात पूरी हुई, यह अन्तिम जन्म है (हमें पूरा ज्ञान है)… तो अब इस भगवान् की पाठशाला में राजयोग का अभ्यास करना है, अर्थात:

  • अपने को आत्मा समझ (आत्मा में ही सब संस्कार होते… जो भ्रकुटी के बीच बैठ, शरीर द्बारा पार्ट बजाती, 84 जन्मों का… अब ऊपर जाना है)
  • बाबा को याद करना है (जिससे पाप कट हो, पवित्र बन, अन्त मति सो गति, शान्तिधाम-घर जाते)

2. यही थोड़ा समय है बैटरी चार्ज-सतोप्रधान बन, श्रेष्ठ धर्म-कर्म बालें देवता (लक्ष्मी-नारायण समान) बनने का, नई दुनिया-सुखधाम में… दिव्यगुण-सम्पन्न, खुश, साक्षी रहना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि यही समय है बैटरी चार्ज करने का, तो सदा अपने को शक्ति समझ सर्वशक्तिमान से बुद्धि की तार जोड़े रखे… तो सदा बाबा की शक्तिशाली शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर करन्ट महसूस करते, सर्व प्राप्ति-खजानों से सम्पन्न बन, सब को आप-समान सम्पन्न बनाने की सेवा करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The injection of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 26-08-2019

The injection of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 26-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम सभी एक भगवान् के भक्त थे, अब भगवान् हमें पढ़ाकर ज्ञानी बना रहे… ज्ञान (रोशनी) की मुख्य पॉइंट्स देते:

  • हम आत्मा-सितारा, भ्रकुटी के बीच विराजमान, शरीर द्बारा बेहद पार्ट बजाने वाले एक्टर्स है… सभी आत्माए भाई-भाई है
  • भगवान् सुख का सागर हमारा बेहद का बाप है… जो बेहद सुख का वर्सा देते, स्वर्ग का मालिक बनाते… हमें सम्पूर्ण तृप्ति दिलाते
  • आत्मा तमोप्रधान बनी है, अब फिर सतोप्रधान बनना है… अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करके
  • यह ड्रामा है, जिसमें 5 युगों का चक्र फिरता रहता… इस धरती पर

2. जीनको ज्ञान injection लगा हुआ है, वह औरों की सेवा अवश्य करता… सदा बाप-वर्से को याद कर खुशी में रहना है, सब को खुशियां बांटना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें ज्ञान का injection दिया है, तो सदा आध्यात्मिक स्वास्थ्य का अनुभव करते रहे… अर्थात सदा योगयुक्त, सदा शान्ति-प्रेम-आनंद-खुशी से भरपूर रह… सबको खुशियां बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The grain of world sovereignty! | Sakar Murli Churnings 24-08-2019

The grain of world sovereignty! | Sakar Murli Churnings 24-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. भगवान् हमारा बाप (नई दुनिया-स्वर्ग का वर्सा देते), टीचर (शिक्षा देते, ब्रह्मा तन द्बारा), सतगुरु (पावन बनाए, सद्गति करते) है, उसे ही याद करना है (और कोई नहीं)… जिसके लिए बुराइयों-माया से परे रहना है… संगम पर ऎसे श्रेष्ठ पढ़ाई-पुरुषार्थ कर, ऊंच पद जरूर प्राप्त करना है

2. जो मित्र-सम्बन्धि आए, सबकी सेवा करनी है, सेवा से ही पद्मापद्म-पति बनते… शिव के चित्र-बैज पर भी बहुत अच्छा समझा सकते (वह हमारा बाप-टीचर-सतगुरू है, नई दुनिया स्थापन करते, उसे याद कर पावन बनना है)… गंगा जी पर (कैसे बाबा पतित-पावन है)… आदि

चिन्तन

जबकि बाबा हमें विश्व की बादशाही का दाना देते… तो सदा उनके ज्ञान रत्नों से भरपूर, योगयुक्त, सर्व प्राप्ति सम्पन्न, धारणा-मूर्त बन… सबको बहुत प्यार से अविनाशी ज्ञान-गुण-शक्तियों से भरपूर-सम्पन्न कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The Supreme company! | Sakar Murli Churnings 23-08-2019

The Supreme company! | Sakar Murli Churnings 23-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. अपवित्रता-दुःख सब समाप्त हुआ, अब संगम पर (बुद्धि से) और सबकुछ भूल सिर्फ अपने पतित-पावन विदेही बाप को याद करने से पाप नाश हो, हम पुण्य-आत्मा अहिंसक दिव्यगुण-सम्पन्न देवता लक्ष्मी-नारायण समान बनते… नई सुख की दुनिया-सुखधाम में

2. ऎसी कमाल सिर्फ जादूगर बाबा कर सकते… तो हमें भी विजयी रत्न बन, बाबा से अविनाशी ज्ञान रत्नों का व्यापार कर, पण्डा बनना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… सदा अपनी मन-बुद्धि से सिर्फ एक बाबा और उसको मुरली के संग में रह, सदा हल्की-अलौकिक-योगयुक्त स्थिति का अनुभव करते… सबको आप समान शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Being children of the Supreme Teacher! | Sakar Murli Churnings 22-08-2019

Being children of the Supreme Teacher! | Sakar Murli Churnings 22-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. रावण राज्य में उतरते बहुत रोगी-दुःखी हो गए हैं… अब संगम पर निराकार बाप-टीचर-सुखदाता बाबा, ब्रह्मा तन द्बारा राजयोग का ज्ञान पढ़ाकर, हमें फिर से दिव्यगुण-सम्पन्न (निर्विकारी-विकर्माजीत) देवता बनाते, नई सुख की दुनिया-स्वर्ग मे

2. तो हमें भी (ज्ञान-योग द्बारा) उत्तम पुरुष जरूर बनना है… टीचर-सतगुरु के बच्चे होते, हमें भी टीचर बन सबको पढ़ाते रहना है… माया से डरना नहीं है 

चिन्तन 

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम स्वयं सुप्रीम टीचर के बच्चें है, तो सदा स्वयं का टीचर बन सदा अपने ज्ञान-योग के पुरुषार्थ को तीव्र कर… सर्वश्रेष्ठ धारणा-मूर्त बन जाए, तो स्वतः हमारे चेहरे-चलन से सबकी सेवा होते, हम सभी साथ में सतयुग स्थापन कर लेंगे… ओम् शान्ति! 

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Inaugurating the new world! | Sakar Murli Churnings 21-08-2019

Inaugurating the new world! | Sakar Murli Churnings 21-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. मधुबन (वा ईश्वरीय विश्व विद्यालय) में भगवान् पुराने ब्रह्मा तन द्बारा मुरली सुनाते (वा राजयोग सिखाते)… जिससे नई-सतोप्रधान-सुख की दुनिया स्थापन होतो (बाबा ने उद्घाटन तो कर दिया है, अब सिर्फ branches खुल रहे)

2. तो हमें सिर्फ… अपने को आत्मा समझ पवित्र बनना है, और पुराने पापों के बोझ को पतित-पावन बाप की याद द्बारा भस्म करना है… तो सम्पूर्ण पावन-सुखी बन जाएँगे

3. खूब सेवा करनी है, अनेकों को आप-समान योग्य बनाना है, सब से दिल की दुआएं मिलेंगी… हड्डी सेवा भी करनी है, पूरा फूल बनना है

4. हम शूद्र से ब्रह्मा मुख-वंशावली ब्राह्मण बनें है, देवता बनने… तो ब्रह्मा (वा सेंटर) से पूरा कनेक्शन रखना है, बाबा ब्रह्मा तन द्बारा ही हमें पढ़ाते-शिक्षा देते

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने नई दुनिया का उद्धतन कर दिया है, तो हम भी अपने श्रेष्ठ परिवर्तन का उद्घाटन करें… अर्थात सदा ज्ञान-योग के पक्के फाउंडेशन द्बारा सर्वश्रेष्ठ सदा-खुश योगयुक्त स्थिति में स्थित रह, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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