The power of Remembrance! | याद की शक्ति | Sakar Murli Churnings 29-06-2019

The power of Remembrance! | याद की शक्ति | Sakar Murli Churnings 29-06-2019

1. भक्ति तो अथाह है, इस पुरुषोतम संगमयुग पर ही बाप (जिनमें सारे चक्र का ज्ञान है) हम आत्माओं को पढ़ाकर धारणा कराकर, मनुष्य से (फ़रिश्ता और) देवता बनाते… मुख्य है ज्ञान की पढ़ाई और याद की यात्रा (देही-अभिमानी बन बाबा की याद करना, जिससे पावन बन, ऊंच पद पाते)… बाकी trance से कोई फायदा नहीं (विकर्म विनाश नहीं होते, और ही माया आ सकती)… आँख बन्द करने की जरूरत नहीं (हमें बुद्धि में समझ है), नींद, शरीर निर्वाह कर्म भी करना है

2. सबको पढ़ाना है, Museum आदि खोल, हम तो पवित्र कैरक्टर बनाते… भोजन भी याद में बनाना है

चिन्तन 

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें यथार्थ बाबा का परिचय और उनको याद करने की विधि मिली है, तो सदा अशरीरी बन अपने को आत्मा समझ परमधाम में बाबा को याद कर सर्व गुण-शक्तियों से भरपूर बन… फिर (बापदादा को साथ रख) चलते-फिरते फ़रिश्ता बन, सबको स्नेह-खुशियां बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Being Present always! | Sakar Murli Churnings 28-06-2019

Being Present always! | Sakar Murli Churnings 28-06-2019

1. हमारा बाबा से प्यार है, बाबा का हमसे (क्यूंकि हम कल्याणकारी है)… ऎसे ही हम भाई-भाई को भी आपस में शुद्ध रुहानी प्यार की गंगा बनना चाहिए, लड़ना-झगड़ना रूसना-लूनपानी उल्टा-सुलटा बोलना नहीं (सब आसुरी स्वभाव, देह-अभिमान है, जो बाबा की निंदा कराता)… फिर हमारा सतयुग में भी ऎसा प्यार रहेगा, 21 जन्म क्षीरखण्ड… ऎसे माया से बचने वा ईश्वरीय गुण धारण करने लिए, देही-अभिमानी बन बाबा के शक्तियों का वर्सा लेना है (याद से)

2. बाबा की श्रीमत से श्रेष्ठ चलन वाला, गुणवान-पूज्य बनना है… स्वदर्शन चक्रधारी व बाबा की याद में रहना अर्थात प्रेजेंट रहना … ऎसा अभ्यास हो, जो अन्त समय सिर्फ बाबा की याद (वा स्वदर्शन चक्रधारी) रहे, लोभ-मुक्त

मातेश्वरीजी के महावाक्य

परमात्मा पाण्डव-शक्तियों के साथ है, कहते देह-सहित सबकुछ भूल अपने स्वधर्म में टिक सर्वशक्तिमान बाबा को याद करना है (अर्थात योगबल, न कि बाहुबल)… तो स्वतः अपने महान-पवित्र-श्रेष्ठ धर्म-कर्म को प्राप्त कर लेंगे 

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… सदा प्रेजेंट रहने लिए, सदा अपने संकल्पों पर attention रख, उन्हें श्रेष्ठ दिशा देते (ज्ञान-चिन्तन वा बाबा के यादों से) सर्वश्रेष्ठ-सतोगुणी स्थिति का अनुभव करते रहे… तो स्वतः हमारा पास्ट मर्ज, फ्यूचर बेफिक्र बन, वर्तमान बहुत-बहुत सुन्दर-स्वर्णिम हो, हम सब के साथ सतयुग बना लेंगे… ओम् शान्ति!


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Drinking the nectar of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 27-06-2019

Drinking the nectar of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 27-06-2019

इस पुरुषोत्तम संगमयुग पर ही शिव भगवानुवाच होता हम सालिग्रामों प्रति, ज्ञान यज्ञ में विघ्न तो पड़ेंगे, फिर स्वाहा हो नई देवताओं की गोल्डन एजेड दुनिया बनेंगी… भगवान् रोज़ ऎसी नई-नई पॉइंट्स का ज्ञानामृत पिलाते, तो इस रोज़ की पढ़ाई और राजयोग द्बारा सम्पूर्ण पवित्र जरूर बनना है (ममत्व-मुक्त, सजाओं से छूटे, किसी को दुःख न देते), तो माला का दाना पास विद आनर, 21 जन्मों के लिए बन जाएँगे… हम पद्मपाद्म भाग्यशाली है, देने में ही लेना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि ज्ञान सागर बाबा हमें रोज़ ज्ञान अकृत पिलाते, तो सदा इस ज्ञान के चिन्तन-अनुभव-धारणा द्बारा सर्व प्राप्ति सम्पन्न श्रेष्ठ स्थिति में स्थित हो… सबको करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming a flower & gardener! | Sakar Murli Churnings 26-06-2019

Becoming a flower & gardener! | Sakar Murli Churnings 26-06-2019

रावण (देह अभिमान, विकार, दुःख) कांटों का जंगल बनाता, बागवान बाबा फूलों का बगीचा बनाते, हमें अभी फूल बना रहे हैं… कोई की दृष्टि-वृत्ति थिक नहीं (बताते भी नहीं) और कोई पक्के-पवित्र है (सोने की चिड़िया), तो चेकिंग-पुरूषार्थ और सर्वश्रेष्ठ पधाई-योग द्बारा अपनी खामियों को निकालने हैं, औरों को भी भूं-भूं कर आप समान बनाना है… निर्बंधन माली बन, बहुत उमंग-उत्साह से सबको सच्ची कथा सुनाकर फूल जरूर बनाना है, तब ही पद ऊंचा-श्रेष्ठ बनेंगा

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम फूल-माली दोनों है, तो सदा ज्ञान-योग-धारणा-सेवा द्बारा खुशबूदार फूल बनते रहे… तो हमारे श्रेष्ठ वाइब्रेशन स्वतः ही औरों को भी फूल बनाते रहेंगे… और हम साथ में फूलों का बगीचा सतयुग बनाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!


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Being Children of the Master! | Sakar Murli Churnings 25-06-2019

Being Children of the Master! | Sakar Murli Churnings 25-06-2019

1. हम साहब के बच्चे साहबजादे है, श्रीमत पर याद-सेवा द्बारा (और माया पर विजयी बन) नई सुख-शान्ति सम्पन्न स्वर्ग की राजधानी स्थापन करते, शहजादे बनते… तो सदा खुशी-नशे-फलक में रहना है, मुरली सुनने से रोमांच खड़े हो जाए, कोई भी ईच्छा-मांगना न हो

2. तबीयत अच्छी होती याद और सेवा से, वैभव से नहीं…सारा विश्व परिवर्तन हो स्वर्ग बनना है, तो सबको पैगाम देना है, भिन्न-भिन्न युक्तियों से… सेवा (भाषण, धन, भोजन बनाना, आदि) जरूर करनी है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा अपने को बाबा का साहबजादा समझ, उनके सर्व खजाने को स्वयं में समाते, सर्व प्राप्तियों से भरपूर बन… सबको बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Baba’s wonderful part! | Mateshwari ji’s Churnings 24-06-2019

Baba’s wonderful part! | Mateshwari ji’s Churnings 24-06-2019

बेहद का बाबा हमें समझाते, पिता है तो जरूर वह एक अलग सत्ता है… हम originally बहुत श्रेष्ठ थे, अब हमारा पार्ट है फिर ऎसा बनना, ज्ञान-योग द्बारा, स्वयं-शरीर-संसार सब सतोप्रधान बनाना… इसलिए बाबा को वर्ल्ड क्रियेटर, Almighty Authority, लिबरेटर, सद्गति दाता कहते, उनका पार्ट सबसे बड़ा-ऊंचा-विशाल-महान है, जो हमें सत्य ज्ञान सुनाकर श्रेष्ठ-पवित्र-सदा सुखी बनाते

सार

जबकि सबसे महान पार्टधारी भगवान् हमारे साथ है, तो सदा उनके ज्ञान-योग-श्रीमत का साथ-हाथ की छत्रछाया में रह… सदा समर्थ-सुखी बन, सबको बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

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Having spiritual love for all! | Sakar Murli Churnings 22-06-2019

Having spiritual love for all! | Sakar Murli Churnings 22-06-2019

हम अपने को आत्मा समझते, जिससे देवता बनते जाते (सतयुग में आत्म-अभिमानी होते, सर्प का मिसाल)… ऎसे श्रेष्ठ बनाने वाले बाबा को तो कितना याद करना चाहिए, जो ब्रह्मा तन में आकार हमें रौशनी दे पवित्र गुल-गुल बनाए साथ ले जाते, फिर अमरलोक में भेजते… एक बाप के हम सभी बच्चें भाई-भाई है, तो सबसे रूहानी प्यार चाहिए

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमारे सभी आत्मा-भाइयों में विशेषताएं हैं, तो सदा बाबा से combined सर्व प्राप्ति सम्पन्न रह, सबको सम्मान-प्यार देते, क्षीरखण्ड दुनिया सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The wonderful Confluence Age! | Sakar Murli Churnings 21-06-2019

The wonderful Confluence Age! | Sakar Murli Churnings 21-06-2019

हम परमधाम-निवासी आत्माएं पहले देवता थे, 84 जन्मों का आल-राउंड सुख-दुःख का पार्ट बजाया… अब पार्ट समाप्त हो कब्रिस्तान बनना है, घर जाना है, इसलिए हम अपने निराकार बाप-टीचर-सतगुरु-अकालमूर्त-महाकाल-लिबरेटर बाबा की अव्यभिचारी याद में रहते, जिससे हम विकार-मुक्त पवित्र दिव्यगुण-सम्पन्न सदा-सुखी देवता बनते सतयुग में… औरों को भी ज्ञान सुनाकर कल्याण करना है, अभी हम पुरुषोत्तम संगमयुग पर है सबकुछ जानते (आत्मा, परमात्मा, आदि), भगवान् आए है ब्रह्मा तन में

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम संगम की टॉप-पॉइन्ट पर खड़े हैं, तो सदा ड्रामा को साक्षी हो देख, सदा अपने परम साथी बाबा को साथ रख… सदा सर्वश्रेष्ठ योगयुक्त शान्ति-प्रेेम-आनंद से सम्पन्न रह, सबको करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming victorious over the ghosts within! | Sakar Murli Churnings 20-06-2019

Becoming victorious over the ghosts within! | Sakar Murli Churnings 20-06-2019

अन्तर्मुखी हो चुपचाप अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करना है, Silence में घर-ऑफिस में कार्य करना है… क्रोध (जो खुद-सर्व को जलात, घर के मटके सुखाता, भारत को कंगाल किया है), लड़ना, मारामारी, दुःख देना (और सभी विकार) भूत है, जो बाबा का नाम बदनाम करते, इसको छोड़ने है… इसके लिए दिल कहीं नहीँ लगानी है, सबकुछ भूल अपने को आत्मा समझना है, बाबा को याद कर सम्पूर्ण पवित्र बनना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि भूतनाथ बाबा आए है आधाकल्प के 5 बड़े भूतों को भगाने, तो सदा ज्ञान-योग की वास-धूप जलाए रख सम्पूर्ण फ़रिश्ता-परी बन, सबको शान्ति-प्रेम-खुशियां बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming a shining needle! | Sakar Murli Churnings 19-06-2019

Becoming a shining needle! | Sakar Murli Churnings 19-06-2019

1. इसी अनोखे सत्संग में हम आत्माओं को बाप का रूहानी प्यार मिलता (जितना सर्विसएबुल बनते, उतना जास्ती प्यार कैच कर सकते, इसलिए सबको अंधकार से निकाल सुख का रास्ता बताना है, बाबा का पैगाम देना है)…

2. ड्रामा wonderful है, कैसे आत्माएं परमधाम से नीचे आती, पहले सूर्यवंशी-चन्द्रवंशी (वहां की अपनी रस्म- होंगी, जितना ज्ञान-योग में पक्के होंगे सब साक्षात्कार करेंगे वा नज़दीक अनुभव करेंगे, इसलिए भी योग से आयु बढ़ानी है), फिर और धर्मों की आत्मा आती

3. ज्ञान-योग से ही आत्मा रूपी दीपक पवित्र-प्रज्ज्वलित होता, जिसमें माया विघ्न डालती… आत्मा को देखने से कट उतरती, शरीर देखने से कट चढ़ती… इसलिए सदा आत्मा को देखना है, शुद्ध भोजन खाने से सब अभ्यास सहज हो जाते

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें सर्वश्रेष्ठ रूहानी पवित्र चुम्बक मिला है, तो सदा ज्ञान-तेल और योग-अग्नि द्बारा सारी माया की कट उतार… अपने रुहानी माशुक बाबा के साथ सदा combined, सर्व खज़ानों से सम्पन्न बन, सबको बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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