Creating Peace in the World | विश्व में शान्ति स्थापन करने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 15-01-2019

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Creating Peace in the World | विश्व में शान्ति स्थापन करने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 15-01-2019

1. भ्रूकुटी में आत्मा भाई को देखना है, उससे ही बातें करनी है… तो गलत ख्यालत समाप्त हो, कर्मेंद्रीयां control में रहेंगे, और दिव्यगुण automatically धारण होते जाएंगे!… बाबा की याद रहेगी!

2. भगवान आकर पढ़ाते हैं, हमें तमोप्रधान से सतोप्रधान बनाने… तो अब हमारा एम ऑब्जेक्ट है सतोप्रधान देवता बनना और बनाना!

3. शिवबाबा ने विश्व में शान्ति स्थापन की थी, तब लक्ष्मी-नारायण का राज्य था… और पवित्रता ही सुख शान्ति की जननी है, इसलिए बाबा पवित्रता के बल से स्थापना करते हैं… तो पावन जरूर बनना है!… खुशी में रोमांच खड़े हो जाने चाहिए, हम ऎसे डबल सिरताज बनने वाले हैं!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… आत्मा भाई-भाई की दृष्टि पक्की कर सदा आत्म-अभिमानी रह, बाबा से शक्ति लेते रहें… ऎसे पावन सतोप्रधान बनने से हम बहुत शीतल शान्त बन जाते… हर जगह शान्ति फैलाते रहते, औरों को भी ऎसे शान्त बनने की प्रेरणा मिलती, और विश्व में शान्ति का राज्य सतयुग स्थापन हो जाता… ओम् शान्ति!

Becoming Sweetest | स्वीटेस्ट बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 15-01-2019

Becoming Sweetest| स्वीटेस्ट बनने की सहज विधि| Sakar Murli Churnings 15-01-2019

1. अभी हमारा पार्ट है most sweetest (स्वीट के पहाड़) बाबा के संग sweet children बनकर… स्वीटेस्ट स्वर्ग के मालिक लक्ष्मी-नारायण बनना!

2. इसलिए शान्त अन्तर्मुखी रहकार पवित्र देही-अभीमानी बनना है… अपना सुखधाम का पुरुषोत्तम चेहरा और चोला बार-बार देखते रहना है!

3. बाबा को बहुत लव से याद करना है, खुशी में रोमांच खड़े हो जाने चाहिए, प्रेम में आंसू भी भले आए… अपना चार्ट रोझ देखना है, हम बाबा को कितना याद करते हैं… खामियां निकाल flawless diamond बनने का पुरूषार्थ करना है, तो बाबा भी current देकर सहयोग देंगे!

4. अपने को अशरीरी आत्मा समझ बाप को याद करना है, तो ever-healthy-wealthy बन जाएँगे… मुख से ज्ञान रत्न ही निकालने से बाप का नाम बाला होगा और सब फॉलो करेंगे

सार

तो चलिए आज मकर संक्रांति के पावन अवसर पर… गुड समान sweetest बनने के लिए, अपने को तिल रूप-समान आत्मा समझेे, और अपनेे जीवन की डोर बाबा के हाथों मे दे… तो हम भी पतंग समान हल्के बन परमधाम की ऊंची स्थिति की ऊंची उड़ान भरते रहेंगे… और खुशियों की दुनिया सतयुग बनाते चलेंगे… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 14-01-2019

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Sakar Murli Churnings 14-01-2019

1. हम संगमयुग पर है, तो बाबा कलियुग और सतयुग के विभिन्न नामों को याद कर रहे थे… पूछना है कि हम कलियुगी पुरानी दुनिया नर्क (अर्थात विकारी भ्रष्टाचारी डेविल दुनिया) में है या सतयुगी नई दुनिया स्वर्ग (अर्थात निर्विकारी श्रेष्ठाचारी डीटी वर्ल्ड) में

2. अपने को आत्मिक स्थिति में स्थित कर बाबा की यादों में नारायणी नशे में रहना है… अगर इस फरमान का पालन नहीं कर सकते, तो जरूर देह भान में है, और पाप विकर्म हो रहे हैं… तो अपने पर कृपा कर आत्म अभीमानी रहने का पुरूषार्थ करना है

3. पाण्डवों के चित्रा को बड़ा बनाते क्योंकि उनकी बुद्धि बड़ी विशाल थी… तो ऎसी बुद्धि बनाने के लिए रोज़ पढ़ना है, अच्छे से पढ़ना है, और सबको पढ़ाना है (एक एक को समझा सको तो बहुत अच्छा)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के ज्ञान की बातों को बुद्धि में रख, देहभान से न्यारे और बाप के प्यारे रहे… जिससे सहज ही दिव्यगुणों की धारणा, और कमझोरीयों का परिवर्तन होता रहेगा, और हम सतयुगी देवता बन जाएँगे… जिससे दुनिया भी सतयुग बन जाएंगी… ओम् शान्ति!


और पढ़िए:

Becoming a true Benefactor | कल्याणकारी बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 12-01-2019

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Becoming a true Benefactor | कल्याणकारी बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 12-01-2019

1. त्रिमूर्ति शिवबाबा संगम पर ब्रह्मा मुख द्वारा जो ज्ञान (अर्थात सच्चा गीता ज्ञान) सुनातेउससे 21 जन्म सद्गति हो जाती है, अर्थात 100% पवित्रता सुख शान्ति का अटल अखण्ड सतयुगी दैवी स्वराज्य स्थापन हो जाता है.. ऎसा कौड़ी तुल्य कलियुगी मनुष्य से हीरे तुल्य सतयुगी देवता बनने का ईश्वरीय निमंत्रण सबको देना है

2. कल्याणकारी बाप के बच्चे हम भी कल्याणकारी है… इसलिए स्व का कल्याण कर (ज्ञान, विचार सागर मंथन और योग से)… अनेकों के कल्याण के निमित्त बनना है (बाबा के मददगार बनकर, हड्डी सेवा द्वारा)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के सत्य ज्ञान का विचार सागर मंथन कर अपना जीवन हीरे तुल्य बनाते जाए… और अनेको को हीरे तुल्य जीवन बनाने की प्रेरणा देते रहे… जिससे सहज ही सतयुग आ जाएगा… ओम् शान्ति!

अन्य पॉइन्ट्‍स

  • मातेष्वरी जी के मधुर माहवाक्य में… मम्मा ने घर गृहस्थ में रहने वाले पवित्र गोप-गोपियों की बहुत महिमा की… कैसे अतिन्द्रीय सुख के अनुभव में रह, अनेकों के कल्याण के निमित्त बने है!
  • आज के वरदान में… कमझोर संकल्प (पता नहीं, आदि) भी एक माया की ज़ाल है… इनसे मुक्त होने के लिए याद रखना है कि निश्चयबुद्धि विजयी, सफलता मेरा जन्म-सिद्ध अधिकार है!
  • आज का विशेष पुरूषार्थ… अनेक मेरे-मेरे को एक मेरा बाबा में समा दो, मेरा तो एक शिवबाबा दूसरा ना कोई… तो एकाग्रता बहुत सहज हो जाएंगी (जब चाहे, जहां चाहे और जितनी देर चाहे एकरस फरिश्ता स्वरूप की !)

Being Happy Always | सदा खुश रहने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 11-01-2019

Being Happy Always | सदा खुश रहने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 11-01-2019

1. अपार खुशी में रहने के लिए:

  • विचार सागर मंथन करते रहना है… कैसे हम छोटी सी आत्मा में 84 जन्मों का पार्ट नुन्धा हुआ है, अब हमारा अन्तिम जन्म है, सद्गति दाता बाप आया है (पुरानी दुनिया, पुराने तन में) हमें नर से नारायण बनाने के लिए!
  • योग में रहना है… योग करना ही सबसे बड़ा पुण्य है, जिससे पुण्य आत्मा बन जाएँगे
  • याद रखना है कि
    • यह कल्याणकारी पुरूषोत्तम संगमयुग चल रहा है
    • बाबा हमारा बाप भी है, टीचर है, सतगुरु भी है (सही ठिकाना देते हैं)

2. औरों को खुशी बांटना व सही रास्ता बताना सबसे बड़ी कृपा है… सबको माया से लीबरेट करने की इस सेवा में अपना सहयोग अवश्य देना है… वाचा नहीं तो स्थूल कर्मणा सेवा करनी है… सेन्टर खोल सको तो और ही अच्छा!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… खुशियों के सागर को सदा साथ रखते सदा खुशमिज़ाज़ और प्रसन्न रहे… और सबके साथ खुशी बांटते रहे, खुशियों की दुनिया स्वर्ग बनाते रहें… ओम् शान्ति!

आज का विशेष पुरूषार्थ

संकल्प, स्वभाव-संस्कार में डबल लाइट रहकर… चलते फिरते फरिश्ता स्वरूप की अनुभूति करनी है… अशरीरी-पन का अभ्यास करना है

Sakar Murli Churnings 10-01-2019

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Sakar Murli Churnings 10-01-2019

1. बाबा हमें सृष्टि चक्र का ज्ञान पढ़ाते हैं, कैसे हम सतोप्रधान थे, फिर धीरे-धीरे तमोप्रधान बने (जैसे कि बैट्री)… तो बाबा समझाते है, अब फिर से सतोप्रधान पवित्र दैवीगुण-सम्पन्न मीठा बनने के लिए याद की यात्रा पर पूरा-पूरा ध्यान देना है

2. और याद के लिए चाहिए आत्म-अभीमानी स्थिति का अभ्यास (कैसे हम परमधाम में थे, फिर शरीर धारण कर 84 जन्मों का पार्ट बजाया), और पुरानी दुनिया से ममत्व मिटाना (क्योंकि अभी यह तमोप्रधान बन गई है)… इतना खुशी में रहना है कि शरीर भी खुशी-खुशी छूते, हमें तो नया दैवी शरीर मिलेगा!

3. बहुत प्यार से सबको सत्य ज्ञान सुनाना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… श्रेष्ठ स्मृतियों में रहकर सदा खुशी का अनुभव करतें रहे, और याद के अभ्यास द्वारा अपनी बैट्री को चार्ज करते रहे, औरों को भी जीवन बहुत श्रेष्ठ बनाते रहें… फिर हम सभी आत्माएं मिलकर सारे कल्प इस बैट्री को use कर बड़े आनंद में रहेगे… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 09-01-2019

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Sakar Murli Churnings 09-01-2019

1. बाबा हम सभी आत्माओं (ब्रदर्स) को मुक्ति-जीवनमुक्ति का वर्सा देते, अर्थात सुधरे हुए पवित्र पूज्य देवता बनाते… फिर हम सो क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र और फिर हम सो ब्राह्मण बनेंगे… फिर बाबा आकर ब्रह्मा मुख द्वाराा हमें लिबरेट कर देवता बनााएंगे!

2. यह बातें उनकी बुद्धि में धारण होगी:

  • जिनकी बुद्धि साफ और स्वच्छ है
  • जो देही-अभीमानी रहते हैं, और
  • जिनका आत्मिक दृष्टि का अभ्यास पक्का है

फिर योगबल से हमें बहुतों को आप समान भी बनाना है!

3. हमें किसी भी बात में की दरकार नहीं, सबकुछ ड्रामा अनुसार accurate हो रहा है… सिर्फ बेहद खुशी में रहना है कि स्वयं भगवान हमें पढ़ाते हैं!… इसी नशे में हमें योग का चार्ट बढ़ाकर को धारण करते रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बहुत खुशी में रहकर बाबा की यादों में रहे… जिससे हम सहज ही दैवीगुण-सम्पन्न देवता बन, कलियुग को परिवर्तन कर सतयुग बना देंगे... ओम् शान्ति!

आज का वरदान

अल्‍पकाल की इच्छाओं के बजाए, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनने पर attention देना है… तो सदाकल के लिए सन्तुष्ट वा प्रसन्न-चित बन जाएँगे!

God’s Accurate Introduction | परमात्मा का सत्य परिचय | Sakar Murli Churnings 08-01-2019

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God’s Accurate Introduction | परमात्मा का सत्य परिचय | Sakar Murli Churnings 08-01-2019

1. सबको बाप का परिचय देना है… यह बहुत सहज है:

  • बाप है ऊंच ते ऊंच
  • वह हमारा बेहद का बाप भी है, टीचर भी है, सतगुरु भी है
  • वह सत्य है (और हमें सच्ची सत्य नारायण की कथा सुनाकर नर से नारायण अर्थात सतयुगी बन देते)
  • वह पतित-पावन है, स्वर्ग का रचयिता है
  • वह कलियुग के अंत और सतयुग के आदि के संगम पर आते हैं… ब्रह्मा मुख द्वारा ज्ञान सुनाते
  • वह निराकार ज्योति बिन्दु स्वरूप है
  • ज्ञान, पवित्रता, शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद व शक्तियों का सागर है
  • परमधाम में रहते हैं
  • उनका नाम है शिव

2. ऎसे सत्य परिचय के आधार पर बाबा को याद करते से बेहद खुशी में एकरस रहेंगे… और सेवा भी श्रेष्ठ होगी, हमे तो सभी वर्गों को उठाना है!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा को सत्य परिचय के आधार पर बड़े प्रेम से याद कर बहुत बहुत खुशी में रहें… जिससे अपने आप हम बहुत सहज रूप से परिवर्तन होकर, मनुष्य से देवता बन जाएँगे… ओम् शान्ति!

आज का वरदान और विशेष पुरूषार्थ

बीच बीच में 1 मिनट भी शक्तिशाली स्थिति में स्थित होने से, स्वयं को और सर्व को बहुत लाभ मिल सकता है… कोई भी योग की स्थिति:

  • बीजरुप स्थिति
  • लाइट हाउस, माइट हाउस स्थिति… जिससे सब को लाइट और माइट मिले
  • फरिश्ता स्थिति… जिससे सब को अव्यक्त-पने का अनुभव हो

ऎसे अभ्यास को बढ़ाते रहने से, फॉलो फादर कर, हम बाप समान बनते जाएँगे!

Making True Progress | आत्मा की उन्नति का रास्ता | Sakar Murli Churnings 07-01-2019

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Making True Progress | आत्मा की उन्नति का रास्ता | Sakar Murli Churnings 07-01-2019

1. आत्मा की उन्नति की जिम्मेवारी बाप पर है… तो बाप न सिर्फ मन की शान्ति का रास्ता बताते… लेकिन इतनी श्रेष्ठ ईश्वरीय मत देते, जो आत्मा देहीी-अभिमानी बन चड़ती कला में आ जाती, और 16 कला सम्पूर्ण health-wealth सम्पन्न गुणवान देवता बन जाती... लीबरेट हो शान्तिधाम-सुखधाम वा मुक्तिधाम जीवनमुक्तिधाम पहुंच जााती!

2. आत्मा की उन्नति एक ही बार इस संगम पर होती है, तो हमें इस पर पूरा ध्यान देना है… अपनी उन्नति करने के लिए:

  • याद की यात्रा पर पूरा-पूरा attention देना है, याद से ही आत्मा पर लगी हुई जंक उतरेगी… तो ज्ञान सुनने सुनाने के साथ, बाबा को बहुत प्यार से याद करते रहना है!
  • जरा भी अपना टाईम वेस्ट नहीं करना है… पास्ट के चिन्तन और भविष्य की चिन्ता को छोड़ वर्तमान को बहुत सुन्दर बनाना है… तो भविष्य अपने आप श्रेष्ठ बन जायेगा!
  • बाबा की सर्विस भी जरूर करनी है… इसमें हमारा ही कल्याण हैै!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के ज्ञान-योग और सेवा से अपना वर्तमान इतना श्रेष्ठ और सुन्दर बनाए, कि हमारा भविष्य भी सुनेहरा सुख शान्ति सम्पन्न बन जाएँ… ओम् शान्ति!

आज का विशेष पुरूषार्थ

ब्रह्मा बाप समान:

  • नैनों में रूहानियत
  • मस्तक पर मस्तक-मणि का साक्षात्कार
  • चेहरे पर दिव्य अलौकिक स्थिति का प्रत्यक्ष रूप
  • चलन में बाप के चरित्र का साक्षात्कार

कराने के लिए अंतर्मुखी, अलौकिक वा रूहानियत से सम्पन्न बनना है!

Sakar Murli Churnings 04-01-2019

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Sakar Murli Churnings 04-01-2019

1. बाबा हमें सभी दुःखों से लिबरेट कर, जीवनमुक्ति दे देते हैं… और कितना सुन्दर हसीन बनाते हैं… तो ऎसे बाबा का तो बन जाना चाहिए!… मुरली तो कभी miss न हो!

2. साथ में देही-अभिमानी स्थिति और बाबा की याद भी चाहिए… तो माया से बचे रहेंगे, बहुत खुशी में रहेंगे और हर्षितमुख मीठे रमणीक बन जाएँगे!

3. श्रीमत पर सर्विस की उछल आनी चाहिए, अपना सब कुछ transfer करना है… बाबा का ज्ञान सबको सुनाना है:

  • आत्मा का परिचय… कैसे आत्मा निराकार है, शरीर धारण कर पार्ट बजाती, भ्रूकुटी के बीच विराजमान है, एक शरीर छोड़ दूसरा लेती है, संस्कार ले जाती है, ऎसे 84 जन्मों का पार्ट नुन्धा हुआ है
  • परमात्मा का परिचय… हम सभी आत्माओं का बाप, हमारी तरह निराकार ज्योति बिन्दु स्वरूप, पुनर्जन्म रहित, ज्ञान पवित्रता शान्ति प्रेम के सागर, संगम पर आकर हमें सद्गति देते हैं (अर्थात देवता बनाते हैं)!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के मूल ज्ञान (A – आत्मा, B – बाबा, C Connection वा Cycle, D – Drama) मनन करते धारण करते जाएं, और सबको सुनाते रहे… ऎसे हर कदम बाबा की श्रीमत पर चलने से हम बहुत सुन्दर, हसीन वा सतयुगी बन जाते हैं… ओम् शान्ति!