Winning the prize of Satyuga | स्वर्ग की प्राइज़ लेने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 18-12-2018

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Winning the prize of Satyuga | स्वर्ग की प्राइज़ लेने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 18-12-2018

परमात्मा का सत्य परिचय 

परमात्मा ऊंच ते ऊंच है… उनका नाम और धाम भी ऊंच ते ऊंच है… महिमा अपरमपार है… वह खुद आकर अपना सत्य परिचय देते हैं:

  • नाम है शिव 
  • रूप है निराकार ज्योति बिन्दु स्वरूप (स्टार मिसल) 
  • देश है परमधाम… वह जन्म-मरण रहित है
  • गुण है… ज्ञान, पवित्रता, शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद, शक्तियों का सागर
  • कर्तव्य है… ब्रह्मा मुख द्वारा राजयोग का ज्ञान सुनाकर, पतितों को पावन (अर्थात मनुष्य से देवता) बनाकर, कलियुग को सतयुग बनाना… अर्थात नई सृष्टि की रचना करता, इसलिए उसे रचता वा मनुष्य सृष्टि का बीजरूप कहा जाता है 
  • कब आते हैं… जब सारी दुनिया पतित हो जाती है, धर्म की अति ग्लानि हो जाती है, कलियुग का अंत होता है 
  • आते हैं भारत में… भारत ही सबसे पुराना अविनाशी खण्ड है, जहां देवताएं निवास करते थे
  • उनसे हमारे सर्व सम्बन्ध हैं… अर्थात वह हमारा माता, पिता, शिक्षक, सतगुरू, सखा, साजन, सर्जन, बच्चा, आदि सब है 

सबसे बड़ी prize!

बाबा सबसे बड़ी prize, स्वर्ग की प्राइज़ देते हैं… उन बच्चों को जो:

  • पवित्र बनते हैं
  • अशरीरी बन, बाप को याद करते है 
  • स्वदर्शन चक्र घुमाते हैं… अपने स्वीट घर और स्वीट राजधानी को याद करते हैं 
  • सेवा करते हैं (अर्थात बाप के रचे हुए इस रुद्र ज्ञान यज्ञ की सच्ची दिल से संभाल करते हैं) 

हम रूहानी warriors (योद्धा) है… जो योगबल से माया पर विजय प्राप्त कर, फिर से अपना स्वराज्य प्राप्त करते हैं… जिससे सदा शान्ति, प्रेम और आनंद के झूले में झूलते रहते हैं… इसके लिए इस पुरानी दुनिया (कब्रिस्तान) से दिल भी हटानी है

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के सत्य परिचय के आधार पर उसकी मीठी यादों में रहे… और हर कदम उसकी श्रीमत पर चल फिर से अपना सुख-शान्ति का स्वराज्य प्राप्त कर ले… ओम् शान्ति! 

Making our Time Successful | अपना समय सफल करें | Sakar Murli Churnings 17-12-2018

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Making our Time Successful | अपना समय सफल करें | Sakar Murli Churnings 17-12-2018

  • यह पढ़ाई है मनुष्य से देवता बनने की… यही पढ़ाई का समय है, फिर सब परिवर्तन हो जाएगा… इसलिए गफलत नहीं करनी है, टाईम वेस्ट नहीं करना है
  • ब्रह्मा बाप समान सब कुछ सफल करना है, भगवान का मददगार बनना है… और सच्ची सेवा तब कहेंगे जब यह ख्याल भी न आए की मैंने दिया… हम जो भी करते अपने लिए करते, हमारा भाग्य बनता… शिवबाबा तो दाता है, उनका यज्ञ चल रहा है और चलता रहेगा
  • इतने सब साधु-महात्मा होते भी सृष्टि की यह हालत क्यूँ?… क्योंकि बाप सिवाए कोई भी 100% आत्म-अभिमानी नहीं है… इसलिए बाप की श्रीमत पर सदा चलते रहना है:
    • पवित्रता बढ़ाने का पुरुषार्थ करना है
    • आत्म-अभिमानी लम्बा समय रहना है
    • याद, पढ़ाई और सेवा में अपना समय सफल करना है 

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… अपने हर सेकंड, श्वांस, संकल्प को ज्ञान चिंतन, याद और सेवा में सफल करे… जिससे स्वतः हमारी श्रेष्ठ स्थिति रहेगी, औरों का कल्याण होता रहेगा… अर्थात हमारा वर्तमान और भविष्य भाग्य दोनों श्रेष्ठ बनता जाएगा… ओम् शान्ति! 

How God creates the New World | सतयुगी सृष्टि कैसे स्थापन होती है | Sakar Murli Churnings 15-12-2018

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How God creates the New World | सतयुगी सृष्टि कैसे स्थापन होती है | Sakar Murli Churnings 15-12-2018

आज बाबा ने मुरली में (रात्रि क्लास सहित) बड़ी स्पष्ट रूप में समझाया है कि नई दुनिया की स्थापना कैसे होती है! 

नई दुनिया की स्थापना

  • बेहद की रात (कलियुग) में है दुख, भगवान की पुकार, आदि… और सतयुग-त्रेता में है सुख, अशोक वाटिका… सर्वोत्तम आदि सनातन देवी-देवता धर्म
  • यह वही गीता एपिसोड चल रहा है… भगवान (ब्रह्मा के) रथ पर आए हैं, हम सभी अर्जुन (अपने अपने शरीरो के रथी) को ज्ञान देने… और इस महाभारत (अर्थात माया के साथ युध्द) में विजयी बनाने 
  • पवित्रता ही सुख-शान्ति की जननी है… इसलिए पीस स्थापन करने लिए बाबा राजयोग सिखाते, पवित्रता की प्रतिज्ञा कराते! 
  • सबको मिठास से, रॉयल्टी से, समझ-पूर्वक ज्ञान सुनाना है… और हमारी बुद्धि में धारणा तब होगी, जब योग अच्छा होगा… फिर भव्य रूप से भी समझा सकते हैं! 

रात्रि क्लास के पॉइन्ट्‍स 

  • मंगलम भगवान विष्णु… अर्थात हम अभी भगवान के साथ मंगल मिलन मना रहे हैं, जिससे भविष्य में विष्णु कुल में जाएँगे! 
  • इसलिए हम ब्राह्मणों जैसा खुशनसीब वा सौभाग्यशाली कोई नहीं 
  • बाबा कहते तुम जैसी ईश्वरीय समझ सारे कल्प में किसी के पास नहीं 
  • हम ब्राह्मण सिर्फ खुद देवता नहीं बनते, बल्कि सर्व को मनुष्य से देवता बनाने की सेवा करते हैं! 

और जब हम सब एक बड़ी संख्या में तैयार हो जाते, तो इसके प्रभाव से सारे विश्व की स्थिति बदल जाती, और यह सृष्टि परिवर्तन हो सतयुग बन जाती! 

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… राजयोग का अभ्यास (अर्थात परमात्म मिलन) करते हुए, बहुत शुध्द और ऊंची स्थिति में स्थित रहे… और इस खुशनसीबी, मीठे बोल और रॉयल व्यवहार से सबका बुद्धियोग परमात्मा से जोड़ते रहे, जिससे सहज ही इस सृष्टि पर सतयुग स्थापन हो जाए!… ओम् शान्ति!

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Becoming pure! – Sakar Murli Churnings 08-12-2018

Becoming Pure imageBecoming pure! 

Sakar Murli Churnings 08-12-2018

ज्ञान की पॉइंट्स

  • कलियुग पतित, भ्रष्टाचारी दुनिया है…इस समय कोई भी पावन नहीं
  • इसलिए पतित-पावन बाप को संगम पर आना होता है
  • उसके ज्ञान से सद्गति हो जाती है… अर्थात पावन श्रेष्ठाचारी दुनिया, सतयुग बन जाती है!

योग की पॉइंट्स

  • हमारे योग में बहुत ताकत है… इससे पावन, पाप से मुक्त बनते और अंत मति सो गति हो जाती… इसलिए ऐसा अभ्यास करना है, जो अंत समय एक बाप ही याद आए… तो हमारा भविष्य और वर्तमान दोनों बहुत सुन्दर बन जाता हैं!

सेवा की पॉइन्ट्‍स

  • अंधों की लाठी बनना है
  • सामझाने वाले बड़े अच्छे चाहिए… निरहंकारी रहकर silence में सेवा करनी है… युक्तियुक्त आदरपूर्वक समझाना है
  • वाचा सेवा के साथ, मन्सा भी शुभ भावनाओं और दुआओं से भरपूर रखनी है
  • मण्डप लेकर प्रदर्शनी लगानी है, चित्र रखने हैं, पर्चे बांटने है, जान-पहचान हो तो बहुत अच्छा

अन्य पॉइन्ट्‍स

  • स्थूल पानी सूक्ष्म आत्मा को पावन नहीं बना सकता… इसलिए पतित-पावन वाप को बुलाते हैं… उससे यथार्थ योग लगाने से ही आत्मा पावन बन सकती है
  • कहते हैं परमात्मा की गतमत न्यारी है… अर्थात उसकी श्रीमत से हम सद्गति पा लेते हैं!
  • एक बहुत सुन्दर आध्यात्मिक अर्थ…. श्रीनाथजी और जगन्नाथ-पुरी एक का ही यादगार है, लेकिन श्रीनाथ द्वारे 56 प्रकार के भोग बनते और जगन्नाथ में सूखे चावल का भोग लगता… अर्थात जब हम पावन गोरे सतोप्रधान होते हैं, तो धन साधन वैभव कमाना सब सहज हो जाता है… लेकिन पतित होने से आवश्यकताओं के लिए धन कमाना भी मुश्किल हो जाता है!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… पवित्रता के सागर से योग लगाकर अतिन्द्रीय सुख और आनंद का अनुभव करते रहें… और सबको ऎसे आनंद से भरपूर होने का रास्ता बताते रहे!

ओम् शान्ति!

Inculcating God’s knowledge | Sakar Murli Churnings 07-12-2018

Inculcating God's knowledge imageInculcating God’s knowledge

Sakar Murli Churnings 07-12-2018

आज बाबा ने ज्ञान, पढ़ाई और श्रीमत पर मुरली चलाई

बाबा की महिमा

  • बाबा ज्ञान का सागर है, उनमे नॉलेज है
  • जो हमें बाबा ब्रह्मा मुख द्वारा direct देते हैं
  • जिससे मम्मा समान हम Goddess of Knowledge बन जाते हैं
  • और फिर मनुष्य से देवता, अर्थात फिर Goddess of Wealth बन जाते हैं… उसमे health, wealth, happiness सब आ जाता है!

तो हमें क्या करना है? 

  • सच्ची कमाई करनी है
  • और कमाई का आधार पढ़ाई है
  • और पढ़ते नहीं हैं, जब संग खराब होता है… फिर नापास होते, रसातल में चले जाते… श्रीमत पर नहीं चलते, और डिस-सर्विस के निमित्त बन जाते
  • इसलिए कदम कदम पर बाबा की राय पर चलना है, कुछ भी छिपाना नहीं है, गलती हो तो बाबा से क्षमा मांगनी है… तो हमसे गलतियों नहीं होगी, हमारा पद बच जाएगा
  • एकव्रता अर्थात एक बाबा की याद में रे‍हकर भोलेनाथ को राज़ी कर वरदानो से अपनी झोली भरनी है, खुशियों के जुले में जुलते रहना है!
  • याद और सेवा में busy रहना है… मन्सा वाचा दोनों सेवाएं साथ-साथ करनी है, तो डबल फल प्राप्त होगा

सेवा के पॉइंट्स

  • मनुष्य देवताओं की पूजा करते हैं, लेकिन उनके occupation को नहीं जानते, इसलिए पूरी प्राप्ति नहीं होती
  • तो समझाना है… की धर्म स्थापको को 2500 वर्ष हुए, तो जरूर उनके पहले देवताएं होंगे… देवताओं को भी आधाकल्प देना पड़े… तो जैसे हमारे पूर्वज देवताएं इतने दिव्य थे, हमें भी ऎसा बनना है!
  • और समझाने के साथ, अपने चेहरे और चलन से भी सेवा करनी है!

सार

तो चलिए आज सारा दिन, एक बाबा की याद में रहते, खुशियों में नाचते रहे!

ओम् शान्ति!

Names of Soul World | Paramdham, Muktidham, Shantidham, Parlok

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Sakar Murli Churnings 04-12-2018

आज बाबा परमधाम को भिन्न भिन्न नामों से याद कर रहे थे… तो चलिए आज परमधाम के सभी नामों को revise करे, जो बाबा ने मुरलीयों में बताए हैं… यह चिंतन योग में बहुत काम आता है! 

परमधाम के नाम 

  1. मूलवतन
  2. परमधाम… परे ते परे धाम
  3. परलोक… 5 तत्वों से पार, सूर्य चाँद तारागण से भी पार
  4. ब्रह्मलोक… जहां चारो ओर सुनेहरा लाल प्रकाश ही प्रकाश है (ब्रह्म महतत्व)
  5. शान्तिधाम… जहां चारो ओर शान्ति ही शान्ति है
  6. निर्वाणधाम… वाणी (आवाज) से परे धाम
  7. मुक्तिधाम… जहां हम सर्व प्रकार के बंधन से मुक्त है
  8. घर… हमारा प्यारा मीठा घर है (Home Sweet Home)
  9. निराकारी दुनिया… आत्माओं की दुनिया
  10. शिवपुरी… शिव बाबा के रहने का स्थान

तो इन सभी नामों (और उनके अर्थ) को याद करने से … हम परमधाम की असीम शान्ति का लंबा समय अनुभव कर सकते हैं !

तो चलिए आज सारा दिन… शान्ति धाम की शान्ति को अपने अंदर समाते हुए, शान्ति का अति मीठा अनुभव करते रहें!

ओम् शान्ति!

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How to overcome Weaknesses? | भूतों (अर्थात कमज़ोरियां) को भगाने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 03-12-2018

How to overcome Weaknesses imageHow to overcome Weaknesses? | भूतों (अर्थात कमज़ोरियां) को भगाने की सहज विधि

Sakar Murli Churnings 03-12-2018

आज बाबा हमे भूतों (अर्थात कमज़ोरियां) को भगाने के लिए कह रहे थे

भूतों की लिस्ट

बाबा ने मुख्य भूतों (विकारों) की बात की… लेकिन उनके और भी कई बाल बच्चे है:

  • देह अभिमान… नकारात्मक, व्यर्थ चिंतन (भूतकाल,  परचिंतन आदि), ज्यादा सोचना
  • काम… अपवित्रता, कामनाएं, इच्छाएं, आकर्षण
  • क्रोध… चिड़चिड़ापन, disturbance, प्रभाव, blame, control, conflict, लड़ना जगड़ना, नफरत, वैर, हिंसा
  • लोभ… जल्दीबाज़ी , exploitation,  भ्रष्टाचार
  • मोह… चिंता, भय, insecurity, anxiety, possessiveness, अपेक्षाएं, फीलिंग (Hurt), sensitive nature
  • अहंकार… Superiority complex, रोब, competition… Inferiority complex, ईर्षा, Comparison
  • आलस्य, अलबेलापन, अधिक सोना, आदि

भूतों को भगाने की सहज विधि

और भूतों को भगाने का उस्ताद परमात्मा है… जिसने हमें भूतों को भगाने की बहुत सुन्दर और सहज विधि बताई है:

  • देह अभिमान को मिटाने के लिए … ज्ञान की शक्ति
  • काम को मिटाने के लिए … पवित्रता की शक्ति
  • क्रोध को मिटाने के लिए … शान्ति की शक्ति
  • मोह को मिटाने के लिए … रूहानी प्रेम (आत्मिक स्नेह) की शक्ति
  • लोभ को मिटाने… अतिन्द्रीय सुख और आनंद की शक्ति
  • अहंकार को मिटाने … स्वमान की शक्ति
  • आलस्य को मिटाने… उल्लास (उमंग उत्साह) की शक्ति

तो जितना हम आत्मा के 7 अनादि गुणों का अनुभव करते जाएंगे… तो सभी भूत भागते जाएँगे!

इसको ही बाबा कहते हैं कि… भूतों को भगाने के लिए ज्ञान योग की वास-धुप लगाओ!

सार

तो चलिए आज से… अपने ज्ञान के चिंतन और योग के चार्ट को बढ़ाते जाए, और सदा के लिए इन दुखों से मुक्त हो जाएँ… अर्थात सदा शान्ति, प्रेम और खुशियों के ज़ुले में जुलते रहे… ओम् शान्ति!

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