Becoming full of divine virtues this Holi! | Sakar Murli Churnings 10-03-2020

Becoming full of divine virtues this Holi! | Sakar Murli Churnings 10-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सम्पूर्ण सत्य ज्ञान हमारी बुद्धि में बैठ गया है (जो चित्रों में स्पष्ट है), हम सतयुगी-देवता बन रहे… तो अब पढ़ाई-याद (होली-धुरिया) द्वारा पवित्र-दिव्यगुण सम्पन्न-रॉयल-क्षीरखण्ड-सच्चे बन, सबकी प्यार-शान्ति-मीठास से सेवा करते रहे


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Becoming virtuous! | Sakar Murli Churnings 09-03-2020

Becoming virtuous! | Sakar Murli Churnings 09-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

स्वयं ज्ञान-सागर सद्गति-दाता भगवान् हमें राजयोग सिखाकर (देही-अभिमानी बन परलौकिक-प्यार के सागर बाबा को मामेकम् याद कर) दैवीगुण-सम्पन्न बनाते (घृणा-तिरस्कार से परे), सचखण्ड के मालिक हीरे तुल्य देवताएं… रहमदिल बन सबकी प्यार से सेवा भी करते रहना


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Becoming Mayajeet! | Sakar Murli Churnings 07-03-2020

Becoming Mayajeet! | Sakar Murli Churnings 06-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

हम श्रेष्ठ-पार्टधारी आत्मा को बाबा का बन-याद कर, पावन-मायाजीत-दिव्यगुण सम्पन्न बन (पुराना दुनिया को भूल) सुखधाम-वर्से का मालिक बनना है (हमे सारे ड्रामा को जानते, जो स्प्रीचुअल-नॉलेज के रत्न बाबा ने हमे दिये हैं)... सबकुछ सफल कर 21 जन्मों की बादशाही जरूर प्रात करनी है


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The essence of Rajyoga! | Sakar Murli Churnings 05-03-2020

The essence of Rajyoga! | Sakar Murli Churnings 05-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

मुख्य श्रीमत हैं… सवेरे उठकर (वा कर्मयोगी बन), अपने को बिन्दी-स्टॉर-अंगुष्ठे समान आत्मा समझ, उस एक-निराकार पतित-पावन परमात्मा को याद कर पावन-सतोप्रधान बनना (हिसाब-किताब चुक्तू)… जिससे सोने की हर्षितमुख-देवताओं की दुनिया का मलिक बनते (बाकी सब ड्रामा है, थोड़ा समय बाकी है)


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Becoming satopradhan! | Sakar Murli Churnings 04-03-2020

Becoming satopradhan! | Sakar Murli Churnings 04-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

हम आत्मा सुप्रिम पतित-पावन की याद द्वारा पावन-सतोप्रधान बनती (भाई-भाई की दृष्टि रखती), जिससे मुक्ति-जीवनमुक्ति का वर्सा प्राप्त कर लेते (सदा बहारी मोसम)… बेहद विश्व-कल्याणकारी बन सबका कल्याण करते (हमारे पास सम्पूर्ण ज्ञान है)


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Becoming a beautiful fairy, by using the biggest treasure! | Sakar Murli Churnings 03-03-2020

Becoming a beautiful fairy, by using the biggest treasure! | Sakar Murli Churnings 03-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. यह संगमयुगी-पढ़ाई (पतित-पावन से बुद्धियोग द्वारा पावन-दिव्यगुण सम्पन्न-खुशी-नशे से भरपूर बनने की) ख़ज़ाना-कमाई है (जिससे नई दुनिया-स्वर्ग में चैन पाते, सुन्दर परी-देवता रूप में)

2. इस यूनिवर्सिटी में जो अच्छे से पढ़ते-श्रीमत पर चलते, उनपर ही बृहस्पति की दशा कहेंगे (कोई बहाना-उबासी-भटकना नहीं)… स्वच्छ-सतोप्रधान बुद्धि वाले पक्की योगी बन, सच्ची-सेवा करने वाले मातेले बनना है

चिन्तन

जबकि इस spiritual-स्टडी़ के सर्वश्रेष्ठ-ख़ज़ाने से हम स्वर्ग की सुन्दर-परियां बन रहे… तो सदा इन अमूल्य ज्ञान-खज़ानो का बुद्धि में सिमरण कर योग द्वारा जीवन में लाते, सदा हर्षित-दिव्यगुण सम्पन्न चलन वाले सुन्दर परी-फरिश्ता बन… सबका कल्याण करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Using the Intellect to control the Mind! | Sakar Murli Churnings 02-03-2020

Using the Intellect to control the Mind! | Sakar Murli Churnings 02-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. जबकि रूहानी बाप-टीचर-सतगुरू हमें सच्चा गीता ज्ञान-राजयोग सिखाकर कन्स्ट्रक्शन ऑफ डीटी डिनायस्टी, (100% प्योरिटी-पीस-प्रासपर्टी) कर रहे… तो देह-सहित सबकुछ भूल चुप रह अपने को आत्मा समझ बाबा को याद कर, विकर्म विनाश-निरोगी बन वर्सा प्राप्त कर ले (भल उल्टे संकल्प आए, उन्हें कंट्रोल करना है)… साथ में नशे से अविनाशी ज्ञान-रत्नों का दान कर ऊँच-पद पाना है (बैज पर भी समझा सकते, बाबा को याद करने से कृष्णपुरी पहुँच जाएंगे)

2. (मातेश्वरी जी)… कर्म-बन्धनों से परे जाने बाबा को समर्पित हो, उनकी मत पर चलना है (हिम्मत रख, तब ही खुशी में रह, बाबा के सच्चे मददगार बन सकेंगे)… जब समर्थ साथ है, तो सबकुछ सहज है (सिर्फ बुद्धि को पवित्र रखना है)

चिन्तन

जबकि बुद्धि-सारथी द्वारा ही मन-घोड़े का नियंत्रण होता, तो सदा श्रीमत-लगाम को दृढ़ता से पकड़… ज्ञान-योग-धारणा-सेवा में खुशी-खुशी ईश्वरीय-दिनचर्या प्रमाण आगे बढ़, सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रह… सबके लिए श्रेष्ठ-उदाहरण बनते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Passing the exam! | Sakar Murli Churnings 29-02-2020

Passing the exam! | Sakar Murli Churnings 29-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि बाबा ने हम ब्राह्मण-बच्चों को adopt किया है, सतयुग-स्वर्ग-सुखधाम का वर्सा देकर देवता बनाने (सम्पूर्ण-धनवान)… तो सदा माया को डोंट केयर कर, अच्छे से पढ़कर, अपने को बिन्दी-आत्मा समझ एक-निराकार पतित-पावन बिन्दी शिवबाबा की याद द्वारा विकर्म-विनाश पावन-खुश बन ऊँच पद पा ले (बाकी सब ड्रामा है)… सेवा भी करते रहना

चिन्तन

जबकि हमारी बुद्धि में पढ़ाई का तन्त समा गया है (मन्मनाभव-मध्याजीभव, अल्प-बे)… तो सदा ज्ञान-चिन्तन वा योग द्वारा ज्ञान-याद-गुण स्वरूप सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन… सदा अपनी डबल-लाइट फरिश्ता स्थिति का अनुभव करते, सबको प्रेरणा देकर आप-समान बनाते, इम्तिहान में सम्पूर्ण पास हो, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Welcoming the Supreme Guest! | Sakar Murli Churnings 28-02-2020

Welcoming the Supreme Guest! | Sakar Murli Churnings 28-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सबसे बड़ी-आसामी (Highest-अथॉरिटी) बाबा हम सिताएं-ब्राइड्स के बुलावे पर पुरानी दुनिया में गेस्ट ऑफ आनर बन आकर हमें सम्पूर्ण ज्ञान दिया है, तो इसका सम्पूर्ण निश्चय-नशा हो… उनकी श्रीमत पर, अपने को निराकार-बिन्दी अकालमूर्त-आत्मा समझ निराकार-बिन्दी पतित-पावन परमात्मा को याद कर, पावन-अतीन्द्रिय सुख से सम्पन्न-कर्मातीत बन, देवता-राजा बन जाए… बाकी सब ड्रामा है, जिसका भी हमे पूरा ज्ञान है

चिन्तन

जबकि सबसे प्यारे ये प्यारा सर्वोत्तम-मेहमान हमारे लिए आया है… तो उनकी दिल की दुआएं प्राप्त करने, उनकी श्रीमत-मदद-वरदानों का सम्पूर्ण लाभ उठाने… सदा अपनी ईश्वरीय ज्ञान-योग सम्पन्न दिनचर्या को दिल से निभाते… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming divine! | Sakar Murli Churnings 27-02-2020

Becoming divine! | Sakar Murli Churnings 27-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

ज्ञान-सागर बाबा ने हमे सारा ज्ञान दे दिया है (कैसे अब हम कलियुगी से सतयुगी-पावन-पूज्य-देवता बन रहे)… तो फिर से ऐसे दैवी-श्रेष्ठ धर्म-कर्म वाले बनने, जरा भी देह प्रति बुद्धि न जाए (कुदृष्टि-ख़यालात-हंसी-वचन से परे), ऐसा पक्का आत्म-अभिमानी बनना है (एक-निराकार-रूहानी पवित्र-शान्ति सागर की याद द्वारा, सदा बाबा-बाबा ही करते)… ऐसे पावन-सतोप्रधान धारणा-मूर्त होकर, सब को मुक्ति-जीवनमुक्ति का रास्ता दिखाते रहे (लेबर-फोरेनर्स को भी)

चिन्तन

जबकि हमारी ऐम-ओबजेक्ट सदा हमारे सामने है… तो आज योग के पहले इस चित्र को देख, फिर बहुत खुशी-दृढ़ता से आत्मिक-स्वरूप में एकाग्र हो, सर्व गुण-शक्तियों के सागर बाबा की शीतल लहरों में लहराते… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सारा दिन स्वयं-सर्व का सर्वश्रेष्ठ भाग्य बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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