7 Qualities of Soul | Brahma Kumaris | In Hindi
Q. ज्ञान, पवित्रता, शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद, शक्ति – आत्मा के 7 अनादि गुणों को आप इसी क्रम में क्यों सुनाते?
A. दादी जानकी जी ने एक बार यह क्रम सुनाया, और मधुबन के कई वरिष्ठ भाई-बहने इसका ही प्रयोग करते… क्योंकि परमात्मा की भी मुख्य महिमा है ज्ञान सागर, पतित-पावन अर्थात् पहले ज्ञान फिर पवित्रता ?
और जहां पवित्रता हैं, वहां ही स्थिरता व सच्ची शान्ति है… इस शान्ति की मीठी अनुभूति से स्वतः, यह प्राप्ति कराने वाले प्रति परमात्म-प्यार जागृत होता… इसी प्रेम में सुख है… और सुख का ही ऊँच स्तर, आनंद है… इसी सतोगुणी अनुभूति में शक्ति है; जिससे स्वराज्य अधिकारी व सेफ रहते ?
तो भल कई सिधा मास्टर सर्वशक्तिमान, शिव शक्ति, आदि स्वमान का अभ्यास करते; वास्तव में है यह शान्ति-प्रेम-खुशी आदि की सतोगुणी शक्ति का ही शक्तिशाली रूप… तो इसी क्रम की कम्बाइन्ड गुणों की अनुभूति से हमें बहुत-बहुत प्राप्ति व लाभ हुआ है; सबको भी अवश्य होंगा… बहुत-बहुत दिल से शुभकामनाएं! ?
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