सुख अर्थात् क्या? | what is sukh
Q. 7 गुण 🌈 (ज्ञान 📖, पवित्रता ✨, शान्ति, प्रेम ❤️, सुख, आनंद, शक्ति ⚡) की अनुभूति में ज्ञान 📚, पवित्रता, शान्ति, प्रेम 💕 के बाद सुख आता… तो सुख अर्थात् क्या?
A. सुख अर्थात् एक बहुत मीठी, हल्की-सी गुड-फीलिंग जो निरन्तर 🕛 अन्दर बहती रहे! 🙂… इसे कई नाम दे सकते:
- सुख अर्थात् सन्तुष्टता… जो बेहद की अर्थात् subconscious तक भरी हुई हो! 🙂
- सुख अर्थात् तृप्ति… जो गहरी समाई हो, बहुत समय ⏰ के सतोगुणी 🌈 अनुभवों के फलस्वरुप! 🙂
- सुख अर्थात् सर्व प्राप्तियों की भरपूरता… जबकि बाबा ने हमें सभी ज्ञान-गुण-शक्तियों के खज़ाने 🪙, सर्व सम्बन्धों की अनुभूति से सम्पन्न किया है! 🙂
- सच्चा सुख अर्थात् अतीन्द्रिय सुख… जो बाबा के ज्ञान 📚-चिन्तन 💭, बाबा से योग 🧘 द्वारा ही प्राप्त होता!
- सुख अर्थात् सर्व आवश्यकताएं पूरी… क्योंकि वास्तव में आत्मा को 7 अनादि गुणों 🌈 की ही आवश्यकता होती; जिसका बाबा तो अखुट सागर 🌊 है!
- सुख की अनुभूति बढ़ती जब हमारी आत्म-बैटरी 🔋 चार्ज होती… इसके लिए तो बाबा ने अमृतवेले से रात्री हमें ऐसी नम्बरवन योगी दिनचर्या 🕛 दी है! 🙂
B) सुख से कुछ विशेष प्राप्तियां:
° सुखी आत्मा नेचुरली प्रसन्न, हर्षित 🙂 रहती; इच्छा मात्रम अविद्या!
° सुख का ही ऊंच स्तर आनंद है, जिसकी अनुभूति में सर्व शक्तियां ⚡ strongerge होती!
° उनके प्रकंपन ✨ से औरों को भी सम्पन्नता की अनुभूति होती!
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