Earning Blessings through the Art of Balance | बैलेन्स की कला द्वारा ब्लैसिंग की प्राप्ति | Avyakt Murli Churnings 14-04-2019
हम प्रेम-स्वरूप बच्चों से प्यार का सागर मिलने आए हैं, यह प्रेम के सम्बन्ध की महफिल है, जो राहत-राह-प्राप्ति-प्रोपर्टी सब दिलाता… सभी की याद, प्यार, लक्ष्य श्रेष्ठ है (108 की माला में आना, लक्ष्मी-नारायण बनना)… फिर भी सदा एकरस-उड़ती कला के अनुभवी, बाबा के प्यार में सूद-बूद खोये नहीं रहते… क्योंकि बैलेन्स की कमी है, इसलिए ब्लैसिंग नहीं मिलती और मेहनत करनी पड़ती
बैलेन्स से ब्लैसिंग!
कौन से बैलेन्स?
- याद और सेवा का बैलेन्स, अर्थात याद में रह सेवा करना… Priority याद को, ऎसे नहीं समय मिला तो याद करेंगे
- इस बैलेन्स से स्वतः स्वमान और निर्मानता का बैलेन्स रहता… ज्ञान का नशा भी आवश्यक है, साथ मेंं कारावनहार बाप की स्मृति निमित्त-निर्मान रखती
- अलौकिक-ईश्वरीय सेवा की जिम्मेवारी निभाते भी डबल लाइट, बाबा करा रहे हैं… जीतना न्यारा, उतना प्यारा
- श्रेष्ठ अनुभव द्वारा श्रेष्ठ ज्ञानी-योगी-सेवाधारी बनने के नशे के साथ याद रखना है… कि हमें हर पल उड़ती कला-उन्नति के अनुभवी, सर्व के लिए एक्जैम्पुल बनना है
और पॉइन्ट
1. बॉम्बे से मुलाकात…ऎसा अविनाशी खज़ानों के खान की प्राप्ति के सम्पत्ति-वान बनना है, कि स्थूल सम्पत्ति वाले भी हमको देख अपना अविनाशी भाग्य बनाने की प्रेरणा ले… हमनेेे तो माया को सागर के तले में डाल दिया है… अब तो सिर्फ, सर्व के लिए example बन, मम्मा-बाबा की सेवाओं का श्रेष्ठ रिटर्न देना है
2. बाबा ने हमें रूहानी जिम्मेवारी का ताज दिया है… यह जितना बड़ा, उतना ही हल्का, सुखदाई, खुशी देने वाला ताज है… यह हर कर्म में साथ रहता, और सतयुग में भी साथ आता, एसी wonderful ताजपोशी बाबा ने हमारी करा दी है!
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि स्वयं प्यार का सागर हमारे लिए आया है, तो हम भी सदा याद द्वारा निर्मान, डबल लाइट, उड़ती कला अर्थात सदा शान्ति प्रेम आनंद के अनुभवी बन… सर्व को श्रेष्ठ प्राप्तियां कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!