Sharing our attainments with all! | Avyakt Murli Churnings 16-06-2019
हम दिलखुश बच्चे सदा वाह-वाह के गीत गाते, और दुनिया में सभी दिल के दर्दी है (भिन्न-भिन्न प्रकार से)… इसलिए हमारा फर्ज है मास्टर दुख-हर्ता सुख-स्वरूप बन, अपने स्वराज्य वा सर्व शक्तियों के जमा स्टॉक से सबके भी खाते भरपूर करने है
पार्टियों से मुलाकात
1. सदा अपनी श्रेष्ठ साक्षी-पन की सीट पर सेट रहना है, जिसमें बैठ कर्म करने-देखने में बहुत मज़ा आताा… सदा इसी खुशी में रहना, कि हम ही वह कोटों में कोई आत्माएं है… जो भगवान् के बनते-जानते, सदाकाल की प्राप्ति के अधिकारी, समर्थ बनते
2. सदा एक बाप के बन, उस एक की मत पर चल, एकरस स्थिति बनानी, और परिवार से एक रहना, तो नम्बर-वन बन जाएँगे… कहां भी हो इस एक के मंत्र को याद करने से, एक बाप के साथी बन, माया से बचे रहेंगे
अधर-कुमारों से मुलाकात
हम प्रवृत्ति में रहते, अलौकिक वृत्ति-दृष्टि रखते, गृहस्थी के बदले ट्रस्टी सदा-सुखी है… सिर्फ मेरे को तेरे में परिवर्तन कर, न्यारे-प्यारे निर्बंधन हो गए हैं… एक बाबा की लगन से, सर्व प्राप्ति सम्पत होने कारण, विघ्न समाप्त हो हम निर्विघ्न बन जाते, जैसे माखन से बाल
माताओं से
हम है जगत माता, बेहद सेवा करने वाली… सदा इसी खुशी में रहना है, बाबा ने हमें कितनी श्रेष्ठ पद-भाग्य दिया है, जन्मों की थकावट दूर कर अतिन्द्रीय सुख-खुशी के झूले में झूला दिया है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें कोटों में से चुना है, तो सब मेरे को तेरे में परिवर्तन कर, उस एक की याद में समाए हुए स्वराज्य अधिकारी, सदा सुखी-दिलखुश सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन… सबको भी शक्तियों का महादान देने वाले जगत माता बन, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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