The easiest Purusharth, Follow Father | Avyakt Murli Churnings 20-03-69
1. हमारे निमन्त्रण पर बाबा आए है व्यक्त में अव्यक्त मुलाकात करने, तो हमें भी बाप-समान सम्पूर्ण जल्दी बनना है… दर्पण सामने है, हमें साकार समान गुण-स्थिति बनानी है, इसलिए अपने हर बोल-कर्म-स्मृति-स्थिति को बाबा से भेंट करते रहना है
2. 7 बातें छोड़नी है… 5 विकार, आलस्य, भय (शक्तियां निर्भय होती)
3. 7 बातें धारण करनी है:
- स्वरूप-स्वधर्म (मैं आत्मा शान्त-स्वरूप)
- स्वदेश, स्व-लक्ष्य, स्वदर्शन चक्र (परमधाम, फिर देवता बनना है, फिर चक्र)
- स्व-लक्षण (दिव्यगुणों की धारणा)
- सुकर्म (सेवा)
स्वयं के संस्कारों पर काली, और परिवार के साथ शीतला बनना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… बाप-समान श्रेष्ठ ज्ञान-योग-धारणा-सेवा की दिनचर्या धारण कर, बार-बार अपने संकल्पों को बाबा से भेंट करते… तीव्र रूप से बाप समान सम्पन्न-सम्पूर्ण बनते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
Recent Avyakt Murli Revisions:
- 14-01-88: उदासी आने का कारण – छोटी-मोटी अवज्ञायें | 14th January 1988: The reason of sadness – Small Disobediences | how to walk in obedience to god
- 23-11-89: वरदाता को राज़ी करने की सहज विधि | 23rd November 1989: Easy Method of satisfying the Bestower of Blessings | None but One
- 23-03-88: दिलाराम बाप के दिलतख्त-जीत दिलरूबा बच्चों की निशानियाँ | 23rd March 1988: Signs of Beloved soul seated on heart-throne of Comfortor of Hearts | and let the peace of god rule in your heart
- 28-4-77: सदा सुहागिन की निशानियाँ | 28th April 1977: Signs of a soul constantly wed | what does it mean to love god
- 02-02-72: प्रीत बुद्धि की निशानियाँ | 2nd February 1972: Signs of a God-loving Intellect | do i love god quiz
Thanks for reading this article on ‘The easiest Purusharth, Follow Father | Avyakt Murli Churnings 20-03-69’