The enthusiasm for Seva | सर्विस का शौक | Sakar Murli Churnings 28-12-2018
- मम्मा-बाबा समान सौभाग्यशाली बनने लिए:
- सेवा का उमंग रखना है
- पुरानी दुनिया से ममत्व नहीं रखना है
- माया से बचे रहना है
- सर्विस का खूब शौक रखना है:
- धंधा करते, गृहस्थ में रहते भी… मन्सा, वाचा, कर्मणा सेवा करनी है… बाप का परिचय वा मनमनाभाव का छू मंत्र सबको देना है, सबको सुख देना है
- मन्दिरों, शमशान में जाओ
- मित्र-सम्बन्धियों को समझाओ
- उनको बुलाओ, उनके पास भी जाओ
- अखबार में डालो, हाॅल भी ले सकते हो
- भल 100 में से 1 निकले, विघ्न और गालियाँ भी सहन करनी पड़े
- 2500 साल पहले तक भी, सतयुग त्रेता में… वन रिलीजन, वन गवर्नमेंट था, सम्पूर्ण एकता थी… अभी तो अनेक मतें हैं, देश देश और घर घर में जगदे है, एक दो को मार भी डालते.. तो हमें फिर से सम्पूर्ण एकता लानी की सेवा करनी है
- परमधाम निवासी होने के नाते, इस जग में हम सभी foreigners है… तो जैसे बाबा नें हमे रूहानी डॉक्टर वा रूहानी व्यापारी बनाया है, आज बाबा ने हमारी विदेश जाने की भी इच्छा पूरी कर दी!
सार
तो चलिए आज सारा दिन… बाबा को साथ रखकर अथक सेवा करतेे रहें … जिससे हमारी स्थिति स्वतः श्रेष्ठ और व्यर्थ से मुक्त रहती… और सबकी दुआएं मिलती, सबका भी जीवन श्रेष्ठ बनता, जिससे सहज ही यह संसार स्वर्ग बन जाएगा… ओम् शान्ति!