Remembering the somersault! | बाजोली का खेल | Sakar Murli Churnings 11-07-2019
1. यह सतगुरूवार, ब्रहस्पति-वार, वृक्षपति-डे है… बाबा है मनुष्य सृष्टि का बीज है, जो ब्रह्मा के रथ में आकर हमें adopt कर ब्राह्मण बनाते, सत्य ज्ञान वा राजयोग सिखाकर, मनुष्य से देवता बनाते, सतयुग का वर्सा देते (जहां सबकुछ नया होगा), यह सारी बाजोली है
2. हमें ईश्वरीय बुद्धि मिली है, जिससे सारे खज़ाने-गुण हम स्वयं में समाते, सदा ज्ञान रत्नों से भरपूर रहते… मामेकम् पतित-पावन बाबा को याद करना है, तब ही सुखी-एवर हेल्थी बनेंगे, 21 जन्मों के लिए
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें सर्वश्रेष्ठ स्मृति दिलाई है कि, हम ही देवता थे अब फिर बनना है… तो इसी दृढ निश्चय द्बारा ज्ञान-योग की तीव्र दोड़ी लगाए फिर से दिव्यगुणों-दिव्यता से भरपूर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन… सबको बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
Recent Sakar Murli Churnings:
Thanks for reading this article on ‘Remembering the somersault! | बाजोली का खेल | Sakar Murli Churnings 11-07-2019’