Going Beyond Laziness! | (16th) Avyakt Murli Churnings 09-06-69
1. हम ज्ञानी है (revise कोर्स भी चल रहा), इसलिए हमारी श्रेष्ठ आश-ईच्छा है अव्यक्त स्थिति बनाने की… लेकिन इसमे मुख्य विघ्न है अलबेलापन-सुस्ती-आलस्य… इसके लिए पुरुषार्थ की लगन बढ़ानी है, नम्बर वन पुरूषार्थी बनना है… सुबह उठते ही शक्तिशाली पॉइंट्स emerge करने है
2. मुख्य श्रीमत है याद की यात्रा, जिससे ही पवित्रता-दिव्यगुण आते, सेवा में सफलता होती… यह जिम्मेवारी का ताज पहनना है, जितना लौकिक जिम्मेवारियों में समय देते, उतना यहां भी देना है… जितना नजदीक आएँगे, सतयुग की सीन scenery देखेंगे
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें सारी ज्ञान-योग की बातें सीखा दी है श्रेष्ठ स्थिति बनाने लिए, तो अब आलस्य-अलबेलापन के बड़े दुश्मन से सदा बचे रहे… इसके लिए रोज़ सुबह शक्तिशाली पॉइंट्स emerge कर सारा दिन श्रेष्ठ सेवाओं में बिजी रहे… तो सदा श्रेष्ठ अव्यक्त स्थिति में स्थित, सतयुग के सीन scenery अनुभव करते-कराते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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