A divine Intellect! | Sakar Murli Churnings 12-07-2019
1. हम निराकार आत्माएं ऊपर से यहां अकाल-तख्त पर आती, अब अन्त में पतित-दुःखी-रोगी बन गई है… अब फिर बाबा आकर हमें स्वीट-silence-home में ले जाते, फिर नई सुख की दुनिया स्वर्ग में भेज देते
2. हमें सम्पूर्ण निश्चय है, इसलिए हम श्रेष्ठ पुरूषार्थ करते-कराते… बाबा के संग में रह, हम पारसबुद्धि बन पवित्रता-सुख-शान्ति के सागर बनते… सबको सुनाते की बेहद के बाप (परमपिता) से बेहद का वर्सा मिलता (जहां सबकुछ नया है), जिसके लिए वह आए हैं वायदे अनुसार
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें दिव्य-पारस बुद्धि का वरदान दिया है, तो सदा अपने ज्ञान-योग-धारणा-सेवा को फर्स्ट priority देते रहे… तो स्वतः हमारे सभी कार्य-सम्बन्ध श्रेष्ठ-सहज-सुन्दर होते, हम सतयुग स्थापन करते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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