The best teacher! | (20th) Avyakt Murli Churnings 06-07-69

The best teacher! | (20th) Avyakt Murli Churnings 06-07-69

1. हम एक (अव्यक्तवतन-वासी) की याद में रहते, पढ़ाई को धारण करने से धैर्यवत-अन्तर्मुखी होते… बाबा का बनने के बाद अलबेलाई से कुछ भी छिपाया है, वह लिखकर देना है, पूरी जन्मपत्री

2. औरों को सीधे अव्यक्त-वतन नहीं, संगम का ठिकाना देना है, यहां से ही अव्यक्त बनना है… हमें रास्ता मिल गया है, तो अभी ऊपर-नीचे नहीं होना है… जौहर भरने निश्चयबुद्धि-वफादार बन pure बनना है (कैरेट नहीं, करेक्ट) तब भी शक्ति आएंगी, फिर दिव्यगुणों से श्रृंगार कर (हर कर्मेंद्रीयां को) दिल-पसंद बनेंगे… फिर lottery दिखाकर सेवा होगी, कलियुगी पहाड़ उठेगा, अव्यक्त-नीरसंकल्प बन, साथ जाएँगे

3. बाप ऊँची दृष्टि से देखकर, हमारी सेवा कर, हमें साफ करते… फरमान नहीं देते, शिक्षा देते… हमें उन्हें गाई की तरह उगारना है (चिन्तन)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा की श्रेष्ठ शिक्षाओं के ज्ञान का चिन्तन द्बारा अन्तर्मुखी बन, एक बाप की याद द्बारा सम्पूर्ण पवित्र दिव्यगुण-सम्पन्न बन, सबकी श्रेष्ठ example द्बारा सेवा करते, कलियुग को सतयुग में परिवर्तन करते रहें… ओम् शान्ति!


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