Being a Pandav! | Sakar Murli Churnings 18-07-2019
हमने भक्ति में पतित-पावन बाप को बुलाया ही था पवित्र घर ले चलने… अब बाबा आया है लेने, इसलिए सम्पूर्ण पवित्र जरूर बनना है (राजयोग से, आत्मा समझ बाबा को याद करके), नहीं तो सजाएं खानी पड़ेगी… साथ में दैवीगुण भी धारण करने है, फिर नई दुनिया-स्वर्ग-सुखधाम में चलेंगे… सब को भी समझाते रहना है, फिर आगे आपेही बहुत सेवाएं होगी, समय अब थोड़ा है
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… भगवान् को अपना सच्चा साथी बनाकर, उसकी श्रीमत को सदा सिर-माथे रख… जीवन के हर सीन में स्वयं को विजयी अनुभव करे… अर्थात हर परिस्थिति में भी सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बन, सबको बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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