Being part of the showcase of Madhuban! | (21st) Avyakt Murli Churnings 16-07-69
1. हमारी परिवर्तन की ईच्छा-उमंग-हिम्मत से प्रत्यक्षता होगी, स्वर्ग प्रख्यात होगा… हमारा अन्तिम स्वरूप है पाण्डव-शक्ति का
2. हमारी हिम्मत-स्नेह का प्रत्यक्षफल देख बाबा खुश हैं, इस फल की सम्भाल करनी है माया चिड़िया जूठा न बनाए, हमें फल प्रभु को अर्पण करना है… हमारे मस्तक पर उम्मीदों का सितारा है, इसको भी सम्भालना है, अव्यक्त-एकरस स्थिति के कंगन को नहीं भूलना है
3. सीन-scenery में अपनी वैल्यू का नशा नहीं भूलना है… हम मधुबन शोकेस के अमूल्य रत्न है, जैसा कर्म हम करेंगे हमें देख सब फोलो करेंगे (प्रजा-भक्त आदि, सब में संस्कार भरने है, जैसे को माँ के पेट में बच्चा)… इस जिम्मेवारी की स्मृति से अलबेलेपन से बचे रहेंगे
4. समारोह सदा याद रहता, इसकी सौगात है:
- एक की लगन (मन्सा में)
- economy (कर्मणा में)
तो वाणी भी ठीक रहेंगी
5. 4 बातें याद रखनी है… शिक्षा-सावधानी, no. 1 का थप्पा, एक-दो को आगे बढ़ाना
6. हम भाग्यशाली है, मधुबन में सबसे ज्यादा मेहमान आते हैं… ऎसी मेहमान-नवाजी़ करनी है कि, सदा के लिए अपने घर (देह) में मेहमान हो जाए
सार
तो चलिए आज सारा दिन… हमारे परिवर्तन से ही प्रत्यक्षता होगी, इसलिए सदा प्रभु स्नेह में डूबे इसी स्मृति में रहे जैसा कर्म हम करेंगे हमें देख सब करेंगे… सब की श्रेष्ठ पालना करते, नम्बर वन स्थिति में स्थित रह, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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