The most invaluable gift! | Avyakt Murli Churnings 21-07-2019
1. बाबा को अनेक स्नेह-दिल की सौगातें मिली (नये साल की)… जो अटूट स्नेह-सम्बन्ध से दी, उनकी वैल्यू सबसे ज्यादा… तीन बातें चेक करनी है:
- स्नेह:
- 1. बाबा के अनुभव में डूबा स्नेह, आदि से अखण्ड रहा?
- 2. सच्ची दिल का स्नेह, वा स्वार्थ-वश?
- 3. दिखावे का, वा जिगरी स्नेह?
- सम्बन्ध:
- 1. सर्व सम्बन्ध है? (बाबा पौत्रा-ढोत्रा भी है!)
- 2. पर्सेंटेज कितनी है?
- 3. सदा रस अनुभव करते, वा कभी-कभी?
- सेवा:
- 1. मन-वचन-कर्म, तन-मन-धन से सेवा की?
- 2. पूरी या यथाशक्ति?
- 3. सर्व खज़ाने (ज्ञान-संकल्प, गुण-खुशी, शक्ति-समय) सफल किए?
- 4. दिल से वा ड्यूटी प्रमाण?
तो स्वयं को चेक-चेंज कर, सबसे मूल्यवान सौगात बाबा को देनी है
2. हम मधुबन के चमकते श्रृंगार है… हमारी सेवा का लक्ष्य है सबको बाबा का स्नेह-सम्बन्ध अनुभव (अपने सूरत-नयन द्बारा) कराकर परवाने बनाना… आगे सब समझेंगे यही है
3. टीचर अर्थात सदा (और सर्व) खज़ाने से भरपूर-सम्पन्न तब ही औरों की सेवा कर सकते… याद-सेवा के बैलेंस द्बारा blessings प्राप्त करते रहना है, बाबा के साथ के अनुभव की अथॉरिटी बन
4. बाप का बनना अर्थात भाग्य का सितारा चमकना, अभी संकल्प में भी दूसरा सौदा नहीं कर सकते… इसके लिए पढ़ाई-सेवा के संग में रहना है, तो पक्के हो जाएंगे
सार
तो चलिए आज सारा दिन… अपने श्रेष्ठ भाग्य को सदा स्मृति में रख, अपनी बाबा प्रति स्नेह-सम्बन्ध-सेवा को सर्वोत्तम करते… सर्व खज़ाने से भरपूर-सम्पन्न बन, सबको बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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