योग कमेंटरी | मैं निमित्त आत्मा हूँ | I’m an instrument soul
करन-करावनहार बाबा है… मैं सिर्फ निमित्त हूँ
सदा हल्की हूँ… सभी बोझ बाबा को दे दिए हैं… वही मुझे चला रहा है
यह विशेषताएं सभी बाबा की देन है… और बाबा का ही ज्ञान सुनाते हैं… बाबा के बच्चों को
मेरा जीवन सफल हो रहा है… मैं बहुत भाग्यशाली हूँ… स्वयं भगवान ने मुझे चुना है, निमित्त बनाया है
बाबा ने मुझे मान दिया है… मुझे किसी से मान की अपेक्षा नहीं… सबको सम्मान देना है
मुझे सदा निर्मान रहना है… निर्मल वाणी रखनी है… चेहरे और चलन द्वारा सबकी सेवा करनी है… बाबा की आशाओं को पूर्ण करना है
मैं बाबा की हूँ… बाबा को अर्पित, समर्पित… ओम् शान्ति!
गीत: झलक तुम्हारी ओ प्यारे भगवंत…
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