The most wonderful essay! | Sakar Murli Churnings 29-07-2019

The most wonderful essay! | Sakar Murli Churnings 29-07-2019

सार

1. आत्म-अभिमानी बन सबको ज्ञान का भू-भू करते रहना है, इस संगम पर ज्ञान सागर बाबा आए ही है हमें बुद्धिमान-देवता बनाने… इस कलियुगी-पतित-विकारी-भ्रष्टाचारी-दुनिया दुःखधाम को बदल सतयुगी-पावन-निर्विकारी-श्रेष्ठाचारी दुनिया-सुखधाम बनाने

2. जबकि हम विश्व में शान्ति स्थापन कर रहे, तो हमारे अन्दर तो जरा भी भय-आशांति न हो… माया की प्रवेशता, नाम-रूप की बिमारी, आंखें-वृत्ती चलायमान न हो… हमें आने वाले समय का पता नहीं, यही समय है सुन्न-अशरीरी होने का, हमें देह-भान छोड़ घर जाना है

3. यह अविनाशी ज्ञान रत्न पहले अपने में धारण कर श्रेष्ठ अवस्था बनानी है… फिर योगयुक्त हो औरों को सुनाने से तीर लगेगा… लिखत भी श्रेष्ठ तैयार हो, औरों को देने के लिए

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा आए है इस पुरानी-कलियुगी-तमोप्रधान दुनिया को नई-सतयुगी-सतोप्रधान बनाने… तो सदा ज्ञान-चिन्तन द्बारा समझ और याद द्बारा सर्व शक्तियों से सम्पन्न बनते रहे… तो सदा हम श्रेष्ठ स्थिति का अनुभव करते, दिव्यगुणों से सम्पन्न बनते, सहज पुराने संस्कार परिवर्तन करते-करते, सतयुग बनाये रहेंगे… ओम् शान्ति!


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