The Supreme company! | Sakar Murli Churnings 23-08-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. अपवित्रता-दुःख सब समाप्त हुआ, अब संगम पर (बुद्धि से) और सबकुछ भूल सिर्फ अपने पतित-पावन विदेही बाप को याद करने से पाप नाश हो, हम पुण्य-आत्मा अहिंसक दिव्यगुण-सम्पन्न देवता लक्ष्मी-नारायण समान बनते… नई सुख की दुनिया-सुखधाम में
2. ऎसी कमाल सिर्फ जादूगर बाबा कर सकते… तो हमें भी विजयी रत्न बन, बाबा से अविनाशी ज्ञान रत्नों का व्यापार कर, पण्डा बनना है
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… सदा अपनी मन-बुद्धि से सिर्फ एक बाबा और उसको मुरली के संग में रह, सदा हल्की-अलौकिक-योगयुक्त स्थिति का अनुभव करते… सबको आप समान शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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