The easy way of becoming world emperor! | (58th) Avyakt Murli Revision 11-06-70
1. विश्वपति (विश्व की सेवा करनेे वाले शूरवीर) बनने लिए चाहिए ताज (त्याग), तख्त (सेवा) और तिलक (तपस्या)… सेवा में मुख्य है मैं-पन का त्याग, सबकुछ बाबा, यही दृष्टि-वृत्ति चेहरे पर छलके
2. हमें बनना है सिम्पल और sample (तब सब आप-समान बनेंगे)… इसके दो ठप्पे लगाने है:
- शिव शक्ति (संस्कार-सर्विस-सम्बन्ध में मिटेगे, पर हटेंगे नहीं)
- ब्रह्माकुमारी (सम्पूर्ण स्नेही-सहयोगी-स्वाहा होने लिए सर्व शक्तियों को धारण करना है… तब ही कर्म-बन्धन समाप्त कर सकेंगे)
सार
तो चलिए आज सारा दिन… विश्वपति बनने लिए सदा अपनी श्रेष्ठ शिव-शक्ति वा ब्रह्माकुमारी की स्मृति में रह, simple-sample बन त्याग-tapasya द्बारा बाबा-बाबा करते, सेवा में लगे रह, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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