Stabilising in point form in actions! | (66th) Avyakt Murli Revision 24-07-70

Stabilising in point form in actions! | (66th) Avyakt Murli Revision 24-07-70

1. अभी समय है चलते-फिरते बिन्दु रूप रहने की.. इसके लिए:

  • बीच में संकल्प स्टाप कर बिन्दु रूप का अभ्यास करना है
  • अव्यक्त फ़रिश्ता स्वरूप रहने से बिन्दी रूप बनना सहज है
  • संकल्पों (समय-शक्ति) की बचत करनी है… संकल्प के तूफान (वा evil स्पिरिट-सस्कार) से बचने लिए भेट करनी है, यह यथार्थ बाप-समान है, नोट या डॉट

2. शक्तियों की भुजाएं है मददगार की निशानी… पाण्डव अर्थात लम्बी बुद्धि, सबको आगे बढ़ाने वाले

सार

तो चलिए आज सारा दिन… चलते फिरते बिन्दु रूप में स्थित होने लिए, बीच-बीच में संकल्पों को स्टॉप कर, उन्हें चेक-चेंज कर बिन्दु रूप (वा फरिश्ता स्वरुप) का अनुभव करते रहे… बाबा में मददगार बनते, सबकी सेवा करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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