Abu, the most wonderful pilgrimage place! | Sakar Murli Churnings 03-09-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. संगम पर स्वयं भगवान् हमें बेहद का वर्सा देते, राजयोग सिखाते (अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करना), तो हमें भी तुरन्त निश्चयबुद्धि, देही-अभिमानी, बाबा के प्यार-शक्तियों से सम्पन्न बन, सबको sensible योग-युक्त हो समझाकर, विश्व में सुख-शान्ति स्थापन करनी चाहिए
2. जिसका यादगार यह लक्ष्मी-नारायण का चित्र और देलवाड़ा मंदिर (नीचे तपस्या, ऊपर स्वर्ग) है… आबू महान-तीर्थ की महिमा सबको सुनानी है (जहां स्वयं भगवान् आकर सारे विश्व की सद्गति करते)… जगदम्बा का भी यादगार यहा है
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमने सबसे महान तीर्थ आबू का अनुभव किया है, तो सदा उस स्मृति द्बारा अपने ज्ञान-योग-धारणा को मजबूत कर… सदा खुश, सर्व प्राप्ति सम्पन्न, दिव्यगुण-सम्पन्न बन, सबको आप-समान श्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
Recent Sakar Murli Churnings:
Thanks for reading this article on ‘Abu, the most wonderful pilgrimage place! | Sakar Murli Churnings 03-09-2019’