Being a shining star! | Sakar Murli Churnings 04-09-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. हम धरती के चमकते सितारे है, जो सारे विश्व को रोशनी देते, पूज्य-देवता बनते-बनाते… जबकि संगमयुग पर स्वयं बाप-टीचर-सतगुरु हमे भाग्यशाली रथ गो-मुख माता ब्रह्मा द्बारा पढ़ाते (वा ज्ञान दूध पिलाते)… जिससे कंचन काया बनती, हम विश्व का मालिक बनते, सुख-दिन-अमरलोक में पहुँच जाते… हम इस सारे ड्रामा के विशेष पार्टधारी है
2. हमारा मुख्य पुरुषार्थ है, श्रीमत पर अपने को आत्मा समझ (देह-भान से परे) बाबा को याद करना है, जिससे ही पवित्र-सतोप्रधान बनते, कैरक्टर सुधरते… सेवा की भिन्न-भिन्न युक्तियां सोचनी है, जिससे सब को समझा सके
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम धरती के विशेष सितारे है, तो सदा ज्ञान सूर्य-चन्द्रमा के समीप रह… ज्ञान-योग द्बारा अपनी-सर्व की जीवन को चमकाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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