Giving Baba’s parichay | Sakar Murli Churnings 07-09-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. बेहद-बाप ब्रह्मा-तन में आकर हमें अपना परिचय दे, राजयोग सिखाया है, पावन बनाने … तो हमें भी अपने आत्मा-भाइयों को बाबा का परिचय जरूर देना है (कैसे वह निराकार बाप-टीचर-सतगुरु ज्ञान-सागर, कलियुग-अन्त में आकर सर्व की सद्गति करते, सतयुग स्थापन करले, देवता बनाते)… हम भी आत्मा अकाल-तख्तनशीन है (जिसमें 84 जन्मों का पार्ट नुन्धा है), अभी हम ब्राह्मण है, बाप से वर्सा ले रहे
2. बाबा धोबी बन हमें पावन बनाने आए है, फिर वहां शरीर भी पावन मिलेगा… जबकि बाबा हमें इतनी मिल्कियत देते, तो उन्हें सदा याद रखना है… कमल-फूल समान रहना है, फ़िर वहां कर्म अकर्म रहते
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… बाबा का परिचय देने लिए सदा याद रखे, बाबा का:
- नाम है… शिव (जिसका अर्थ है बिन्दी, शान्ति, कल्याणकारी)
- रूप… निराकर ज्योति-बिन्दु स्वरूप (यही रूप सभी धर्मों को स्वीकार है)
- देश… ऊंच ते ऊंच परमधाम (इसलिए उसे उपर-वाला कहते)
- गुण… ज्ञान, पवित्रता, शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद, शक्तियों का सागर
- कर्तव्य… ब्रह्मा तन में आकर, राजयोग सिखाकर, मनुष्य से देवता बनाकर, कलियुग को सतयुग बनाते
- समय आने का… संगमयुग (उसके आने से ही चढ़ती कला होती, सतयुग आता… तो जरूर वह कलियुग-अन्त और सतयुग-आदि के संगम पर आएँगे)
तो सदा बाबा के याद से जो प्राप्तियों होती है (सेकण्ड में शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर हो जाते, जिस शान्ति-खुशी के लिए सारी दुनिया भाग रही है, ऎसा सहजयोग तो सिर्फ भगवान् ही सीखा सकते)… इन्हीं प्राप्तियों का अनुभव सुनाते हुए सबको बाबा का परिचय देते रहें, तो सभी भी बाबा से सहज जुड़ते, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनतेे, सतयुग बनता रहेंगा… ओम् शान्ति!
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