Being attentive! | Sakar Murli Churnings 20-09-2019

Being attentive! | Sakar Murli Churnings 20-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. संगम पर हमारा बाप-बच्चें का सम्बन्ध है… ज्ञान-सागर बाप हमें सारे सृष्टि-चक्र का राज़ सुनाकर मनुष्य से देवता बनाते… सर्वश्रेष्ठ युक्ति सुनाकर, कि सर्वशक्तिमान पतित-पावन बाबा को याद करने से विकर्म विनाश हो पवित्र-सतोप्रधान बन… नई सुख की पवित्र दुनिया-स्वर्ग में पहुँच जाएंगे, देवता-रूप में

2. मुख्य बात, घर-गृहस्थ में रहते भी attention से पढ़ते-पढ़ाते, अपने को आत्मा समझ (छोटी आत्मा, जो शरीर द्बारा 84 का पार्ट बजाती) मामेकम् बाबा को याद करते रहना है, बाकी सबकुछ बुद्धि से भूलते

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि स्वयं भगवान् हमें पढ़ाने आते, तो सम्पूर्ण attention से हर शब्द को ग्रहण-अनुभव करते… बहुत सहज प्रेम-मय योगयुक्त स्थिति का अनुभव करते, सबको खुशियां बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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