Becoming full of happiness in a second! | Sakar Murli Churnings 23-09-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. नॉलेजफुल बाप-टीचर-सतगुरू ने हमें ज्ञान (कैसे आत्मा ऊपर से आकर 84 का all-round पार्ट बजाती, पहले स्वर्ग-सुखधाम का वर्सा था) और योग (बाबा की याद, मन्मनाभव के मंत्र) द्बारा सेकण्ड में जीवनयुक्ति-सुख-खुशी से भरपूर कर दिया है… जितनी हमारी धारणा है (ज्ञान-गुण-पवित्रता की)
2. तो औरों को भी त्रिमूर्ति-गोले के बड़े चित्र द्बारा (मुख्य स्थानों पर) समझाना है, बाप से सतयुगी जीवनमुक्ति का वर्सा आपका जन्मसिद्ध अधिकार है (एसी अच्छी लिखत के साथ), बैज़ पर भी समझा सकते
3. बाकी थोड़ा समय है, फिर तो चक्र फिर जाएगा… तो विनाशी चीजों के पीछे नहीं दौड़ना है, समय-सहित सबकुछ सफल करना है
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें ज्ञान-मन की सम्पूर्ण समझ दी है… तो सदा दिनचर्या को accurate रख, श्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर संकल्पों को अनुभव कर, सदा खुश-शान्ति-सर्व प्राप्ति सम्पन्न रह… सबको आप-समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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