Purifying the soul! | Sakar Murli Churnings 16-10-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. दोनों बाबा हमें समझाते, कि आत्मा में विकारों की मैल चढ़ी हुई है (इसलिए शरीर भी एसा है)… जिसे श्रीमत पर फिर से पवित्र-सतोप्रधान बनाना है, एवर-pure बाबा की याद द्बारा… तो खुशबूदार-फूल लक्ष्मी-नारायण समान बन जाएंगे
2. साथ में सी-हीयर नो evil, दिन-रात सेवा में लगे रहना है… हमारी चलन से सबकुछ पता पड़ जाता (भोजन याद में, शरीर का ज्यादा चिन्तन नहीं, बड़ों का आदर, सिर्फ एक की याद, आदि)
चिन्तन
जबकि बाबा हमें आप-समान परम-पवित्र बनाने आए हैै… तो सदा हर बात में purity को नम्बर-वन priority देते, सिर्फ एक बाबा से ही सुनते… सिर्फ उसी ज्ञान के चिन्तन द्वारा बहुत सहज योगयुक्त शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न स्थिति का अनुभव करतेे… सब को आप-समान निर्विघ्न बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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