Lifting the anchor! | Sakar Murli Churnings 17-10-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. अब संगम पर मीठे पतित-पावन बाबा की श्रीमत पर हम चलते-फिरते रूहानी याद की यात्रा पर है (शान्तिधाम-घर की, बाबा के हाथों में हाथ)… जिससे पावन-सतोप्रधान बनते, नई-पावन दुनिया सुखधाम-स्वर्ग-अमरलोक में, लंबी आयु वाले सुखी देवता बन
2. माया तो आएंगी, हमें याद रखना है लंगर अब उठ चुका है… अपने बाप को तो सब याद करते, सिर्फ अपने को आत्मा समझना है
चिन्तन
जबकि असार स्थूल बातों से हमारा लंगर उठ चुका है… तो सदा अपने को सूक्ष्म आत्मा समझ फरिश्ते-समान हल्की स्थिति मेहसूस कर… सदा बाबा के हाथ-साथ का अनुभव करते बहुत मीठी शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न अवस्था में रह… सब को आप-समान सर्व खज़ानों से भरपूर बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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