Being full of all attainments! | Avyakt Murli Churnings 20-10-2019
1. लौकिक प्राप्ति अल्पकाल है (इसलिए सभी वर्ग की आत्माएं खोज में लगी हुई है)… और हम प्राप्ति-स्वरुप विशेष आत्माएं, हमारे हर कदम में पदम है, अप्राप्त नहीं कोई वस्तु ब्राह्मणों के ख़ज़ाने में… सर्व प्राप्तियां है:
- सुखदाता सर्व प्राप्तियों के दाता से अविनाशी सम्बन्ध है… जिसमें कोई दुःख-धोखा नहीं
- सर्व प्रति स्व (आत्मा) का भाव होने कारण श्रेष्ठ स्वभाव है… और बाप-समान रहमदिल विश्व-कल्याणकारी महादानी संस्कार है
- सच्ची कमाई है… सर्व अविनाशी खजानों की सम्पत्ति के मालिक है (दाल रोटी भगवान् की याद में खाते, परिवार श्रेष्ठ है, और यादगार रूप में नाम कितना बाला है)
- हमारा बाप से सम्पर्क होने कारण, हमारे जड़ चित्रों का सारे विश्व से सम्पर्क है
दूर होते भी हमने बाप को पहचान, अपने स्नेह से उसे अपना बना लिया है… सदा उड़ती कला में रहते, चलने से भी परे
पार्टियों
1. (युगलों से)… सदा बन्धन-मुक्त न्यारे-प्यारे स्वतंत्र-उड़ता पंछी है… उड़ती कला में, सदा बाबा के साथ, आकर्षण से परे, सदा प्यारे-मौज में, दुःखधाम से ऊपर
2. (अधर-कुमारों से)… एक हम श्रेष्ठ आत्मा, दूसरा बाबा, तीसरा कोई नहीं, यही है लगन में मगन… कुछ मेरा-ममता-मोह नहीं, सिर्फ एक बाबा से शुद्ध मोह-प्यार, सहजयोगी, मायाजीत
3. (माताओं से)… हम सदा बाबा के साथ खुशी में नाचते, सर्वशक्ति-सम्पन्न, नष्टोमोहा है… याद-सेवा में आगे बढ़ते
4. (मधुबन के सेवाधारीयों से)… मधुबन के वातावरण में शक्तिशाली स्थिति बनाने का चान्स मिलता, और सेवा से भविष्य भी जमा होता… जितनी श्रेष्ठ-शक्तिशाली स्थिति से सेवा करते, एक का पदम-गुणा मिलता… हम तो रूहानी सेवाधारी है, रोटी बेलते स्वदर्शन चक्र, स्थूल-कार्य के साथ मन्सा-सेवा करते रहते
5. महावाक्य सुनते महान बन गए, सदा महान कर्तव्य करने वाले (मन्सा-वाचा-कर्मणा महादानी बन, महान युग का आह्वान करने वाले)… इसी महान स्मृति में रहना है
सार (चिन्तन)
तो चलिए आज सारा दिन… सदा सर्व प्राप्तियों के दाता बाबा को स्नेह-प्यार से अपना बनाए, सर्व ख़ज़ाना से सम्पन्न प्राप्ति-स्वरुप महान-आत्मा बन… सदा अपने श्रेष्ठ-आत्मिक भाव द्वारा विश्व-कल्याणकारी महादानी बन सबको सम्पन्न बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
Recenr Avyakt Murli Churnings
- Avyakt Murli 💌 Yog 29.9.24 (Rev. 3.2.02)
- स्वमान कमेंटरी | मैं सम्पूर्ण पवित्र पूज्य पावन देव आत्मा हूँ | Avyakt Murli Churnings 07-03-2021
- योग कमेंटरी | मैं ज्ञान-स्वरूप मास्टर-सर्वशक्तिमान सन्तुष्टमणि सेवाधारी हूँ | Avyakt Murli Churnings 07-02-2021
- योग कमेंटरी | पवित्रता का श्रृंगार | Avyakt Murli Churnings 24-01-2021
- कविता | रूहानी माशूक और रूहानी आशिकों की निराली यह महफ़िल | Avyakt Murli Churnings 13-12-2020
Thanks for reading this article on ‘Being full of all attainments! | Avyakt Murli Churnings 20-10-2019’