Belonging to God! | Avyakt Murli Churnings 27-10-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. हम दूर से भी बाबा के बन, उनके स्नेह-लगन में, सब को परिचय देने की सेवा में लगे हुए है (लौकिक-अलौकिक दोनों निभाते, आराम-खाना न देखते हुए)… पवित्रता को सहज स्वीकार कर लिया (हिम्मत-दृढ़ता-पढ़ाई, शान्ति-स्नेह-संग से)
2. पाण्डव समझ गए हैं कि पवित्रता से ही योगी बनते, बाबा का स्नेह पाते, सेवा में सफलता पाते… पुराने संस्कार आते भी बाबा के स्नेह में सब कुर्बान कर बाप-अनुसार चलते, मुहब्बत-स्नेह में मेहनत-सहन आदि सब सहज… रचता-पन होते भी बाप-समान निर्माण-निरहंकारी, सब को रिगार्ड दे आगे बढ़ाने वाले… बाहर के वातावरण मे रहते भी, बाबा की छत्रछाया के अन्दर
3. शक्तियां है स्नेह में लवलीन, सर्व सम्बंधों में मग्न, याद और सेवा में लगी हुई… अलबेलापन-नाजुकपन छोड़, दुनिया के आकर्षण को असार समझ, बाबा को अपना संसार बना लिया, सब कुछ बाबा में लगाकर उड़ती कला में… थकावट-बोज़ आते हुए भी बाप-समान बनने के उमंग में परिवर्तन, तो बाबा भी कहते हिम्मते बच्चें मददे बाप, सफलता जन्मसिद्ध अधिकार, त्याग-तपस्या-सेवा के आगे सब सहज
4. अपनी नवीनता-लगन से सेवा में वृद्धि कर रहे… सच्चे धन, तन-मन को दिल से सफल कर 21 जन्म रिटर्न पाना, यही सर्वश्रेष्ठ जीवन है… अपना आराम न देख, विश्व कल्याण में सकल करना, सब रेटर्न करेंगे… बूंद-बूंद में भी बाबा को याद समाई हुई है
पर्सनल मुलाकात
1. हम भाग्यवान है, भाग्यविधाता के स्थान पर आ गए हैं (दूर होते भी समीप), यही से ही हम भाग्य खिंचते… सिर्फ थोड़ा सा समय देना है, हमें श्रेष्ठ संग मिला है… अल्पकाल की इच्छाओं के पीछे जाने से वह दूर भागते (परछाई-समान), सदाकाल की प्राप्ति अपनाने से सबकुछ मिलता, खुशी हो सबसे बड़ा ख़ज़ाना है
2. हमारा उमंग है, आगे बढ़ने का, वा बाबा के सामने रूहानी गुलाबों का गुलदस्ता लाने का… भल सेवा बड़ी हो, उससे स्थिति भी शक्तिशाली बन जाएंगी… समस्या आए, तो भी लगन से पार, हमें वातावरण शक्तिशाली बनाने की लगन है
सार (चिन्तन)
तो चलिए आज सारा दिन… सदा एक बाबा को अपना संसार बनाए उसके स्नेह-सम्बंध की छत्रछाया में लवलीन रह, सभी कमजोरी को उसके प्यार में कुर्बान कर… सदा उड़ती कला का अनुभव करते, सब को regard दे अपने जीवन को इश्वरीय सेवा में सफल करते, सतयुग बनाते चले … ओम् शान्ति!
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