The divine wonder! | Sakar Murli Churnings 28-10-2019
1. स्वयं ऊँच-ते-ऊँच नॉलेजफुल-बीज़रूप बाप-टीचर-सतगुरु सद्गति-दाता ईश्वर-प्रभु-भगवान्-परमात्मा शिवबाबा इस पुरुषोत्तम-संगमयुग पर ब्रह्मा-तन द्वारा… हमें स्वदर्शन-चक्रधारी बनाते वा राजयोग सीखाते (मुख्य बात, हम आत्माएं भाई-भाई ऊपर परम-शान्ति-मुक्ति धाम से आई है, यहां पार्ट बजाने)… जिस ज्ञान-योग से हम ब्राह्मण से दिव्यगुण-सम्पन्न देवता बन जाते, नई-पवित्र-सुख की दुनिया स्वर्ग-परिस्तान में… हम सारे चक्र को जानते
2. तो रोज़ जरूर पढ़ना है, टीचर से योग भी अवश्य चाहिए… औरों के कल्याण-अर्थ museum आदि खोलते रहना है, पवित्र भी बनना है… विश्व की बादशाही हमारे सामने है
चिन्तन
जबकि बाबा ने हमें अपना परम-ज्ञान दे दिया है… तो उसका प्रत्यक्ष-प्रमाण, सदा अपने जीवन को ज्ञान-योग से श्रृंगार शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न, दिव्यगुणों से भरपूर कर, दिव्य-दर्शनीय-मूर्त बन… सब को आप-समान बनेने की प्रेरणा देते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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