Becoming pure gold! | Sakar Murli Churnings 31-10-2019

Becoming pure gold! | Sakar Murli Churnings 31-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. स्वयं ऊँच ते ऊँच सुप्रीम-भगवान्-ईश्वर शिवबाबा बना है… हमारा बाप (मीठे बच्चे कहते), टीचर (सारे सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का नॉलेजफुल-बीजरूप), सतगुरु (पार ले जाने वाला)… हमें अपने मुलवतन-स्वीट हॉम शान्ति-परम-मुक्तिधाम ले जाते, फिर नई दुनिया-क्षीरसागर-स्वर्ग-सुखधाम में जाएंगे, दिव्य-वस्त्र धारण कर

2. तो अच्छे से पढ़कर अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करना है, जिस राजयोग-योगअग्नि-योगबल से पावन-सच्चा सोना बन जाएंगे… हमें सेन्टर पर अच्छा एकान्त मिलता

चिन्तन

जबकि हमें सच्चा-अमूल्य सोना बनने का सुनहरा अवसर मिला है, तो सदा अपने दिव्य-भविष्य लक्ष्मी-नारायण के स्वरूप को सामने रख… सदा अपने को पवित्र आत्मा समझ पतित-पावन सोनार बाबा की याद द्बारा… सुनहरी शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते, सब को आप-समान सच्चा-सोना बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Becoming pure gold! | Sakar Murli Churnings 31-10-2019’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *