A godly Intellect! | Sakar Murli Churnings 04-11-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. इस संगम पर स्वयं सत्य-चैतन्य-अमर-बीजरूप शिवबाबा हमें टीचर बनकर पढ़ाते-श्रीमत देते, तो हमें भी सब को समझाना है, कि… एक बाप के बच्चें, हम सब आत्माएं भाई-भाई है, शरीर द्वारा पार्ट बजाते… अभी बाबा आए है, हम आत्माओं को फिर से पतित से पावन बनाने, जिससे हम नई-सतोप्रधान दुनिया स्वर्ग-हेवन-वैकुण्ठ के मालिक बनेंगे, श्रेष्ठ-निर्विकारी-देवता रूप में
2. जबकि बाबा ने हमें ईश्वरीय-बुद्धि दी है, तो सदा स्मृति में रहें, हम पढ़ रहें भगवान् से… देह-सहित सबकुछ भूल, अपने को आत्मा समझ एक बाबा को याद करना है (भल माया आए), तब ही पाप-कट हो पावन-सतोप्रधान बनेंगे… बाबा को फोलो कर, खूब सेवा करनी है
चिन्तन
जबकि बाबा न हमें सही-गलत की सत्य समझ, ईश्वरीय-बुद्धि दे दी है… तो सदा उठते ही अपने को श्रेष्ठ संकल्पों से एसा चार्ज कर ले, कि सारा दिन ही बहुत सहज व्यर्थ-मुक्त रहे… बीच-बीच में भी मुरली के कुछ वाक्य पढ़ते-चिन्तन करते, उसका स्वरूप बन… श्रेष्ठ शान्ति-प्रम-आनंद से सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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