Sakar Murli Churnings 14-01-2019

Satyuga image

Sakar Murli Churnings 14-01-2019

1. हम संगमयुग पर है, तो बाबा कलियुग और सतयुग के विभिन्न नामों को याद कर रहे थे… पूछना है कि हम कलियुगी पुरानी दुनिया नर्क (अर्थात विकारी भ्रष्टाचारी डेविल दुनिया) में है या सतयुगी नई दुनिया स्वर्ग (अर्थात निर्विकारी श्रेष्ठाचारी डीटी वर्ल्ड) में

2. अपने को आत्मिक स्थिति में स्थित कर बाबा की यादों में नारायणी नशे में रहना है… अगर इस फरमान का पालन नहीं कर सकते, तो जरूर देह भान में है, और पाप विकर्म हो रहे हैं… तो अपने पर कृपा कर आत्म अभीमानी रहने का पुरूषार्थ करना है

3. पाण्डवों के चित्रा को बड़ा बनाते क्योंकि उनकी बुद्धि बड़ी विशाल थी… तो ऎसी बुद्धि बनाने के लिए रोज़ पढ़ना है, अच्छे से पढ़ना है, और सबको पढ़ाना है (एक एक को समझा सको तो बहुत अच्छा)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के ज्ञान की बातों को बुद्धि में रख, देहभान से न्यारे और बाप के प्यारे रहे… जिससे सहज ही दिव्यगुणों की धारणा, और कमझोरीयों का परिवर्तन होता रहेगा, और हम सतयुगी देवता बन जाएँगे… जिससे दुनिया भी सतयुग बन जाएंगी… ओम् शान्ति!


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