The wonderful drama! | Sakar Murli Churnings 11-12-2019

The wonderful drama! | Sakar Murli Churnings 11-12-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. ड्रामा-अनुसार इस संगमयुग (ट्रांसफ़र हो पुरुषोत्तम बनने के युग) में… रूहानी-बाप हम रूहानी-बच्चों को सत्य-समझ देते, अपनी वा हमारी:

बाप:

  • कौन है?… स्वयं भगवान् (नाम-रूप सहीत, शिव निराकार)
  • कहां रहते?… परम-शान्ति-मुक्ति-निर्वाणधाम घर में
  • किस तन में आते?… ब्रह्मा-तन
  • क्या करते?… पुरानी दुनिया को नई-सतोप्रधान दुनिया स्वर्ग-सुखधाम बनाते… जिसमें हम सदा सुखी-सतोप्रधान देवता-रूप में होंगे

हम:

  • अविनाशी-आत्मा है… 84 जन्मों के अविनाशी पार्टधारी… हीरो-हीरोइन
  • बाबा के मीठे-बच्चें है… जिन्हें अब बेहद-वर्सा मिल रहा

2. जबकि हमनें इतना बाबा को पुकारा-वायदा किया था, तो अब उनका बनअच्छे से पढ़ना है (मनुष्य से देवता बनने की पढ़ाई)… सबकुछ भूल अपने को आत्मा समझ बाबा की याद में लग जाना हैं… टीचर बन करावनहार-बाप के साथ सबको समझाना-कल्याण करना है, तो सबकी आशीर्वाद-ऊँच पद मिलेगा

चिन्तन

जबकि हमें ड्रामा का सर्वश्रेष्ठ-ज्ञान मिला है… तो सदा वर्तमान में श्रेष्ठ स्मृति रख (जो श्रेष्ठ पुरूषार्थ-प्राप्ति अब करेंगे, वह कल्प-कल्प रीपीट होगा), श्रेष्ठ-पुरूषार्थ द्वारा सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न बन… पास्ट को कल्याणकारी-सीन समझ फुल-स्टॉप लगाए, सब पार्टधारी को सहज स्वीकार करते… स्वयं-सर्व का सर्वश्रेष्ठ-स्वर्णिम भाग्य बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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