The power of bodyless stage! | अशरीरी स्थिति | Sakar Murli Churnings 17-12-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. हम रूहानी-बच्चें (छोटी भ्रकुटी-बीच चैतन्य-बिन्दी पार्टधारी-आत्माएं)… अब पुरानी से नई-पुण्य-सुखमई दुनिया स्वर्ग में जा रहे…
2. इसलिए रोज़ अच्छे से इस कमाई की पढ़ाई पढ़… अशरीरी बन, परमात्मा-बाप भगवान्-अल्लाह-खुदा-गॉड की याद द्वारा… दिव्यगुण-सम्पन्न कैरेक्टर जरूर बनाना है (कोई कुछ भी कहे).. तब ही ऊँच-पद बनेगा
3. कोई भूल हो, तो अविनाशी वैद्य-सर्जन को सुनाकर हल्के रहना है (तब ही उनकी दिल जितेंगे)… स्वयं पर खुद ही कृपा करनी है
चिन्तन
जबकि सारे दुःख का बीज देह-भान है, इसलिए अशरीरी-स्थिति ही माया से बचने का आधार है… तो सदा ज्ञान द्वारा आत्म-चिन्तन परमात्म चिन्तन करते, बहुत हल्कि आत्म-अभिमानी स्थिति सारा दिन मेहसूस करते… योग में बैठते सारा ही समय अशरीरी रह, बाबा की किरणें फील करते… बहुत शक्तिशाली-अचल-अड़ोल खुशी-सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले.. ओम् शान्ति!
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