Reserving a first-class seat! | Sakar Murli Churnings 26-12-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. कल्प-पहले जैसे… इस संगम-स्कुल-यज्ञ-ब्रह्मा तन द्वारा… स्वयं परमात्मा-भगवान् रूहानी-परलौकिक शिवबाबा-टीचर-गाइड… हमें सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान (अगम-निगम के भेद, अमरकथा) सुनाते… पहले देवता-धर्म फाउण्डेशन, फिर द्वापर में नीचे गिरते (माया दुःखी करती)
2. अब निराकारी-निरहंकारी बाबा हमारी सेवा पर उपस्थित हो, फिर से माया के दुःखों से छुड़ाने… याद-राजयोग-मन्मनाभव सिखाकर सुखी करते… जिससे फिर गति-सद्गति स्वर्ग-सतयुग में पहुंच जाते (सम्पूर्ण सुखी, बहारी मौसम)
3. फिर जितना पुरूषार्थ करेंगे, तो फर्स्ट-क्लास सीट मिलेंगी (सूर्यवंशी-देवता-मालिक)… औरों की भी ज्योत जगाकर, उनकी मदद करनी है
चिन्तन
जबकि स्वर्ग की टिकट-बुकिंग का यह सर्वश्रेष्ठ समय चल रहा है… तो फर्स्ट-क्लास एयर-condition टिकट प्राप्त करने लिए… अभी से बाबा की याद के एयर-conditioner में मस्त रह… सदा ऊंची अतीन्द्रिय सुख-आनंद-शक्ति से सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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