Becoming victorious every kalpa! | Sakar Murli Churnings 07-01-2020

Becoming victorious every kalpa! | Sakar Murli Churnings 07-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. स्वयं ऊँच ते ऊँच-सुप्रीम सर्वशक्तिमान ज्ञान-सागर त्रिमूर्ति-परमात्मा शिव बाप-टीचर-सतगुरू… प्रजापति ब्रह्मा-माँ में प्रवेश-अकर… हम मीठे-रूहानी ब्राह्मण बच्चों-स्टूडेंट-आत्माओं को…

2. इस चक्र-झाड़-ड्रामा का ज्ञान दे… याद-राजयोग-मन्मनाभव सिखाकर… शक्तिशाली पावन-सतोप्रधान हर्षित-मीठे-सुखदाई-प्रेम से चलने वाला सर्वगुण-सम्पन्न बनाते…

3. और टीचर बन, हम सबकी सेवा करते (भल थोड़ी मेहनत लगे)… जिससे नई दुनिया-स्वर्ग-परिस्तान-हेवन-paradise के वर्से (राजधानी-फूलों के बगीचे में उत्तम-पद पाते)… वाया शान्तिधाम-घर

4. तो अभी श्रेष्ठ पुरूषार्थ कर… कल्प-कल्प लिए श्रेष्ठ प्रालब्ध फिक्स कर देनी है

चिन्तन

जबकि हमारा अब का पुरूषार्थ कल्प-कल्प की नुन्ध बन जाएंगा… तो सदा उठते ही श्रीमत की ढाल पकड़, बाबा से कनेक्शन जोड़, सर्व गुण-शक्ति सम्पन्न बन… सारा दिन अटेन्शन-चिन्तन द्वारा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रहते-करते… रात को भी बाबा की गोद में सोते, अपने श्रेष्ठ जीवन द्वारा सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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