Giving all burdens to Baba! | Sakar Murli Churnings 11-01-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. स्वयं हाइएस्ट-इश्वर पतित-पावन बागवान शिवबाबा-टीचर-सतगुरू… हाइएस्ट-प्रजापिता ब्रह्मा (ग्रेट-ग्रेट ग्रैन्ड फादर) द्वारा… हम मीठे-मीठे सिकिलधे-रूहानी बच्चों-आत्माओं को… ज्ञान-इश्वरीय श्रीमत देते (बाबा रेसपॉन्सिबुलिति लेते)
2. और हम उन्हें चलते-फिरते प्रेम से याद कर… विकर्म-विनाश कमाई करते, लवली-खुशी-नशे में रहते (किसी को दुःख नहीं देते)… सबको फूल बनाने की सेवा करते… समझाते कैसे नई दुनिया-सद्गति-वर्से शिवालय-फूलों के बगीचे-सुखधाम का मालिक बन सकते (श्रेष्ठ-पावन-जीवनमुक्त देवता रूप में)
चिन्तन
जबकि बाबा हमारी जिम्मेवारी लेने तैयार है… तो सदा श्रीमत को सिरमाथे रख, बीच-बीच में बार-बार ज्ञान-चिन्तन से योग के प्रयोग करते… अपने बाबा के साथ कनेक्शन को लम्बा-एकरस बनाकर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न रहते-करते… बेफिक्र बादशाह का जीवन अनुभव करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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